जयपुर, 10 दिसम्बर। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन ने कहा कि 1 जनवरी से लगातार चलाये जाने वाले शुद्ध के लिए युद्ध अभियान में जरूरी है कि व्यापारियों को उत्पादों, निर्माता, विनिर्माता संबंधी विधिक माप विज्ञान नियमों व अधिनियमों का ज्ञान हो। उन्होंने कहा कि नियमों की जानकारी होने पर व्यापारी वर्ग उन पर की जाने वाली दण्डात्मक व कानूनी कार्यवाही से बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि अभियान के लगातार चलाये जाने से व्यापारियों में अनावश्यक भय व्याप्त ना हो इसलिए उनसे निरंतर संवाद आवश्यक है।
शासन सचिव शुक्रवार को योजना भवन के कॉन्फे्रंस हॉल में उपभोक्ता मामले विभाग के विधिक माप विज्ञान प्रकोष्ठ द्वारा प्रदेश के व्यापारियों के लिए आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।
श्री जैन ने शुद्ध का अर्थ बताते हुए कहा कि शुद्ध का मतलब केवल उत्पाद की गुणवत्ता ही नहीं बल्कि सही माप-तौल तथा सही जानकारी भी है। उन्होंने कहा कि उत्पाद पर सही मात्रा, एमआरपी, उत्पाद का नाम, पैकर व आयातकत्र्ता का नाम, पैकिंग का माह व वर्ष अंकित होना उपभोक्ता के हित में है। अतः आवश्यक है कि व्यापारियों को विधिक माप विज्ञान के पैकेजिंग व अन्य सभी नियमों की जानकारी हो।
शासन सचिव ने बताया कि विधिक माप विज्ञान प्रकोष्ठ ने अभिनव पहल करते हुए 1 जनवरी से लगातार चलाये जाने वाले शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के प्रति व्यापारियों के भय और शंकाओं का निवारण करने और पैकेज्ड वस्तुओं के नियम 2011 की जानकारी देने के लिए पहली बार सेमिनार आयोजित की गई। विभाग की इस पहल का टे्रडर्स व व्यापारियों ने स्वागत किया।
श्री जैन ने बताया कि पूरे प्रदेश में व्यापारियों व उपभोक्ताओं के मध्य जागृति लाने व संवाद स्थापित करने के लिए उदयपुर, कोटा, बीकानेर, अलवर, जोधपुर, अजमेर, भरतपुर व अन्य शहरों में भी इस तरह की सेमिनार आयोजित की जाएगी।
उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक श्री अनिल कुमार अग्रवाल ने व्यापारियों व टे्रडर्स से आहवान किया वे पैकेज्ड सामानों के नियमों की अपने उत्पादों में पूर्ण पालना करें।
विधिक माप विज्ञान प्रकोष्ठ के उपनियंत्रक श्री सौरभ जैन ने विधिक माप विज्ञान (पैकेज में रखी वस्तुएं) नियम-2011, उत्पादों पर आवश्यक रूप से डिस्प्ले की जाने वाली जानकारी, पैकर और मैन्यूफेक्चरर के ऑनलाईन पंजीयन की सुविधा संबंधी प्रस्तुतीकरण दिया।
सेमिनार में विभाग के सम्भाग स्तरीय अधिकारियों सहित प्रदेश के बेकरी, रेस्टोरेन्ट्स मालिकों एवं विभिन्न फमोर्ं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।