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clean-udaipur राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय
Dinesh Bhatt July 15, 2025 08:38 AM IST
जयपुर, 14 जुलाई। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित मंत्रिमण्डल की बैठक में नियोजित नगरीय विकास को प्रोत्साहन देने, मेडिकल ट्यूरिज्म को बढ़ावा देने, अक्षय ऊर्जा सहित ऊर्जा क्षेत्र के विकास, कर्मचारी कल्याण एवं विभिन्न संवर्गों के कार्मिकों के लिए पदोन्नति के अधिक अवसर उपलब्ध करवाने से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए।
उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेम चन्द बैरवा, संसदीय कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल तथा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री सुमित गोदारा ने पत्रकार वार्ता में बताया कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की मंशा के अनुरूप राजस्थान को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं और बुनियादी ढांचे के साथ प्रमुख मेडिकल टूरिज्म हब बनाने के उद्देश्य से मंत्रिमण्डल की बैठक में मेडिकल वैल्यू ट्रेवल पॉलिसी (हील इन राजस्थान नीति-2025) के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। यह नीति राजस्थान को सुलभ, किफायती लागत और भरोसेमंद मेडिकल वैल्यू ट्रेवल (एम.वी.टी.) डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करेगी। यह नीति स्वास्थ्य और पर्यटन क्षेत्रों को एकीकृत करके आर्थिक विकास, रोजगार सृजन, और वैश्विक ब्रांडिंग को बढ़ावा देगी। इस नीति के तहत निवेशकों को राजस्थान निवेश संवर्धन योजना (रिप्स), राजस्थान औद्योगिक विकास नीति और पर्यटन नीति के तहत प्रोत्साहन उपलब्ध कराये जायेंगे तथा पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप और वायबिलिटी गैप फंडिंग का भी उपयोग किया जाएगा।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने बताया कि हील इन राजस्थान नीति-2025 से गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के साथ एमवीटी से जुड़े डिजिटल इकोसिस्टम का विकास सुनिश्चित होगा। मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित हो सकेंगे। पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों जैसे आयुर्वेद, योग, यूनानी, और सिद्ध को भी बढ़ावा दिया जायेगा। इस पॉलिसी के तहत एक समर्पित एमवीटी सेल की स्थापना की जायेगी तथा एमवीटी सुविधा प्रदाता और सेवा प्रदाताओं को प्रमाणित किया जायेगा। पॉलिसी के तहत एमवीटी पोर्टल और मोबाइल एप विकसित किया जायेगा एवं टेलीमेडिसिन, बायोटेक्नोलॉजी और एप-आधारित डायग्नोस्टिक्स में प्रगति को बढ़ावा दिया जायेगा। साथ ही, टेलीकंसल्टेशन और बहुभाषी हेल्पलाइन सेवाएं स्थापित की जाएगी। 
टाउनशिप पॉलिसी-2024 का अनुमोदन
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए नियोजित विकास को बढ़ावा देने के लिए नवीन टाउनशिप पॉलिसी-2024 लाई जाएगी। इस नीति के क्रियान्वयन, निगरानी एवं समीक्षा हेतु राज्य स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा, जिससे शहरी योजनाओं के विकास में आने वाली समस्याओं का त्वरित निदान हो सकेगा।
उन्होंने बताया कि इस नीति में सभी क्षेत्रफल की आवासीय योजनाओं में एकरूपता के दृष्टिगत 7 प्रतिशत पार्क व खेल मैदान एवं 8 प्रतिशत सुविधा क्षेत्र का प्रावधान किया गया है। योजना के पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी होने के पश्चात विकास कार्यों का रख रखाव 5 वर्ष की अवधि अथवा योजना के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को हस्तान्तरण किया जाने तक योजना के 2.5 प्रतिशत भूखण्ड रहन रखे जाने का प्रावधान किया गया है। मिश्रित भू-उपयोग, ग्रुप हाउसिंग, फ्लैट आवास, एकीकृत योजना, वाणिज्यिक भू-उपयोग की योजना हेतु इस नीति में नवीन प्रावधान रखे गये हैं।
उन्होंने बताया कि औद्योगिक योजनाओं में श्रमिकों के निवास हेतु न्यूनतम 5 प्रतिशत क्षेत्रफल के भूखण्ड का प्रावधान किया गया है। सभी योजनाओं में आर्थिक रूप से कमजोर एवं अल्प आय वर्ग हेतु आरक्षित भूखण्डों का आवंटन स्थानीय निकाय के माध्यम से किये जाने का प्रावधान रखा गया है। राज्य के सभी नगरीय क्षेत्रों में सेक्टर सडकों के निर्माण एवं उनके सहारे व्यावसायिक पट्टी के विकास हेतु जेडीए की सेक्टर कॉमर्शियल पॉलिसी की तर्ज पर आपसी सहमति से भूमि अवाप्ति कर कार्यवाही किये जाने के प्रावधान किये गये हैं। साथ ही, सभी योजनाओं में वर्षा जल संचयन और अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण के प्रावधान सम्मिलित किये गये हैं। 
राजस्थान सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) नीति, 2025 का अनुमोदन
श्री गोदारा ने बताया कि गैस आधारित अर्थव्यवस्था को बढावा देने के लिए राजस्थान सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) नीति, 2025 का अनुमोदन भी आज मंत्रिमंडल द्वारा किया गया। इससे राज्य में कार्बन उत्सर्जन घटाने में मदद मिलेगी और स्वच्छ, सुरक्षित व पर्यावरण अनुकूल प्राकृतिक गैस की पहुंच आमजन तक सुलभ हो सकेगी। इस नीति से सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) के इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही इससे पीएनजी एवं सीएनजी नेटवर्क का छोटे शहरों व नगरों में तेजी से विस्तार हो सकेगा। इस नीति में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के लिए अनुमति, भूमि आवंटन एवं अनुमोदन की प्रक्रिया को समयबद्ध एवं सरल बनाया गया है।इसके लिए सीजीडी पोर्टल भी विकसित किया जाएगा। यह नीति 31 मार्च 2029 तक अथवा अन्य नीति लागू होने तक प्रभावी रहेगी।
ऊर्जा क्षेत्र में 3 ज्वाइंट वेंचर कंपनियों से आएगा 11 हजार 200 करोड़ का निवेश
श्री पटेल ने बताया कि 8 अगस्त 2024 और 29 सितम्बर 2024 को राज्य सरकार और 3 केन्द्रीय पीएसयू के बीच हुए एमओयू की अनुपालना में तीन ज्वाइंट वेंचर कंपनियों के गठन के प्रस्तावों को भी आज मंजूरी दी गई। इन जेवी कंपनियों में राज्य सरकार की कंपनियों की शेयर हॉलिं्डग के लिए वर्तमान परिसंपत्तियों से अंश पूंजी की व्यवस्था की जाएगी। इन जेवी से राज्य में अक्षय ऊर्जा क्षमता बढ़ेगी, जो बिजली की पीक लोड डिमांड को पूरा करेगा। साथ ही, बिजली उत्पादन में प्रदेश के वित्तीय भार में कमी आएगी।
उन्होंने बताया कि इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड और आरवीयूएनएल के बीच स्थापित होने वाली जे.वी. में हिस्सेदारी क्रमशः 74 प्रतिशत और 26 प्रतिशत रहेगी। इसमें आरवीयूएनएल के सोलर पार्क में 500 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजना स्थापित की जाएगी। इस परियोजना से 2,000 करोड़ रुपये का प्रदेश में निवेश होगा। इसी प्रकार, अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए ऑइल इंडिया लिमिटेड एवं आरवीयूएनएल के मध्य ज्वाइंट वेंचर भी बनाई जाएगी। यह उपक्रम एक हजार मेगावाट की सौर ऊर्जा और 200 मेगावाट पवन ऊर्जा क्षमता की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना करेगा। 50-50 प्रतिशत की शेयरधारिता वाली इस जेवी के माध्यम से प्रदेश में 5,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। 
उन्होंने बताया कि गेल (इंडिया) लिमिटेड और आरवीयूएनएल के बीच 50-50 प्रतिशत की शेयरधारिता वाली जेवी की स्थापना की जाएगी। इस जेवी कम्पनी को गैस आधारित धौलपुर पावर प्लांट की 300 मेगावाट क्षमता की व रामगढ़ पावर प्लांट की 270.50 मेगावाट क्षमता की मौजूदा इकाइयों का हस्तान्तरण किया जाएगा। गेल इन दोनों पावर प्लांटों के संचालन के लिए गैस की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा। इससे इन पॉवर प्लांटों के संचालन और दक्षता में बढ़ोतरी होगी। यह जेवी 750 मेगावाट की सौर ऊर्जा व 250 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजना की स्थापना भी करेगी। इससे राज्य में लगभग 4200 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
प्रक्रियाधीन भर्ती में रिक्तियों की संख्या में सौ प्रतिशत तक वृद्धि का प्रावधान
उपमुख्यमंत्री डॉ. बैरवा ने बताया कि वर्तमान में विविध सेवा नियमों में विज्ञापित रिक्तियों की संख्या का 50 प्रतिशत तक वृद्धि कर चयन किये जाने का प्रावधान है। वर्ष 2024-25 की बजट घोषणा की अनुपालना में इसे बढ़ाते हुए विज्ञप्ति जारी होने के बाद भी रिक्तियों की संख्या में सौ प्रतिशत तक वृद्धि का प्रावधान करने का निर्णय किया गया है। इस संशोधन से प्रक्रियाधीन भर्ती के दौरान उसी भर्ती में अधिक संख्या में रोजगार उपलब्ध हो सकेंगे एवं इससे विभागों में रिक्त पदों की संख्या में कमी आएगी।
कार्मिकों को पदोन्नति हेतु वांछित अनुभव में 2 वर्ष का शिथिलन
डॉ. बैरवा ने बताया कि मंत्रिमंडल ने कार्मिकों के हित को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2025-26 में पदोन्नति हेतु नीचे के पद पर वांछित अनुभव अथवा सेवा अवधि में 2 वर्ष का शिथिलन दिए जाने का निर्णय किया है। यह शिथिलन ऐसे कार्मिकों को दिया जा सकेगा, जिन्होंने वर्ष 2023-24 तथा 2024-25 के दौरान वांछित अनुभव या सेवा अवधि में कोई शिथिलन नहीं लिया है। कार्मिक परिवीक्षाकाल के दौरान पदोन्नति के लिए पात्र नहीं होंगे। इसके लिए विभिन्न सेवा नियमों में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि शासन सचिवालय सेवा (मंत्रालयिक संवर्ग) के कार्मिकों को पदोन्नति के समुचित अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राजस्थान सचिवालय सेवा नियम-1954 में संशोधन किया जाएगा। इसके अनुसार वरिष्ठ उप शासन सचिव एवं उप शासन सचिव पदों के लिए निर्धारित अनुपात 13ः10 के स्थान पर 16ः10 में संशोधित किया जाएगा।
परिवर्तित पदनाम एवं नवीन पद सेवा नियमों में शामिल
उपमुख्मयंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा कृषि विभाग में कृषि विस्तार सेवाओं के सुदृढ़ीकरण एवं कृषि विस्तार संवर्ग में कृषि पर्यवेक्षक (लेवल-5) को पदोन्नति के अवसर देने के लिए वरिष्ठ कृषि पर्यवेक्षक (लेवल-10) का पद सृजित किया गया है। इसे अब तक सेवा नियमों में शामिल नहीं किया जा सका था। अब मंत्रिमंडल के अनुमोदन के बाद वरिष्ठ कृषि पर्यवेक्षक के पद का पे-लेवल राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम-2017 में सम्मिलित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पशुपालन विभाग में पशुपालन अधीनस्थ सेवा में पशुधन सहायक के परिवर्तित पदनाम पशुधन निरीक्षक, पशु चिकित्सा सहायक के परिवर्तित पदनाम पशुधन प्रसार अधिकारी एवं सहायक सूचना अधिकारी के परिवर्तित पदनाम वरिष्ठ पशुधन प्रसार अधिकारी को और इस कैडर में पदोन्नति के अधिक अवसर देने के लिए सृजित नवीन पद मुख्य पशुधन प्रसार अधिकारी (लेवल-12) को भी सेवा नियमों में शामिल किया जा रहा है। ¬
उन्होंने बताया कि उद्योग एवं वाणिज्य विभाग में सहायक निदेशक के परिवर्तित पदनाम सहायक आयुक्त उद्योग एवं वाणिज्य, उप निदेशक के परिवर्तित पदनाम उप आयुक्त उद्योग एवं वाणिज्य, संयुक्त निदेशक के परिवर्तित पदनाम संयुक्त आयुक्त उद्योग एवं वाणिज्य, अतिरिक्त निदेशक के परिवर्तित पदनाम अतिरिक्त आयुक्त उद्योग और वरिष्ठ अतिरिक्त निदेशक के परिवर्तित पदनाम वरिष्ठ अतिरिक्त आयुक्त उद्योग एवं वाणिज्य को राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम-2017 में शामिल किया जा रहा है। 
उन्होंने बताया कि वाहन चालकों के एकल पद पर पदोन्नति के अवसर देने के लिए वरिष्ठ वाहन चालक (लेवल-8), वरिष्ठ वाहन चालक ग्रेड-प्रथम (लेवल-10) एवं मुख्य वाहन चालक (लेवल-11) के पद सृजित किये गये हैं। इसी प्रकार, चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों के लिए पदोन्नति के अतिरिक्त अवसर देने के लिए जमादार ग्रेड-प्रथम (लेवल-4) एवं मुख्य जमादार (लेवल-5) के पद सृजित किए गए हैं। इन पदों को राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम-2017 की अनुसूची-2 में शामिल किया जाएगा। जिससे इन सेवाओं और संवर्गों के कार्मिकों को पदोन्नति एवं संबंधित वेतनमान का लाभ मिल सकेगा। 
शिक्षक के सीएएस हेतु रिफ्रेशर कोर्स की छूट 31 दिसम्बर 2024 तक बढ़ाई
डॉ. बैरवा ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग के अधीन संचालित विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति एवं करियर एडवांसमेंट स्कीम (सी.ए.एस.) के तहत उनकी पदोन्नति को लेकर यूजीसी द्वारा समय-समय पर विनियम जारी किए जाते हैं। यूजीसी विनियम-2018 के तृतीय संशोधन में शिक्षकों को सी.ए.एस. हेतु रिफ्रेशर अथवा ऑरिएंटेशन कोर्स करने की छूट 31 दिसम्बर 2023 तक एवं चतुर्थ संशोधन में 31 दिसम्बर 2024 तक बढ़ाई गई है। राजस्थान शिक्षा सेवा (महाविद्यालय शाखा) नियम-1986 में यूजीसी विनियम 2018 के तृतीय एवं चतुर्थ संशोधन के अनुरूप प्रावधान शामिल नहीं होने के कारण बहुत से शिक्षक करियर एडवांसमेंट स्कीम के अन्तर्गत पदोन्नति से वंचित हो रहे थे। राज्य सरकार ने अब इन संशोधनों को सेवा नियमों में शामिल करने का निर्णय किया है। इससे उच्च शिक्षा विभाग के अधीन विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ प्राप्त हो सकेगा।
विविध सेवा नियमों में संशोधन को मंजूरी
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि राजस्थान शिक्षा (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा में प्राध्यापक (कृषि) के पद पर सीधी भर्ती हेतु योग्यता में आई.सी.ए.आर. के स्थान पर यू.जी.सी. से मान्यता प्राप्त डिग्री को मान्य किया गया है। इसी प्रकार, एन.सी.टी.ई. से मान्यता प्राप्त संस्थानों से प्राप्त बीएड को ही मान्य किया गया है। इसके लिए राजस्थान शिक्षा (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम-2021 में संशोधन किया जा रहा है।  
उन्होंने बताया कि जल संसाधन विभाग में राजस्थान अभियांत्रिकी अधीनस्थ सेवा (सिंचाई शाखा) नियम-1967 में पटवारी पद की शैक्षणिक योग्यता, भर्ती हेतु स्कीम व परीक्षा पाठ्यक्रम को राजस्व विभाग के पटवारी के समान की जा रही है। साथ ही, चयनित पटवारियों के प्रशिक्षण हेतु स्कीम व पाठ्यक्रम में परिवर्तन तथा भर्ती प्रक्रिया राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड, जयपुर के माध्यम से कराये जाने के लिए भी सेवा नियमों में संशोधन की स्वीकृति दी गई है। इस संशोधन के उपरांत राजस्व विभाग, उपनिवेशन विभाग एवं जल संसाधन विभाग के पटवारी के समस्त पदों की एक सयुंक्त परीक्षा आयोजित की जा सकेगी। 
उन्होंने बताया कि जल संसाधन विभाग में राजस्थान अभियांत्रिकी अधीनस्थ सेवा (सिंचाई शाखा) नियम-1967 में जिलेदार पद को सौ प्रतिशत पदौन्नति से भरे जाने हेतु आवश्यक संशोधन को भी केबिनेट द्वारा स्वीकृति दी गई। विभाग में जिलेदार के सीधी भर्ती से नियुक्ति हेतु 15 पद स्वीकृत हैं, जो कि 30 पदों से कम की श्रेणी में होने के कारण राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से भर्ती नहीं हो पाने के फलस्वरूप रिक्त चल रहे थे। 
आरपीएससी में सदस्यों की संख्या में वृद्धि
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि राजस्थान लोक सेवा आयोग में कार्य की अधिकता के दृष्टिगत सदस्य के 3 नवीन पद सृजित किये जाएंगे। इस प्रकार आरपीएससी में 7 के स्थान पर अब 10 सदस्य होंगे। राजस्थान लोक सेवा आयोग में सदस्यों की संख्या बढ़ाने से आयोग की कार्य क्षमता में वृद्धि होगी तथा आयोग का कार्य सुचारू रूप से एवं तत्परता से सम्पादित हो सकेगा। इसके लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग (सेवा की शर्ते) विनियम, 1974 के विनियम-3 (1) में संशोधन को आज मंजूरी प्रदान की गई।
राजस्थान एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति-2024 में संशोधन
श्री पटेल ने बताया कि राजस्थान एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति-2024 में संशोधन को आज मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी प्रदान की गई। संशोधन के फलस्वरूप ऐसे निवेशक जिन्होंने राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के तहत 1000 मेगावाट या उससे अधिक अक्षय ऊर्जा या ग्रीन हाईड्रोजन परियोजनाओं के लिए एमओयू किए हैं एवं जिनके पास पीपीए अथवा कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं है, उनके द्वारा अक्षय ऊर्जा निगम में भूमि हेतु पंजीयन एवं आवश्यक शुल्क जमा कराए जाने पर राजस्व विभाग को इन परियोजनाओं हेतु मौजूदा प्रावधानों के तहत सेट-अपार्ट की अनुशंसा की जा सकेगी। सेट-अपार्ट की गई जमीन का कम से कम एक-तिहाई क्षेत्रफल हेतु भूमि आवंटन का आवेदन 3 वर्ष के अंदर तथा अगले कम से कम एक-तिहाई क्षेत्रफल हेतु भूमि आवंटन का आवेदन 4 से 6 वर्ष एवं बाकी भूमि के आवंटन का आवेदन 7 से 9 वर्ष के बीच आवश्यक राशि जमा कर करना होगा। 
आर.आई.सी. जयपुर का प्रबंधन अब गवर्निंग बोर्ड के माध्यम से
श्री गोदारा ने बताया कि राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, जयपुर के प्रबंधन हेतु गठित कार्यकारी समिति एवं गवर्निंग बोर्ड के पुनर्गठन का निर्णय भी आज लिया गया। इसका प्रबंधन अब ‘राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर जयपुर सोसाइटी’ के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 6 सरकारी सदस्यों, 6 राज्य सरकार द्वारा नामित सदस्यों, आरआईसी के 2 सदस्यों एवं आरआईसी निदेशक सहित 15 सदस्यीय गवर्निंग बोर्ड का गठन किया जाएगा। इसी प्रकार कार्यकारी समिति का भी गठन किया जाएगा।
आर.यू.एच.एस. अधिनियम 2005 में संशोधन के लिए अध्यादेश
श्री गोदारा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 के बजट में राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय को एम्स दिल्ली की तर्ज पर उन्नयन कर राजस्थान इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की स्थापना किए जाने की घोषणा की गई थी। इस क्रम में राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम-2005 में आवश्यक संशोधन के लिए राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश-2025 लाया जाएगा। इस निर्णय के फलस्वरूप जयपुर में राजस्थान आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) को एम्स नई दिल्ली की तर्ज पर स्वायत्तशासी संस्थान के रूप में विकसित किया जा सकेगा। 
स्थायी पूर्ण दिव्यांग कार्मिक के आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति हेतु शिथिलन
डॉ. बैरवा ने बताया कि पुलिस आयुक्त जोधपुर के अधीन भूतपूर्व हैड कांस्टेबल श्री भगाराम दिनांक 17 अक्टूबर 2021 को सड़क दुर्घटना होने के कारण कोमा में चले गए थे। किन्तु उनका स्थायी पूर्ण दिव्यांगता प्रमाणपत्र 19 जनवरी 2024 को जारी किया जा सका था। तब तक उनकी सेवानिवृत्ति में 5 वर्ष से कम का समय शेष रहा था। श्री भगाराम के आश्रित पुत्र श्री ओमप्रकाश को अनुकम्पात्मक नियुक्ति दिये जाने के लिए राजस्थान स्थायी पूर्ण दिव्यांग ‘‘सरकारी कर्मचारी के आश्रित की अनुकम्पात्मक नियुक्ति नियम-2023’’ में वांछित शेष 5 वर्ष की सेवा अवधि में अपवादिक शिथिलता प्रदान करने का निर्णय बैठक में लिया गया।
महाविद्यालयों का नाम परिवर्तन
उन्होंने बताया कि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ओसियां जिला जोधपुर का नामकरण “शहीद गोरख राम ’वीरचक्र’ राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ओसियां“, राजकीय कन्या महाविद्यालय, बुड्ढा जोहड, रायसिंह नगर का नामकरण राजकीय श्री गुरू जम्भेश्वर कन्या महाविद्यालय, बुड्ढा जोहड, रायसिंह नगर एवं राजकीय महाविद्यालय फतेहपुर का नामकरण “मोदीसन राजकीय महाविद्यालय फतेहपुर“ करने की स्वीकृति भी कैबिनेट द्वारा दी गई।
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