भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने हालिया रहस्योघाटन किया है कि पाकिस्तान उन देशों को पत्र लिख रहा है, जो इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) का हिस्सा हैं .उन्हें 22-24 मई को श्रीनगर में होने वाली G20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक का बहिष्कार करने के लिए कह रहे हैं. भारत द्वारा श्रीनगर में G20 बैठक आयोजित करने के बारे में खुले मंचों पर अपना विरोध व्यक्त करने के अलावा, पाकिस्तान ने OIC देशों को विस्तृत पत्र लिखे हैं जो या तो G20 का हिस्सा हैं या बैठक के विशेष आमंत्रित सदस्य हैं, उनसे इसका "बहिष्कार" करने को कहा है.
तुर्की, इंडोनेशिया और सऊदी अरब G20 के सदस्य हैं और साथ ही 57 देशों के निकाय OIC के भी सदस्य हैं . भारत के विशेष आमंत्रित देशों में बांग्लादेश, मिस्र, नाइजीरिया, ओमान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं, जो ओआईसी के भी सदस्य हैं. पाकिस्तान द्वारा लिखे गए खत में भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का उल्लेख किया और ओआईसी देशों को बताया कि कश्मीर में जी20 की बैठकें या कार्यक्रम "प्रासंगिक यूएनएससी प्रस्तावों की घोर अवहेलना" को दर्शाते हैं. सूत्रों ने कहा कि यूएनएससी के प्रस्तावों में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और गिलगित-बाल्टिस्तान को खाली करना पाकिस्तान के लिए पहला कदम था. सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान को डर था कि कश्मीर में जी20 बैठक या कार्यक्रमों में भाग लेने से भारत को "वैधता" मिलेगी और उसने ओआईसी को भी बता दिया था. पाकिस्तान ने दावा किया कि जम्मू और कश्मीर एक "अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विवादित क्षेत्र" है और इस बावत पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) और ओआईसी के प्रस्तावों का हवाला भी दिया.
भारत सरकार द्वारा कश्मीर में होने वाली जी-20 बैठक को लेकर पाकिस्तान नित नई चाले चल रहा है. इसी क्रम में मोहम्मद उमर शकूर (असिस्टेंट डायरेक्टर, कश्मीर अफेयर) ने भारत स्थित पाकिस्तानी दूतावास को छोड़ विश्व के सभी पाकिस्तानी दूतावासों को पत्र लिखकर श्रीनगर में होने वाली जी-20 बैठक के लिए भारत का विरोध करने के लिए सूचना के रूप में एक लेटर लिखा है, जिसे अपने वक्तव्य में इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है.
पाकिस्तान द्वारा लिखे गए खत में भारत को हिंदू फ़ासिस्ट देश बताते हुए कहा गया है कि भारत में केवल हिंदू आतंकी और एक्सट्रीमिस्ट ही सुरक्षित है. साथ ही कहा गया है कि भारत में कोई सुरक्षित नहीं है. यहाँ अल्पसंख्यक महिलाओं के रेप किए जाते हैं. पर्यटक, लोअर कास्ट,जर्नलिस्ट और मीडिया संस्थानों को बीजेपी की हिंदुत्व पॉलिसी से डराया जाता है. सरकार द्वारा खासकर मुस्लिमों के घर/मस्जिद/मदरसे ढहाए जाते हैं और गुजरात दंगों के आरोपियों को छोड़ दिया जाता है. हाल ही में भारत के पूर्व एमपी अतीक और उसके भाई के साथ बेटे की भी हत्या कर दी गई है और भारत में मुसलमानों की लिंचिंग जारी है. गौ रक्षक ग्रुप मुस्लिमों को घेर कर मार रहे हैं और लव जिहाद के नाम पर मुस्लिमों पर अत्याचार हो रहा है.
इसके साथ ही खत में कहा गया है कि भारत में एनआरसी (NRC) और सीएए (CAA) जैसे विवादित कानून लागू किए जा रहे हैं और यूएपीए (UAPA) के साथ एनएसए (NSA) जैसे कानूनों का उपयोग कर जनता को डराया जा रहा है. इसके साथ ही मीडिया हाउस और पत्रकारों पर बैन लगाये जा रहे हैं. साथ में ही बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के बैन का भी जिक्र किया गया है. पत्र में भारत की न्यायिक व्यवस्था और ब्यूरोक्रेसी पर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि भारत में मुस्लिमों पर अत्याचार हो रहे हैं. हलाल मीट पर बैन लगा दिया गया है और हिजाब जैसे मामले उठाए जा रहे हैं. मुस्लिमों को लिंच किया जा रहा है और मुस्लिमों की प्रॉपर्टीज को बुलडोजर द्वारा ढहाया जा रहा है. भारत अधिकृत कश्मीर एक जीवित जेल बन गया है जहां पर फेक एनकाउंटर किए जा रहे हैं. क्यों पूरी दुनिया मानवता छोड़कर इकोनॉमि की तरफ देख रही है? साथ ही यह कहा गया कि भारत में सिखों पर भी अत्याचार हो रहे हैं. साथ ही भारत पश्चिम के देशों समेत अमेरिका को उल्लू बना कर रूस से व्यापार कर रहा है और भारत की विचारधारा पश्चिम की वैल्यू के खिलाफ है. इसके साथ ही भारत UAE जैसे देशों में मंदिर बना रहा है वहीं दूसरी ओर भाजपा समर्थक पुजारी भारत में मस्जिदें तोड़ने की बात कर रहे हैं और मक्का पर अटैक करने को कह रहे हैं।