16 मई 2022 : अयोध्या की तरह ज्ञानवापी का भी नक्शा बनाने की तैयारियां की जा रही है । कोर्ट कमिश्नर के सर्वे में सामने आ रहे तथ्यों के अनुसार नक्शा तैयार करने की कार्रवाई शुरू भी हो गई है। नक्शे में वर्तमान के साथ पूर्व के रिकॉर्ड को भी शामिल किया जाएगा। नक्शा तैयार करने के लिए जिला प्रशासन ने वीडीए के दो ड्राफ्टमैन को लगाया है। दोनों ड्राफ्टमैन प्रतिदिन एक-एक बिंदु की रिपोर्ट बनाने में लगे हुए हैं।
यही कारण है कि ज्ञानवापी प्रकरण की तुलना अब अयोध्या प्रकरण से भी जोड़कर की जा रहा है। आपकों बताते चले कि अयोध्या प्रकरण में भी शुरुआत में सर्वे हुआ था।
ज्ञानवापी प्रकरण के पक्षकार और अधिवक्ता अयोध्या प्रकरण में हुई कार्यवाहियों का वर्तमान संदर्भ में अध्ययन कर आगे की रणनीति बना रहे हैं।
इसी बीचकोर्ट कमिश्नर ने सर्वे के दौरान नक्शा बनाने की भी जरूरत बताई है। अयोध्या प्रकरण में फैजाबाद सिविल कोर्ट ने एक अप्रैल 1950 को विवादित स्थल का नक्शा बनाने के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था। बाद में भारतीय पुरातत्व की खुदाई के दौरान भी उस नक्शे का आधार लिया गया था। पूरे प्रकरण में वह नक्शा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की विभिन्न सुनवाई में बतौर साक्ष्य प्रस्तुत किया गया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में भी नक्शा की चर्चा हुई थी।