जयपुर, 28 जून। वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संजय शर्मा ने षनिवार को अलवर के सरिस्का में बाघिन एसटी-2 राजमाता के स्मारक का अनावरण किया।
वन राज्यमंत्री श्री शर्मा ने अलवर जिलेवासियों को सरिस्का दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सरिस्का टाईगर रिजर्व अलवर की पहचान है तथा इसके संरक्षण एवं संवर्धन के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरिस्का टाईगर रिजर्व क्षेत्र को आबाद करने में बाघिन एसटी-2 राजमाता की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि देश में टाईगर का यह प्रथम स्मारक है। वन विभाग की ओर से यह स्मारक बाघिन राजमाता को सच्ची श्रद्धांजलि है। यह शावको के साथ यह प्रतिमा राजमाता की स्मृति को चिरस्थाई बनाये रखेगी। यहां आने वाले पर्यटक सरिस्का टाईगर रिजर्व को गुलजार करने में उनके योगदान से रूबरू हो सकेंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार पर्यावरण, वन्यजीव एवं वन क्षेत्रों के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में निरन्तर सकारात्मक भाव के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक स्रोतों के दोहन से प्रकृति में असंतुलन उत्पन्न हुआ है इसे संतुलित करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार समन्वित प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की पहल और केंद्रीय वन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव के प्रयासों से केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा चार राज्यों में फैली अरावली पर्वत श्रंखला का संरक्षण कर उसे हराभरा बनाने का कार्य किया जा रहा है, इससे अरावली पर्वत श्रृंखला से निकलने वाली नदियां भी पुनर्जीवित होगीं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पर्यावरण संरक्षण की दिशा में शुरू की गई पहल एक पेड मां के नाम के तहत मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में विगत वर्ष करीब साढे सात करोड पौधे लगाए गए, वहीं इस वर्ष करीब 10 करोड से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसे सामूहिक प्रयासों से पूरा किया जाएगा। विगत वर्ष प्रदेश में किए गए पौधारोपण कार्य की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में विशेष उल्लेख कर सराहना की है। उन्होंने कहा कि बजट घोषणा में स्वीकृत टहला से राजौरगढ सडक निर्माण की केंद्र एवं राज्य के वन विभाग द्वारा अनुमति दे दी गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने वन क्षेत्रों से विस्थापित होने वाले परिवारों की पीडा को समझते हुए नए प्रस्तावों बजट में घोषणा की है जिससे न केवल विस्थापित परिवारों को लाभ होगा बल्कि वन एवं वन्यजीवों का भी बेहतर संरक्षण होगा।
इस अवसर पर उन्होंने सरिस्का के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्मिकों को सम्मानित किया। साथ ही सरिस्का अभयारण्य पेट्रोलिंग आदि कार्य के लिए पेट्रोनेट एलएनजी लि. द्वारा भेंट किए गए एक वाहन को सरिस्का के सीसीएफ को सौंपा। उन्होंने बाघिन एसटी-2 राजमाता की याद में स्मारक के पास पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
उल्लेखनीय है कि बाघिन एसटी-2 राजमाता बाघ का परियोजना क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान रहा है। बाघिन एसटी-2 वर्ष 2008 में रणथम्भौर टाईगर रिजर्व से बाघ परियोजना क्षेत्र सरिस्का में आई तथा पुनःस्थापित की गई पहली मादा है। अप्रैल 2004 में प्रसिद्ध बाघिन मछली टी-16 और बाघ टी-2 की संतान के रूप में जन्मी एसटी-2 ने भारत की सबसे प्रतिष्ठित बाघ वंशावली को आगे बढाया। 19 साल और 8 महीने तक जीवित रहकर वह भारत की सबसे अधिक उम्र तक जीवित रहने वाली बाघिन बनी। यह सरिस्का में बाघों के पूर्ण विलुप्त होने के बाद सबसे पहले शावकों को जन्म देने वाली बाघिन थी जिससे यहां बाघों की आबादी को नया जीवन मिला। एसटी-2 के वंशजों की संख्या लगभग 34 बाघों तक पहुंची जो वन्यजीव संरक्षण की सफलता का प्रतीक है।
इस अवसर पर थानागाजी विधायक श्री कान्ति प्रसाद मीणा ने वन व वन्यजीव संवर्धन पर बल देते हुए स्थानीय समस्याओं से भी अवगत कराया। अतिरिक्त वन्यजीव प्रतिपालक श्री राजेश गुप्ता ने वर्ष 2008 में सरिस्का अभयारण्य के डीएफओ रहते समय बाघ विस्थापन और सरिस्का के आबाद होने के बारे में विस्तार से अवगत कराया।