जयपुर, 17 जून। राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने कहा कि भारत ज्ञान विज्ञान में विश्वभर में अग्रणी रहा है। उन्होंने कहा कि विदेशी आक्रांताओं ने हमारी धरोहर को अपनाकर उसे निरंतर अपना बताया हैं। उन्होंने नई पीढ़ी को अतीत की धरोहर से जुड़े संग्रहालयों से जोड़कर प्राचीन ज्ञान की आधुनिकी के लिए कार्य करने का आह्वान किया है।
श्री बागडे ने मंगलवार को श्री संजय शर्मा म्यूजियम एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के भ्रमण के दौरान यह बात कही। उन्होंने संग्रहालय में प्राचीन भारत के ज्ञान विज्ञान और आविष्कारों से जुड़ी दुर्लभ वस्तुओं का अवलोकन किया और कहा यह सब भारत के विश्वगुरु होने का प्रमाण है।
राज्यपाल ने संग्रहालय में कागजों के निर्माण से लेकर समय गणना के यंत्रों, कलाकृतियों और विज्ञान से जुड़े संदर्भों का भी अवलोकन किया। उन्होंने वहां संगृहीत पुरा वस्तुओं, कलाकृतियों और प्राचीन इतिहास और ज्ञान विज्ञान से जुड़ी दुर्लभ पांडुलिपियों का विशेष रूप से अवलोकन किया। उन्होंने संग्रहालय में भारत के विभिन्न प्रांतों से जुड़ी संस्कृति, धरोहर और प्राचीन वस्तुओं के इस संग्रह को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि निजी स्तर पर किया यह प्रयास सराहनीय है।
राज्यपाल ने प्राचीन अंक गणना, ज्योतिष, खगोलीय गणना और पंचाग से जुड़े समय सिद्धांतों की दुर्लभ कलाकृतियां, प्राचीन यंत्रों और देश के विभिन्न भागों के कला स्कूलों की कला कृतियों का बारीकी से अवलोकन किया। इतिहास से जुड़े महत्वपूर्ण संदर्भों के कलात्मक संग्रह को उन्होंने राज्य की अनुपम धरोहर बताया। उन्होंने कहा कि संग्रहालय इतिहास की वह खिड़की है, जिससे अतीत को जान समझ कर भविष्य की राह बनाई जाती है।
राज्यपाल को संग्रहालय पहुंचने पर वहां की विभिन्न दीर्घाओं में संग्रहित वस्तुओं के बारे में सचिव तिलक शर्मा ने जानकारी दी।