राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए अखिल भारतीय न्यायिक सेवा की स्थापना का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि नियुक्ति योग्यता आधारित होनी चाहिए और पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता आवश्यक है। बता दें, भारत में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति कॉलेजियम की सिफारिश के आधार पर होती है, जिस पर कई बार सवालिया निशाना लगाए जा चुके हैं। ऐसे में राष्ट्रपति का यह सुझाव चर्चा का विषय बन चुका है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संविधान दिवस के अवसर में आयोजित कार्यक्रम में पहुंची थी, जहां भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ भी उपस्थित थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि एक अखिल भारतीय न्यायिक सेवा (एआईजेएस) की स्थापना की जा सकती है, जो न्यायाधीश के पद के लिए प्रतिभाशाली युवाओं का चयन करे। देश भर में जिस भी व्यक्ति को न्यायाधीश बन कर देश की सेवा करने की इच्छा है, उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार, एआईजेएस चुन सकता है। पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए। इससे कम प्रतिनिधित्व वाले समाज को भी आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त होगा।
राष्ट्रपति दिल्ली में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आयोजित संविधान दिवस समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि संवैधानिक ढांचे में न्यायपालिका का स्थान 'अद्वितीय' है और 'बेंच और बार में भारत की अद्वितीय विविधता का अधिक विविध प्रतिनिधित्व निश्चित रूप से बेहतर न्याय के उद्देश्य को पूरा करने में मदद करेगा।'
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि इस प्रक्रिया को तेज करने का एक तरीका एक ऐसी प्रणाली का निर्माण हो सकता है जिसमें योग्यता आधारित, प्रतिस्पर्धी और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से विभिन्न पृष्ठभूमि से न्यायाधीशों की भर्ती की जा सके।
राष्ट्रपति ने आईएएस और आईपीएस के चुने जाने की प्रक्रिया का ज़िक्र कर संकेत दिया कि कुछ उस तरह की प्रक्रिया होनी चाहिए। उन्होंने एक तरह से कहा कि जिस तरह केंद्र सरकार के अफ़सर यूपीएससी परीक्षा से चुनकर आते हैं वैसे ही हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज भी प्रतियोगिता परीक्षा से चुनकर आने चाहिए। उन्होंने कहा, 'एक अखिल भारतीय न्यायिक सेवा हो सकती है जो प्रतिभाशाली युवाओं का चयन कर सकती है और उनकी प्रतिभा को निचले स्तर से उच्च स्तर तक पोषित और बढ़ावा दे सकती है।'
उन्होंने कहा, 'मैं ऐसे बच्चों के लिए कुछ करना चाहती हूं ताकि वे यहां आ सकें। वे युवा, प्रतिभाशाली, ऊर्जावान और देश के प्रति वफादार हैं। आईएएस, आईपीएस के लिए एक अखिल भारतीय परीक्षा होती है। एक अखिल भारतीय न्यायिक सेवा परीक्षा हो सकती है जो प्रतिभाशाली युवा सितारों का चयन कर सकती है और वकील स्तर से उच्च स्तर तक उनकी प्रतिभा का पोषण और बढ़ावा दे सकती है। मैं न्याय देने की प्रणाली को मज़बूत करने के लिए किसी भी प्रभावी तंत्र को तैयार करने के लिए इसे आपके विवेक पर छोड़ती हूं जिसे आप उचित समझते हैं।