मोटर गाड़ी का इंश्योरेंस ( Motor Insurance) आपके वाहन के लिए ऐसे सुरक्षा कवच का काम करता है जिसमें अगर दुर्घटनावश यदि आपकी कार या मोटरसाइकिल डैमेज (damage) होती है तो इंश्योरेंस कंपनी (Insurance Company) से क्लेम के रूप व्यय प्राप्त किया जा सकता है। लेकिन कुछ ऐसे मौके भी आते है जब बीमा कंपनी मोटर इंश्योरेंस (Motor insuranse)का पैसा देने से इनकार भी कर सकती है।
कंपनी द्वारा आपका मोटर इंश्योरेंस (Motor insuranse) क्लेम खारिज होने के कई कारण हो सकते हैं जिनके बारे में अगर व्यक्ति को जानकारी नहीं है तो परेशानी का सबब बन जाता है। ऐसे में जानना जरूरी है कि किन हालात में मोटर इंश्योरेंस (Motor insuranse) क्लेम मिलना आसान है और किन हालात में आसानी से मोटर इंश्योरेंस (Motor insuranse) क्लेम मिल जाता है।
2 व्हीलर , 4 व्हीलर और किसी अन्य गाड़ी का इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम उसी सूरत ए हाल में मिलता है जब एक्सीडेंट (accident) से नुकसान दुर्घटनावश हुआ हो, प्राकृतिक आपदा (natural calamity) के चलते हुआ हो या गाड़ी चोरी हुई हो अथवा दुर्घटना वश वाहन में आग लग गई हो। वहीं यदि आपने पॉलिसी को रिन्यू में देरी कर दी है तो आपका मोटर इंश्योरेंस (Motor insuranse) क्लेम खारिज अथवा कैंसिल हो सकता है। इसके।अलावा मोटर इंश्योरेंस (Motor insuranse) लेते समय यदि गाड़ी के बारे में गलत जानकारी/सूचना देने पर भी मोटर इंश्योरेंस (Motor insuranse) क्लेम रिजेक्ट किया जा सकता है। जैसे अगर आपने पहले से हुए वाहन के डैमेज को मोटर इंश्योरेंस (Motor insuranse) लेते समय नहीं बताया अथवा दुर्घटना के बाद गलत जानकारी देने पर भी आपका क्लेम खारिज किया जा सकता है।
इसके साथ ही कुछ खास तरह के नुकसान (damage ) मोटर इंश्योरेंस (Motor insuranse) पॉलिसी में कवर नहीं होते और उसके लिए अलग से ऐड-ऑन (Ad-On) कवर्स लेने होते हैं। जैसे इंजन के डैमेज होने या गाड़ी में होने वाली छोटी मोटी खराबी के लिए मोटर इंश्योरेंस (Motor insuranse) की बेसिक पॉलिसी (Basic Policy) में आपको कोई कवर नहीं मिलता है।इसके लिए आपको इसके लिए अलग से इंजन प्रोटेक्टर (Engine protector) और जीरो डेप्रिसिएशन ऐड-ऑन कवर्स लेने होते है।
इसके साथ ही अगर आपने अपनी गाड़ी में मॉडिफिकेशन या बदलाव करते है अथवाआप गाड़ी में सीएनजी /एल पी जी(CNG/LPG) किट लगवाते हैं या व्हीकल बॉडी की मूल संरचना में कोई बदलाव आदि कर मॉडिफाइड (modified) करवाते हैं तो आपको तुरंत इसकी जानकारी मोटर इंश्योरेंस (Motor insuranse) करने वाली कंपनी को देनी चाहिए वर्ना दुर्घटना होने पर क्लेम खारिज किया सकता है।
अगर आप गाड़ी में सीएनजी किट लगवाते हैं या कोई एसेसरीज अलग से इंस्टॉल कराते हैं या व्हीकल बॉडी में कोई चेंज कराते हैं तो आपको तुरंत इसकी जानकारी इंश्योरर को देनी चाहिए वर्ना एक्सीडेंट होने की सूरत में क्लेम खारिज हो सकता है.
इसके साथ मैकेनिकल या इलेक्ट्रिकल ब्रेकडाउन होने पर मोटर इंश्योरेंस (Motor insuranse) क्लेम खारिज किया सकता है।मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी में किसी भी तरह का मैकेनिकल या इलेक्ट्रिकल खराबी या ब्रेकडाउन होने पर मोटर इंश्योरेंस (Motor insuranse) क्लेम कवर नहीं होता है।
इसके साथ हीं यदि दुर्घटना होने पर बीमा कंपनी को बताए बिना आप अपना वाहन रिपेयर/सही होने भेजने पर भी आपका मोटर इंश्योरेंस (Motor insuranse) क्लेम रद्द हो जाता है। ऐसी स्थिति में मोटर इंश्योरेंस (Motor insuranse) कंपनी को ये पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि एक्सीडेंट के बाद गाड़ी कितनी डैमेज/खराब हुई थी, जिसकी वजह से वो क्लेम देने से इंकार कर सकती है।
पर्सनल यूज के लिए खरीदे हुए वाहन का कमर्शियल यूज करने पर एक्सीडेंट होने की दशा में क्लेम को रिजेक्ट किया जा सकता है।