04 जनवरी 2022 : चीनी ड्रैगन अपनी कारगुज़ारियों से कभी बाज नहीं आता है। कुछ दिन पहले चीन ने जहाँ अरुणाचल प्रदेश में नाम बदलने और भारतीय सांसदों को पत्र लिखने का काम किया। चीन ने अरुणाचल प्रदेश में भारतीय इलाकों के नाम बदल दिए थे। चीन ने अरुणाचल प्रदेश में 15 और स्थानों के लिए चीनी अक्षरों, तिब्बती और रोमन वर्णमाला के नामों की घोषणा की है।
वही 1 जनवरी 2022 के दिन चीनी ड्रैगन ने लद्दाख की गलवान घाटी का एक वीडियो जारी किया था। इस वीडियो में चीनी सैनिक नए साल की बधाई देते नजर आ रहे थे। भारतीय सीमा के पास मौजूद ये चीनी सैनिक कह रहे हैं कि हम चीन की सीमाओं की रक्षा करेंगे। इनके पीछे पहाड़ी पर लिखा था, 'कभी भी एक इंच जमीन नहीं देंगे।'
नए साल के मौके पर पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Valley) से चीनी सैनिकों का वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि चीन को जवाब देना होगा, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुप्पी तोड़नी चाहिए।
हालांकि भारत ने आधिकारिक रूप से इन दोनों वीडियो पर कोई जवाब नहीं दिया लेकिन कुछ सोशल मीडिया एकाउंट्स पर 1 जनवरी 2022 को LAC पर नववर्ष का स्वागत करते भारतीय सैनिकों के फोटो पोस्ट हुए है । फोटो में साफ देखा जा सकता है गलवान में भारतीय तिरंगा शान से फहरा रहा था और आसपास काफी बर्फ भी पड़ी दिखाई दे रही है । सोने पर सुहागा वाली बात इन फ़ोटो में ये रही कि इन फोटोज में भारतीय तिरंगे के साथ तिब्बत का ध्वज भी दिखायी दे रहा है। मतलब साफ है कि इन नए फ़ोटो से चीन को जल्द पेट में मरोड़ उठने वाले है।
चीन के प्रोपैगैंडा वीडियो में कहीं बर्फ नहीं थी।इससे ये स्पष्ठ है कि चीन द्वारा फैलाया गया वीडियो गलवान का था ही नहीं या भारत के हिस्से का तो कतई नहीं था।
इसी घटनाक्रम पर राहुल गांधी ने रविवार को ट्वीट करते हुए कहा - “गलवान पर हमारा तिरंगा ही अच्छा लगता है। चीन को जवाब देना होगा। मोदी जी, चुप्पी तोड़ो !”
जैसे ही चीनी एकाउंट से वीडियो जारी हुआ तो इधर कई पत्रकार और नेता मोदी को सोशल मीडिया पर घेरने लग गए। जहाँ कांग्रेस के बी श्रीनिवास और राहुल गाँधी सरकार को इस मुद्दे पर आड़े हाथों लेने की कोशिश करते नज़र आये तो वही कुछ तथाकथित पत्रकार भी इनके सुर में सुर लगाने की कोशिशों में लग गए और किसी ने ये जानने की कोशिश नहीं की , क्या वास्तव में चीन ने गलवान से भारत की भूमि से वीडियो बनाया है या प्रोपेगैंडा फैलाने के लिए ऐसा किया है।
सोशल मीडिया पर लोग ये भी कहते नजर आये कि जनवरी में बिना बर्फ के गलवान घाटी का दिखना संभव नहीं है और चीन ने अपनी जमीन पर वीडियो बनाकर भारत में राजनीतिक फायदे के लिए प्रोपोगैंडा फ़ैलाने की कोशिश की है।
वही कुछ डिफेन्स एक्सपर्ट ने बताया है कि चीन ने जिस क्षेत्र से वीडियो बना कर जारी किया है वो क्षेत्र LAC से दूर चीनी क्षेत्र में है और GEO कॉर्डिनेट्स भी ऐसा ही बता रहे है। चीन इस तरह के फेक वीडियो और सूचनाएँ फैलाकर भारत में मोदी विरोधी गतिविधियों को हवा देने की कोशिश में लगा है और हाइब्रिड वारफेयर लड़ाई में अपने कदम आगे बढ़ा रहा है।