कोहिमा 28 दिसंबर 2021: नागालैंड के मोन जिले में हाल ही में हुई हत्याओं के बाद, कोन्याक सिविल सोसाइटी ऑर्गनाइजेशन (सीएसओ) ने बिना वर्दी और बंदूक के जांच करने की शर्त पर जमीनी स्तर पर सेना को जांच की अनुमति दी है।
कोन्याक सीएसओ - कोन्याक यूनियन (केयू), कोन्याक न्युपुह शेको खुंग (केएनएसके), और कोन्याक स्टूडेंट्स यूनियन (केएसयू) के अध्यक्षों ने एक संयुक्त बयान के माध्यम से सूचित किया कि उसने भारतीय सेना को जांच करने की अनुमति देने दी है लेकिन चेतावनी दी है कि कोई भी जाँच करने वाला बिना हथियार और वर्दी के आना चाहिए।
इस संबंध में राज्य सुरक्षा से जांच समिति के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक व्यवस्था और प्रोटोकॉल की प्रतिनियुक्ति करने की अपील की है। जहां कोन्याक सीएसओ ने 4 दिसंबर को हुए ओटिंग नरसंहार के लिए न्याय दिलाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की तत्परता की सराहना की है, वहीं नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफिउ रियो, डिप्टी सीएम वाई पैटन और एनपीएफ विधायक दल के नेता टीआर जेलियांग द्वारा की गई पहल को भी सराहा है।
23 दिसंबर को दिल्ली में ओटिंग नरसंहार के बारे में वास्तविक घटनाओं और कहानियों को प्रमाणित करने और चित्रित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के दौरान ग्राउंड जीरो से कोई प्रतिनिधि नहीं था। इसने अफस्पा को निरस्त करने के लिए गठित जांच समिति में ग्राउंड जीरो सदस्य को शामिल नहीं किए जाने पर भी चिंता व्यक्त की गयी है। कहा गया है कि केवल ग्राउंड जीरो के नागरिक ही कठोर कानून के तहत इतने दशकों तक नागरिकों की अनकही पीड़ाओं को चित्रित करने में सक्षम होंगे।