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Current News / झीलों के आसपास शोर, पटाखों, डी जे इत्यादि पर NGT का निर्णय

clean-udaipur झीलों के आसपास शोर, पटाखों, डी जे इत्यादि पर NGT का निर्णय
दिनेश भट्ट (Twitter: @erdineshbhatt) April 14, 2023 08:14 AM IST

डॉ अनिल मेहता की याचिका पर नई दिल्ली के एडवोकेट मैत्रेय पृथ्वीराज घोरपडे ने उदयपुर एडवोकेट भाग्यश्री पंचोली के साथ मिल मजबूती से पक्ष रखा।अनिल मेहता की याचिका पर एन जी टी ने  एक कमिटी का गठन कर रिपोर्ट देने को कहा था। कमिटी मे वन,पर्यावरण  व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार प्रतिनिधि,पर्यावरण विभाग राज्य सरकार  प्रतिनिधि, कलेक्टर उदयपुर,राजस्थान वेटलैंड ऑथोरिटी  प्रतिनिधि,  नगर निगम  प्रतिनिधि,राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल प्रतिनिधि सम्मिलित थे ।

कमिटी द्वारा तैयार अनुषंशाओं को तुरंत  लागू करने का एन जी टी ने आदेश दिया है।शोर प्रदूषण पर एन जी टी का यह फैसला पूरे देश मे शोर प्रदूषण नियंत्रण मे एक मील का पत्थर साबित होगा ।

आदेश के अनुसार  पूरे देश के लिए संदर्भ मे  सी पी सी बी - केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल से पटाखों, बारातों, वाहनों के हॉर्न, लाउड स्पीकर, इनसे हो रहे शोर पर होने वाली शिकायतों के बारे मे विशेष प्रोटोकॉल बनाने पर विचार करे । सी पी सी बी  शोर प्रदूषण पर जन परिवेदना दर्ज करने के लिए एक एप बनाने  पर विचार करें । जिस पर शिकायत कर्ता वीडियो, जी पी एस लोकेशन, फोटो अपलोड कर सके । शिकायत स्वत: संबंधित थानाधिकारी  तक पंहुचे । बीट कोंस्टेबल शोर मापक  मीटर लेकर  लोकशन पर पंहुचे । यदि शोर निर्धारित सीमा से अधिक है तो उस पर कार्यवाही  करें ।

 

उदयपुर के लिए कहा गया है कि राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल से सलाह लेते हुए फतह सागर किनारे के सभी होटल अपने यंहा शोर स्तर  मापक मीटर लगाएं जो सी सी टी वी से जुड़े हों । यदि  सी पी सी बी एप  बना लेता है तो मीटर की रीडिंग इस एप पर रहे ताकि आम जन भी शोर  स्तर को देख सके । सभी  होटल  अपने मुख्य द्वार पर एक डिसप्ले बोर्ड लगाए जिस पर यह प्रमाणित करे कि उनके होटल मे शोर प्रदूषण नही है । डिसप्ले बोर्ड पर  शोर प्रदूषण के दुष्प्रभावों को भी लिखे। 

उदयपुर की सभी झीलों के आसपास निगम व प्रन्यास बोर्ड लगाकर  शोर प्रदूषण के दुष्प्रभावों पर सभी  को जागरूक करें । तकनीकी मार्गदर्शन  से निगम आवासीय, व्यवासायिक, शांत ( साइलेंस) क्षेत्रों का  शीघ्र   निर्धारण करेगा ।हर थाने के पास शोर प्रदूषण स्तर मापक मीटर हो ।धार्मिक जुलूसों, बारातों मे वाहनों पर लगे  डी जे  सिस्टम पर प्रतिबंध होगा, इसकी पालना पुलिस करवाए ।

सज्जनगढ़  वन्य जीव अभ्यारण के ईको सेंसिटिव जोन मे  डीजे, पटाखे नही चले ।  खुले मेरिज गार्डन मे शोर कारी संगीत , ढोल नगाड़े इत्यादि नही बजेगा,  केवल बंद हॉल मे  जंहा साउंड प्रूफिंग है, वंही बजाए जाए  ।

लेजर लाइट, स्पॉट लाइट पर प्रतिबंध रहे ।  फतेह सागर के चारों ओर तथा सज्जनगढ़  वन्य जीव अभ्यारण के ईको सेंसिटिव जोन मे सी सी टी वी केमरे लगे ।

 एन जी टी के जज शिव कुमार सिंह तथा अरुण कुमार वर्मा ने आदेश मे कहा कि एक्सपर्ट रिपोर्ट को लागू कर  17 मई को अनुपालना से अवगत कराया जाए । यदि कलेक्टर तथा निगम को अनुपालना मे कठिनाई है तो एन जी टी को अवगत कराये।

निर्णय पर याचिका कर्ता अनिल मेहता ने कहा कि कलेक्टर शोर प्रदूषण नियंत्रण के इन प्रावधानो  को सभी झीलों सहित पूरे शहर मे लागू कराये ।

मेहता ने कहा कि सज्जन गढ़ अभ्यारण के इको सेंसिटीव जोन सहित प्रतिबंध योग्य गतिविधियों पर 2017 मे केंद्र सरकार गजट नोटिफिकेशन  कर चुकी है । लेकिन स्थानीय प्रशासन व वन विभाग अभी तक प्रतिबंधो की पालना नही करवा पाएं हैं ।

मेहता ने कहा कि झीलों के आसपास, पाल, किनारों पर तेज संगीत, पटाखों  को रोका जाए ।झीलों की परिधि क्षेत्र को  निगम व प्रन्यास तुरंत साइलेंस जोन तथा वाहन  हॉर्न मुक्त  क्षेत्र घोषित करें  ।

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