छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के एक प्राइवेट स्कूल में अर्धवार्षिक परीक्षा पेपर में पूछे गए सवाल पर हिंदू, बौद्ध और महावीर समाज ने आपत्ति जताई है। पेपर में आर्य, बौद्ध और महावीर धर्म को लेकर आपत्तिजनक सवाल पूछे गए हैं । तीनों समाज के प्रमुख लोगों ने थाने में शिकायत कर दी है और स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग की गई है।
जिले के सेंट मेरी स्कूल प्रबंधन ने बीते मंगलवार को 6वीं क्लास का हिंदी पेपर लिया था। इसमें प्रश्न क्रमांक 17 एक अपठित गद्यांश दिया गया था,जिस पर विवाद खड़ा हो गया है। प्रश्न में आर्य को घुमक्कड़ बताया गया है। अगर आर्य एक जगह ठहरे होते तो भारत में उनके वंशज नहीं होते। इसी तरह भगवान बौद्ध और महावीर को लेकर भी प्रश्न पत्र में जिक्र किया गया है। इसका समाज प्रमुखों ने कड़ी आपत्ति जताई है।
पुलिस को भेजी शिकायत में बताया कि सेंट मेरी इंग्लिश सिनियर सेकेण्डरी स्कूल रुद्री रोड धमतरी के संचालक, प्रबंधक एवं प्राचार्य के द्वारा अर्धवार्षिक परीक्षा 2022-23 के कक्षा छटवीं के हिन्दी विषय के प्रश्न क्रमांक 17 में अपठित गद्यांश में धार्मिक भावनाओ को आहत करने के आशय से आदिम आर्य भगवान बुद्ध भगवान महावीर स्वामी को घुमक्कड़ बताते हुए एवं उनके संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणी से हिन्दु समाज बौद्ध समाज एवं जैन समाज के अनुयायी के धार्मिक विश्वासो का अपमान विद्वेषपूर्ण आशय से एवं धार्मिक भावनाओं को आहत करने के उद्देश्य से उल्लेख किया है कि आदिम आर्य घुमक्कड़ ही थे। यहाँ वहां घुमते ही रहते थे। घुमते भटकते ही वे भारत पहुँचे थे। यदि घुमक्कड़ी का बाना उन्होने धारण न किया होता यदि वे एक ही स्थान पर रहते तो आज भारत में उनके वंशज न होते। भगवान बुद्ध घुमक्कड़ थे। आज भारत में उनके वंशज न होते।भगवान महावीर घुमक्कड़ थे। वर्षा ऋतु के कुछ महीनो को छोड़कर एक स्थान में रहना बुद्ध के वंशज में नहीं था 35 से 80 वर्ष की आयु तक जब उनकी मृत्यु हुई 45 वर्ष तक ही वे निरंतर घुमते ही रहे।