उदयपुर 04 जनवरी 2022 : कोरोना के नए वैरिएंट बार-बार सामने आ रहे हैं। पिछले साल भी ऐसा घटनाक्रम देखने को मिला कि डेल्टा के बाद ओमिक्रोन ने धीरे धीरे दुनिया को अपनी जद में लेना शुरू कर दिया।नए वैरिएंट कितने खतरनाक हो सकते है, इसको लेकर अभी भी अध्ययन चल रहा है।
वैज्ञानिकों के अनुसार नया वैरिएंट दो स्तर पर खतरनाक हो सकता है या तो उसमें मृत्यु दर अधिक हो या फिर संक्रमण दर। कोरोना व ओमिक्रॉन के खतरे के बीच फ्रांस में एक और नए वैरिएंट की पहचान हुई है। इस नए वैरिएंट से दक्षिणी फ्रांस में 12 लोग संक्रमित हो गए हैं। वैज्ञानिकों ने इसकी पहचान B.1.640.2.के रूप में की है।
इस नए वैरिएंट में अब तक 46 म्यूटेशन देखे गए हैं। हालांकि, यह कितना खतरनाक है और इसके संक्रमण की दर कितनी रहेगी, इसको लेकर अभी रिपोर्ट सामने नहीं आई हैं।
जिन व्यक्तियों में नया वैरिएंट पाया गया है, वे कैमरून ने वापस लौटे थे। ऐसे में यह संक्रमण दक्षिण अफ्रीकी देशों में फैल सकता है।
नया वैरिएंट वैक्सीन को भी दे सकता है मात
जिन 12 लोगों में कोरोना के नए वैरिंएट की पहचान हुई है, उसमें एक असामान्य संयोजन देखा गया है। 46 म्यूटेशन के साथ नया वैरिएंट वैक्सीन को भी मात दे सकता है। ऐसा लगता है मानो नए वैरिएंट खुद में कोरोना टीके की प्रतिरक्षा तैयार कर रहे हैं।
वायरस की गंभीरता उसमें होने वाले म्यूटेशन के आधार पर तय की जाती है और कोरोना का जो नया वैरिएंट फ्रांस में मिला है, उसमें 46 म्यूटेशन देखे गए हैं। इससे एक बात साफ हो जाती है कि यह नया वैरिएंट काफी खतरनाक साबित हो सकता है। हालांकि,इस पर शोध होना बाकी है। शुरुआती डेटा से पता चला है कि इस नए वैरिएंट की फिलहाल ज्यादा संक्रमण दर नहीं है। वैज्ञानिकों को चिंता इस बात की है कि नया वैरिएंट फ्रांस की सीमा के बाहर ब्रिटेन में प्रवेश कर सकता है।
अब तक मिले वैरिएंट से काफी अलग है B.1.640.2.
कोरोना के अभी तक जितने भी वैरिएंट सामने आए हैं,उन सबसे यह वैरिएंट काफी अलग है क्योंकि वैज्ञानिकों को अभी तक B.1.640.2.में ऐसा कुछ भी नहीं मिला है, जो अब तक सामने आए वैरिएंट में हो। इस वैरिएंट में असामान्य संयोजन देखे गए हैं, वैज्ञानिकों का कहना है कि नया वैरिएंट कई आनुवांशिक परिवर्तनों को दिखाता है। इसकी खोज मेडिटरेनी इंफेक्शन यूनिवर्सिटी हॉस्टपिटल इंस्टीट्यूट ने की है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से अब तक इस नए वैरिएंट पर कोई भी जांच शुरू नहीं की गई है।
कोरोना के इस नए वैरिएंट का पहला मामला नवंबर में सामने आया था, लेकिन दुनिया भर के वैज्ञानिकों का ध्यान इस पर अब गया है। दावा किया जा रहा है कि जो पहला व्यक्ति इस नए वैरिएंट से संक्रमित था, वह पूरी तरह से टीकाकरण करवा चुका था। नवंबर में वह तीन दिन की कैमरून की यात्रा कर फ्रांस लौटा था। यहां उसको सांस लेने में तकलीफ महसूस हुई, जिसके बाद उसका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया। वैज्ञानिकों ने जब इस वैरिएंट पर शोध किया तो नतीजों ने सभी को चौंका दिया।