25 जुलाई 2022 :दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने मरीज के संपर्क में आए 13 लोगों को 21 दिन के लिए आइसोलेट कर दिया है। इन 13 लोगों में मरीज के करीबी, दोस्त के साथ मरीज का सबसे पहले इलाज करने वाले डॉक्टर, वहां के रिसेप्शनिस्ट और स्टाफ नर्स भी शामिल हैं। सभी लोगों को उनके अपने घरों में ही आइसोलेट किया गया है।
मामले की जानकारी बीते शुक्रवार को मिलने के बाद ही संदिग्ध को एलएनजेपी में भर्ती कर दिया गया था। रविवार को जांच रिपोर्ट में मंकीपॉक्स की पुष्टि हो गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को जारी एक बयान में कहा कि दिल्ली का 34 साल का एक शख्स एलएनजेपी अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है। उसकी हालत में सुधार हो रहा है। संक्रमित के करीबी संपर्कों की पहचान कर ली गई है और स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार उनको आइसोलेशन में रखा गया है।
आपको बताते चले कि मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है जिसे आमतौर पर त्वचा के घावों के साथ बुखार, दाने और सूजी हुई लिम्फ नोड्स से पहचाना जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कहा कि मंकी पॉक्स के मरीज चार हफ्ते के भीतर ठीक हो जाते हैं।
मंकीपॉक्स एक हल्का संक्रमण है, इसके लक्षण चेचक के समान होते हैं। वहीं, सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसीन, एम्स के एडिशनल प्रोफेसर हर्षल साल्वे ने कहा, 'मंकीपॉक्स मनुष्यों में श्वसन बूंदों और रोगियों के शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क से फैलता है। हॉस्पिटल की निगरानी और मामलों में आइसोलेशन से संक्रमण के प्रसार की रोकथाम की जा सकती है।