जयपुर, 18 नवंबर। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के दूरदर्शी नेतृत्व और राज्य सरकार की जल संरक्षण के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता के परिणामस्वरूप जयपुर जिला जल संचयन के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर एक अनुकरणीय मॉडल के रूप में उभरा है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन, स्पष्ट प्राथमिकताओं और जल सुरक्षा को राज्य के विकास एजेंडे के केंद्र में रखने की नीति ने जिला प्रशासन को जल संरक्षण को एक जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाने की प्रेरणा दी। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में जयपुर जिले में जल संचयन की परंपरागत और आधुनिक दोनों पद्धतियों को एकीकृत कर व्यापक स्तर पर कार्य किया गया, जिसके फलस्वरूप जिले को राष्ट्रीय जल संचय जनभागीदारी अवॉर्ड्स में द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है।
मंगलवार को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित छठे राष्ट्रीय जल संचय जन भागीदारी सम्मान समारोह में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी. आर. पाटिल ने जयपुर जिले को द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया और प्रशस्ति पत्र के साथ 1 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की। यह राशि जिले में उन्नत जल संरक्षण मॉडल विकसित करने, तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देने और ग्राम स्तर पर जल सुरक्षा परियोजनाओं के विस्तार में उपयोग की जाएगी। जिला कलक्टर डॉ. सोनी के प्रतिनिधित्व में यह पुरस्कार जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती प्रतिभा वर्मा ने ग्रहण किया।
जयपुर जिले में जल संरक्षण कार्यों की श्रृंखला व्यापक और प्रभावी रही है। फार्म पॉण्ड, रिचार्ज शाफ्ट, सोक पिट, मैजिक पिट, कंटूर ट्रेंच, परकोलेशन टैंक तथा ग्राम स्तर पर वर्षाजल भंडारण से संबंधित कई नवाचारी संरचनाओं का बड़े पैमाने पर निर्माण किया गया। इन कार्यों ने जिले की जल धारण क्षमता को अनेक गुना बढ़ाया है और भूजल पुनर्भरण में उल्लेखनीय सुधार का मार्ग प्रशस्त किया है। जयपुर जिले द्वारा किए गए कार्यों का सत्यापन केन्द्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा नियुक्त केंद्रीय भू-जल बोर्ड के अधिकारियों की टीम द्वारा किया गया। मुख्यमंत्री द्वारा जल संरक्षण कार्यक्रमों को जमीनी स्तर पर सफल बनाने के लिए प्रशासनिक, तकनीकी एवं सामुदायिक सहभागिता को केंद्र में रखने के निर्देशों का बेहतरीन प्रभाव जयपुर में देखने को मिला, जहाँ जिला प्रशासन, पंचायत राज संस्थाओं, जलदाय विभाग, कृषि विभाग, ग्रामीण विकास विभाग और वन विभाग सहित विभिन्न इकाइयों के बीच उत्कृष्ट समन्वय स्थापित हुआ।
जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के निर्देशन में एक सुव्यवस्थित और परिणाम उन्मुख कार्ययोजना तैयार की गई, जिसके अंतर्गत प्रत्येक ब्लॉक और ग्राम पंचायत में जल संरक्षण अवसंरचना के विस्तार पर बल दिया गया। अभियान के संचालन के दौरान नियमित मॉनिटरिंग, साइट निरीक्षण और प्रगति समीक्षा ने कार्यों की गति और गुणवत्ता दोनों को सुनिश्चित किया। मुख्यमंत्री के ‘जल सुरक्षा -सशक्त राजस्थान’ संकल्प के अनुरूप स्थानीय समुदायों को भी इस अभियान का सक्रिय भागीदार बनाया गया, जिसका सकारात्मक प्रभाव जल संरचनाओं के संरक्षण और उपयोगिता पर दीर्घकालिक रूप से देखने को मिलेगा।
जयपुर की यह राष्ट्रीय उपलब्धि न केवल जिले की प्रशासनिक दक्षता का प्रमाण है, बल्कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में जल संरक्षण को राज्यव्यापी प्राथमिकता बनाए जाने की नीति की उल्लेखनीय सफलता भी दर्शाती है। यह उपलब्धि राजस्थान के अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणादायक है, जहाँ जयपुर मॉडल को भविष्य में जल सुरक्षा और भूजल प्रबंधन के क्षेत्र में एक सशक्त दृष्टांत के रूप में अपनाया जा सकेगा।