26 मई 2022 : वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और दिल्ली की कुतुबमीनार के बाद अब अजमेर में स्थित ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह को हिन्दू मंदिर होने का दावा सामने आया है। दिल्ली की महाराणा प्रताप सेना की ओर से राष्ट्रपति, राजस्थान के मुख्यमंत्री समेत कई मंत्रियों को पत्र लिखकर पुरातत्व विभाग से सर्वे करवाने का अनुरोध किया गया है।
महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवर्धन सिंह परमार ने दावा किया है कि अजमेर स्थित ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पहले हिन्दू मंदिर था। अपने लिखे पत्र में मांग करते हुए लिखा है कि पुरातत्व विभाग से दरगाह का सर्वेक्षण कराया जाए तो वहाँ वहां हिन्दू मन्दिर होने के पुख्ता सबूत मिल जाएंगे ।
दरगाह में हिन्दू निशानों के मिलने का दावा
पत्र में लिखा गया है कि दरगाह के अंदर कई जगहों पर हिन्दू धार्मिक चिह्न भी हैं, जिसमें स्वस्तिक के निशान को प्रमुख बताया गया है। इसके अलावा हिन्दू धर्म से संबंधित अन्य प्रतीक चिह्न भी दरगाह में मौजूद हैं। वहीं दरगाह के जानकारों के अनुसार इसका इतिहास 900 साल पुराना है लेकिन अभी तक के इतिहास में ऐसा कोई पुख्ता दावा नहीं किया गया कि दरगाह किसी हिन्दू मन्दिर को तोड़कर बनाई गई है।