भीलवाड़ा, 07 फरवरी 2022 : नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने राजस्थान के भीलवाड़ा में पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने पर हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने वेदांता समूह की फर्म हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड पर राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में पर्यावरण मानदंडों के उल्लंघन के लिए 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाते हुए कहा कि पर्यावरण कानून के उल्लंघन को हल्के में नहीं लिया जा सकता है, खासतौर से तब जबकि उल्लंघनकर्ता मौजूदा परियोजना प्रस्तावक (पीपी) हैं और पीड़ित गरीब ग्रामीण हैं।
एनजीटी (NGT) ने कहा कि पर्यावरण को हुए नुकसान से हुरदा ब्लॉक में छह से अधिक पंचायतों के लोग प्रभावित हुए हैं।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ के आदेश के तहत हिंदुस्तान जिंक को तीन महीने के अंदर जिला मजिस्ट्रेट, भीलवाड़ा के पास 25 करोड़ रुपये की राशि जमा करनी होगी।
एनजीटी (NGT) ने यह भी निर्देश दिया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला मजिस्ट्रेट, भीलवाड़ा की एक संयुक्त समिति किसी अन्य विशेषज्ञ की सहायता से क्षेत्र में निवासियों और मवेशियों के लिए स्वास्थ्य सुधार कार्यक्रम के अलावा मिट्टी और भूजल की गुणवत्ता को सुधारने के लिए एक योजना तैयार कर सकती है।
याचिका भीलवाड़ा जिले के तहसील हुर्द के अगुचा, रामपुरा, बारंतिया, कोटरी, भोजरस, बारला, हुर्दा, भेरुखेड़ा और कोठिया पंचायत के कुछ ग्रामीणों ने दायर की थी। याचिका में बताया गया कि इलाके में करीब 12 सौ हेक्टेयर में हिन्दुस्तान जिंक की खानें पसरी हैं जो पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करती है। इन खानों में हिन्दुस्तान जिंक की ओर से भूमिगत ब्लास्टिंग की जाती है जिससे इलाके के ग्रामीणों को पेयजल में प्रदूषण की समस्या के अलावा दमा और चर्मरोग की समस्या होती है।