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Current News / खालिस्तानी प्रोपगैंडा ने चली चाल, 'बुल्ली बाई ’ ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की नीलामी से सौहार्द्र खराब करने की कोशिश

clean-udaipur खालिस्तानी प्रोपगैंडा ने चली चाल, 'बुल्ली बाई ’ ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की नीलामी से सौहार्द्र खराब करने की कोशिश
newsagencyindia.com January 02, 2022 03:11 PM IST

2 जनवरी 2022 : मुस्लिम महिलाओं को इंटरनेट पर एक अज्ञात समूह द्वारा उनकी तस्वीरें अपलोड करके और उन्हें ऑनलाइन नीलाम करके निशाना बनाये जाने और परेशान करने की खबर आयी है।  तस्वीरें शनिवार (1 जनवरी, 2022) को 'बुल्ली बाई' नाम से गिटहब नामक प्लेटफार्म और इससे जुड़े ऐप पर अपलोड की गईं। खबर वायरल होने के बाद दिल्ली पुलिस ने मामले का संज्ञान लिया और संबंधित अधिकारियों से कार्रवाई करने को कहा है। 

 

शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस मामले को लेकर मुंबई पुलिस से चिंता जताई और मांग की कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने ट्वीट किया, "मैंने CP, MumbaiPolice और DCP क्राइम रश्मि करंदीकर जी से बात की है। वे इसकी जांच करेंगे। हस्तक्षेप के लिए DGP Maharashtra से भी बात की है। उम्मीद है कि इस तरह की गलत और सेक्सिस्ट साइटों के पीछे लोगों को पकड़ा जाएगा।" उन्होंने आगे कहा, "मैंने बार-बार माननीय आईटी मंत्री  अश्विनी वैष्णव जी से प्लेटफॉर्म जैसे sulli deals के माध्यम से महिलाओं के इस तरह के बड़े पैमाने पर कुप्रथा और सांप्रदायिक लक्ष्यीकरण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा है। शर्म की बात है कि इसे अभी भी नजरअंदाज किया जा रहा है।"

 

घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए, मुंबई पुलिस ने कहा कि उन्होंने मामले का संज्ञान लिया है और संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। एक अधिकारी ने कहा कि मुंबई साइबर पुलिस ने आपत्तिजनक सामग्री के संबंध में जांच शुरू कर दी है। एक सोशल मीडिया यूजर ने कहा, "ऐप 'बुल्ली बाई' ठीक उसी तरह काम करती है जैसे 'सुल्ली डील्स' ने नाम की ऐप करती थी।

 

शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एक जनवरी को कहा था कि सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें गिटहब प्लेटफॉर्म के ज़रिए एक ऐप पर अपलोड की गई हैं।

 

बुल्ली बाई ऐप के पीछे खालिस्तानी आंदोलन के समर्थकों का हाथ होने की बातें सामने आ रही है।  

ऐप के कारण सोशल मीडिया में तीखी प्रतिक्रिया आने के बाद अब इसे हटा दिया गया है। इसके साथ ही ऐप से जुड़े एक ट्विटर अकाउंट को भी सस्पेंड कर दिया गया है।

यह मामला तब सामने आया जब ‘द वायर’ की एक महिला पत्रकार इस्मत आरा (Ismat Ara) ‘बुल्ली बाई’ ऐप के निशाने पर आ गई।  उन्होंने ट्वीट कर कहा, “यह बहुत दुखद है कि एक मुस्लिम महिला के रूप में आपको अपने नए साल की शुरुआत इस डर और घृणा की भावना के साथ करनी पड़ रही है। बेशक यह बिना कहे चला जाएगा। #sullideals के इस नए वर्जन ने अकेले मुझे ही निशाना नहीं बनाया है।”

 

इस्मत आरा ने दिल्ली पुलिस के साइबर सेल में ऐप के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई। उन्होंने इसकी जानकारी अपने ट्विटर हैंडल पर देते हुए माँग की, “सोशल मीडिया पर मुस्लिम महिलाओं की नीलामी के पीछे जिन लोगों का हाथ है, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करें और सख्त कार्रवाई करें।”

 

पत्रकार ने अपनी शिकायत में यह भी कहा कि ‘बुल्ली बाई’ शब्द अपने आप में अपमानजनक है और गिटहब पर यह ऐप मुस्लिम महिलाओं का अपमान करने के उद्देश्य से बनाया है, क्योंकि ‘बुल्ली’ शब्द का इस्तेमाल विशेष रूप से मुस्लिम महिलाओं के लिए किया जाता है। उन्होंने लिखा कि ऐसा लगता है कि पूरी वेबसाइट को मुस्लिम महिलाओं को शर्मिंदा करने और उनका अपमान करने के इरादे से डिजाइन किया गया है।

 

 

इस्मत आरा ने आगे लिखा, “आज के लिए तुम्हारी बुल्ली बाई @IsmatAraa वाला ट्वीट देखकर मैं बहुत परेशान हुई थी। इसमें मेरी फोटो के साथ छेड़छाड़ की गई थी। उसने पुलिस से आईपीसी की धारा 153ए, 153बी, 354ए, 506, 509 और आईटी एक्ट की धारा 66 और 67 के तहत एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया है।”

 

‘बुल्ली बाई’ के ट्विटर हैंडल को फिलहाल सस्पेंड कर दिया गया है। इसके बायो में लिखा था, “बुल्ली बाई खालसा सिख फोर्स (केएसएफ) के एक समुदाय द्वारा संचालित ओपन-सोर्स ऐप है।” ध्यान दें कि बुल्ली बाई ट्विटर अकाउंट में एक हैशटैग #FreeJaggiNow का इस्तेमाल किया गया है। इसकी बैकग्राउंड इमेज में भी यही हैशटैग दिखाया गया है।

ट्विटर अकाउंट यूएसए से ऑपरेट किया जा रहा है। इसे हाल ही में (दिसंबर 2021) भारत सरकार पर जगतार सिंह जोहल को रिहा करने के लिए दबाव डालने के इरादे से बनाया गया है, जिसे ‘जग्गी’ के नाम से जाना जाता है।

 

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