पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 13 फरवरी से दिल्ली जाने के लिए किसान डटे हुए हैं। किसान आंदोलन का आज 11वां दिन है। किसान-मजदूर मोर्चा (KMM) दिल्ली कूच पर आज फैसला लेंगे। बताया जा रहा है कि आंदोलन कर रहे किसान नेताओं के खिलाफ हरियाणा पुलिस ने देर रात राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्यवाही शुरू कर दी है। अंबाला पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनों के दौरान सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई आंदोलनकारी किसान नेताओं से ही होगी। इसके लिए उनकी संपत्ति कुर्की और बैंक खाते सीज किए जा रहे हैं।
इस बीच अंबाला रेंज के आईजीपी सिबाश कबिराज का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि सभी संबंधितों को यह स्पष्ट किया जाता है कि जिला अंबाला के कुछ फार्म यूनियन नेताओं पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के मामले पर पुनर्विचार किया गया है और यह निर्णय लिया गया है कि इसे लागू नहीं किया जाएगा।
अम्बाला पुलिस ने प्रेस नोट जारी कर कहा -
दिनांक 13 फरवरी 2024 से किसान संगठनो द्वारा किसानों द्वारा दिल्ली कूच को लेकर शम्भू बार्डर पर लगे बैरिकेडस को तोडने के लगातार प्रयास किये जा रहे है व पुलिस प्रशासन पर पत्थर बाजी व हुडदंग बाजी करके कानून व्यवस्था बिगाडने की प्रतिदिन कौशिश की जा रही है। इस दौरान उपद्रवीयो द्वारा सरकारी व प्राईवेट सम्पति को काफी नुकसान पंहुचाया जा चुका है। इस आन्दोलन के दौरान लगभग 30 पुलिस कर्मचारियों को चोटें आई, 01 पुलिस कर्मचारी का बैन हैमरेज व 02 पुलिस कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है।
इस आन्दोलन में कई किसान नेता सक्रिय भूमिका में है और कानून व्यवस्था को बिगाडने का काम कर रहे है। लगातार सोशल मिडिया जैस फेसबुक, व्हटस्प, इन्सटाग्राम, टैलिग्राम इत्यादि के माध्यम से भडकाउ व उकसाने वाले भाषण देकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है एवम सामजिक सौहार्द बिगाडने हेतु लगातार पोस्ट डाली जा रही है व इस आन्दोलन में लगातार भाषण बाजी करके आन्दोलनकारियों का प्रशासन के विरुद्ध भडकाया जा रहा है और प्रशासनिक अधिकारियों, सरकार के विरूद गलत शब्दो को भरपुर प्रयोग किया जा रहा है। आन्दोलन की आड में उपद्रवीयो द्वारा भंयकर उत्पात भी मचाया जा रहा है।
अपराधिक गतिविधियों को रोकने व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 2 (3) राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 (एन०एस०ए० एक्ट) तहत किसान संगठनो के पदाधिकारियों को नजरबंद करने की कार्यवाही प्रशासन द्वारा अमल में लाई जा रही है ताकि आन्दोलन के दौरान कानून व्यवस्था को कायम रखा जा सके व सामाजिक सौहार्द बिगाडने ना पाये।
हालांकि बाद में हरियाणा पुलिस ने सोशल मीडिया पर X पर पुराना पोस्ट डिलीट कर नया बयान जारी किया। पुलिस ने कहा कि वो अब आंदोलनकारियों द्वारा सरकारी और प्राइवेट संपत्ति को पहुँचाए गए नुकसान का आँकलन कर रहे हैं। सबकी भरपाई इन्हीं आंदोलनकारियों की संपत्ति और बैंक खातों को सीज करके की जाएगी। पुलिस की मानें तो उन्होंने इस संबंध में पहले ही सूचित किया था कि अगर सरकारी संपत्ति को नुकसान हुआ तो वह यह कार्रवाई करेंगे। हालाँकि पिछले कुछ दिनों में फिर भी ऐसी घटनाएँ आईं, जिसके बाद पुलिस ने यह नोट जारी किया।
इसके अलावा पुलिस ने एक और ट्वीट में यह जानकारी दी है कि उन्होंने NSA के तहत किसान संगठनों के पदाधिकारियों को नजरबंद करने की तैयारी शुरू कर दी है। अंबाला पुलिस द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया है कि आंदोलन में 30 पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं, 1 पुलिसकर्मचारी का ब्रेम हैमरेज हुआ और 2 की मृत्यु हो गई है। ऐसे में आंदोलन के कई किसान नेता जो सक्रिय भूमिका हैं और कानून व्यवस्था बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। सोशल मीडिया के जरिए भड़काऊ बयानबाजी कर रहे हैं। सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए पोस्टर कर रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों और सरकार के विरुद्ध गलत शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं और उत्पात मचा रहे हैं। ऐसे में अपराधिक गतिविधियों को रोकने व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 2(3) राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 तहत किसान संगठनों के पदाधिकारियों को नजरबंद करने की कार्यवाही पुलिस प्रशासन द्वारा अमल में लाई जा रही है।
ये भी जानकारी आई है कि अंबाला पुलिस की तरफ से भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष और किसान मजदूर मोर्चा के सदस्य अमरजीत सिंह मोहड़ी के घर पर पुलिस का नोटिस चस्पा किया गया है। इसमें लिखा गया है कि अमरजीत सिंह उस प्रदर्शन में अहम भूमिका में है, जो अब उग्र हो रहा है। अगर प्रदर्शनकारी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाते हैं तो फिर मोहड़ी की संपत्ति से भी भरपाई की जा सकती है।