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Current News / राष्ट्र सर्वापरि का भाव रखें, शिक्षा का अंतिम उद्देश्य रोजगार प्राप्ति नहीं, रोजगार सृजनकर्ता बनें - श्री वासुदेव देवनानी विद्याभवन पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, उदयपुर का 59वां स्थापना दिवस एवं सम्मान समारोह

clean-udaipur राष्ट्र सर्वापरि का भाव रखें, शिक्षा का अंतिम उद्देश्य रोजगार प्राप्ति नहीं, रोजगार सृजनकर्ता बनें - श्री वासुदेव देवनानी विद्याभवन पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, उदयपुर का 59वां स्थापना दिवस एवं सम्मान समारोह
Dinesh Bhatt May 11, 2025 07:42 PM IST

जयपुर, 10 मई। विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने कहा है कि प्रत्येक नागरिक को राष्ट्र सर्वापरि की भावना रखनी चाहिए, तभी देश उन्नति के पथ पर निरंतर अग्रसर होगा। मौजूदा दौर में किताबी ज्ञान से ज्यादा व्यावहारिक और तकनीकी ज्ञान की जरूरत है। सिर्फ परीक्षा पास करना शिक्षा का उद्देश्य नहीं होना चाहिए। अनुशासन, मर्यादा और समर्पण से ही समाज और राष्ट्र का विकास संभवहै।

 

श्री देवनानी शनिवार को विद्याभवन पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, उदयपुर के 59वें स्थापना दिवस एवं सम्मान समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। पूर्व विद्यार्थी संस्था की ओर से आयोजित कार्यक्रम में श्री देवनानी ने कहा कि आज एआई का जमाना है। हमारी शैक्षणिक संस्थानों को इस दिशा में भी सोचना चाहिए। सकारत्मक दृष्टिकोण से जीवन स्वर्ग बन सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि नौकरी के पीछे मत भागो। रोजगार देने की सोचो। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के साथ संस्कार भी जरूरी है। पढेंगे, कमाएंगे और जीएंगे देश के लिए, यही हमारा संकल्प होना चाहिए। मोहनजोदड़ो के समय से भारत तकनीक के मामले में सिरमौर रहा है। राष्ट्र प्रथम का भाव रखें। अपने आसपास के लोगों का जीवन स्तर बढ़ाएं। जोयुगानुकूल है, उसे देशानुकूल बनाएं।

 

हम पूर्व नहीं अपूर्व बनें-

 

श्री देवनानी ने कहा कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान के लिए पूर्व छात्र धरोहर होते हैं। हम पूर्व नहीं अपूर्व बनें। पूर्व विद्यार्थी संस्था के संस्थापक बीएल मंत्री, विद्या भवन संस्थापक मोहन सिंह मेहता, पहले प्राचार्य सीएस अग्रवाल के योगदान को याद करते हुए कहा कि जब शिक्षा की कोई कल्पना भी नहीं करता था, तब विद्या भवन की स्थापना करके अभूतपूर्व काम किया।

मुझे 30 वर्ष तक इस संस्थान में काम करने का अवसर मिला। आज भी इस संस्था में जो कुछ सीखा वो मेरे काम आ रहा है। जीवन में नई दिशा मिली। 1956 में एक ब्रांच से शुरू हुआ। अब 6ब्रांच हैं। इससे पूर्व उन्होंने सरस्वती मेकाट्रॉनिक लैब, स्मार्ट क्लास रूम, सीएनसी वर्टिकल मशीनिंग सेंटर, लैथ मशीन का अवलोकन किया।

 

दुनिया में जमी भारत की धाक-

 

श्री देवनानी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश लगातार प्रगति कर रहा है। श्री मोदी की विदेश नीति के चलते विश्व पटल पर भारत का मान बढ़ा है। वर्तमान हालातों में भी दुनिया ने भारत का पराक्रम देखा। भारत ने आंतकियों के ठिकानों को खाक में मिला दिया और पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया। इससे दुनिया में भारत की धाक जमी है।  

 

पुरानी यादें हुई ताजा-

 

श्री देवनानी विद्या भवन पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, उदयपुर में 1991 से 2000 तक प्राचार्य रहे हैं। श्री देवनानी ने इस अवसर पर विद्यार्थियों और शिक्षकों के साथ अपने अनुभव बांटे। कार्यक्रम में संस्थान से पास आउट हुए 50 वर्ष पूर्ण करने वाले 22 और 25 वर्ष पूर्ण करने वाले 26 पूर्व छात्रों को सम्मानित किया। 

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