पत्रकार : डिग्री जरूरी या अनुभव, क्या कोई बिना डिग्री के भी बन सकता है पत्रकार ?
किसी भी क्षेत्र में कार्य करने हेतु डिग्री का बड़ा महत्व है। डिग्री करने / पढ़ाई करने से ही उस क्षेत्र के बारे में ज्ञान मिलता है । सोचने, समझने का दायरा बढ़ता है। देखने का नजरिया बदलता है। कोई व्यक्ति MBBS कर डॉक्टर बनेगा, तब ही वो ईलाज कर सकता है क्योंकि इंसान की जान बचाने के लिये चिकित्सीय ज्ञान होना जरूरी है, वैसे ही इंजीनियर , वैज्ञानिक , CA बनने के लिये कठोर मेहनत से पढ़ाई करना जरूरी है। तब ही उन क्षेत्रों से जुड़े सटीक , परिशुद्ध, गणनाओं पर आधारित उत्तम परिणाम प्राप्त हो सकते है।
लेकिन कला से जुड़े हुए कई क्षेत्रो सहित कई विधाएं ऐसी है जिन्हें कहा जाए तो वे " GOD GIFTED " होती है।
जैसे कोई गायक है, तो यदि वो शास्त्रीय संगीत का जानकर है ,तो वो अच्छा गायेगा लेकिन यदि किसी की आवाज अच्छी हो तो और वो बिना शास्त्रीय संगीत का जानकार होने के बावजूद अपनी शैली में कर्णप्रिय गा सकता है।
कोई चित्र अच्छे बनाता है ,तो वो बिना MA ड्राइंग एंड पेंटिंग कोर्स किये भी अच्छा चित्रकार हो सकता है। कोई मूर्तिकला में रुचि रखता है और उसका हाथ छेनी हथौड़े पर अच्छा चलता है ,तो उसे किसी कॉलेज जाने की जरूरत नही , न ही मूर्तिकार बनने का कोई कॉलेज है। कई तरह की शिक्षा, कला और खेलो से संबंधी ज्ञान किसी स्कूल कॉलेज के माध्यम से नही मिलता वो गुरुओं के माध्यम से ही मिल सकता है।
द्रोणाचार्य अर्जुन बना सकते है और कोई उनकी प्रतिमा को पूज कर एकलव्य बन जाता है। कोई चाणक्य जैसे विद्वान हो तो वो किसी को भी चंद्रगुप्त बना सकते है। वैसे ही कई तरह के क्षेत्र ऐसे है जिनमे रुचि, अनुभव और वरिष्ठ जनों के सानिध्य से, गुरुओं के माध्यम से ज्ञान व योग्यता प्राप्त कर व्यक्ति कार्य कर सकता है।
कई लोग ऐसे हुए है जिन्होंने शिक्षा किसी अन्य क्षेत्र में प्राप्त की और सफलता किसी और क्षेत्र में प्राप्त की,जैसे चाणक्य का पात्र अभिनय करने वाले चन्द्र प्रकाश द्विवेदी पेशे से डॉक्टर थे, धारावाहिको में अभिनय करने वाले अनूप सोनी पेशे से CA थे।
आज भी कई लोगो को अपने क्षेत्रों में किये गए विशिष्ट कार्यो और योगदान के लिये पीएचडी की मानद उपाधि प्रदान की जाती है ।
तातपर्य यही है कि कुछ क्षेत्रों को छोड़कर बाकी अन्य क्षेत्रों में जिनमे इंसानी जान माल के नुकसान का खतरा न हो, जिन क्षेत्रो में व्यक्ति के अंदर नैसर्गिक प्रतिभा, योग्यता या रुचि हो उन क्षेत्रों में निरन्तर कार्य करते हुए ,अनुभव प्राप्त करते हुए उत्कृष्ट कार्य कर सकता है।
पत्रकारिता का क्षेत्र ऐसा है कि यदि पत्रकारिता की डिग्री हो तो पत्रकारिता की बारीकियों, कानून और नियमो की जानकारी प्राप्त कर वो अच्छा काम कर सकता है और यदि किसी को पत्रकारिता की रूचि हो तो वो अच्छे पत्रकारो के सानिध्य में सीखकर और काम कर अच्छा पत्रकार बन सकता है।वैसे खोजी पत्रकार बनने के लिये दिमाग का तेज होना जरूरी है, डिग्री नही होगी तब भी ज्यादा मुश्किल नही होगा काम करना।