कार्यशाला में मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, श्रम, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, पेयजल, ऊर्जा, जल संसाधन, आधारभूत ढांचे, उद्योग, कृषि एवं अन्य विकास संबंधी क्षेत्रों में पिछले कुछ वर्षो में आशातीत सफलता प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि अनेक कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने तथा उनके लाभ को आमजन तक पहुंचाने में मिलकर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक राजस्थान भारत में एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित नजर आएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में फ्लैगशिप योजनाओं के शानदार परिणाम सामने आ रहें है।
भारत में संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधि, श्री शॉम्बी शॉर्प ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ की विभिन्न 8 एजेंसीज द्वारा राजस्थान सरकार के विभिन्न विभागों के साथ संयुक्त रूप से सामाजिक, आर्थिक, पयार्वरणीय तथा साझेदारी क मूल सिद्धान्तों पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सोलर पावर, विंड पावर, शहरी रोजगार योजना, प्लास्टिक पर बैन, बजट में सामाजिक क्षेत्र पर ध्यान, स्वास्थ्य बीमा का यूनिवर्सलाइजेशन आदि राज्य को आने वाले समय में आगे लकर जाऎंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान के पास काफी बड़ा भू-भाग है जो काफी प्रभावी तरीके से उपयोग में लिया जा सकता है।
यूनिसेफ की फील्ड ऑफीसर, सुश्री इसाबेल बार्डेम ने कहा कि यूनिसेफ द्वारा महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में राज्य को लगातार सपोर्ट प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2030 में सतत् विकास लक्ष्य प्राप्त करने के लिए यूनिसेफ भी राज्य सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा तथा पोषण के क्षेत्र में राजस्थान लगातार कार्य कर रहा है। अनुसूचित जाति जनजाति, अल्पसंख्यक क्षेत्रों में और अधिक योजनाऎं बनाई जा रही हैं तथा कोविड-19 के बाद यह और अधिक आवश्यक भी है।
कार्यशाला में नीति आयोग कि सलाहकार श्रीमती संयुक्ता समादार ने बताया कि सतत् विकास लक्ष्य एजेन्डा को देश में आगे बढ़ाने के लिए लगातार सभी राज्यों से चर्चा कर इस प्रकार के सेमीनार आयोजित की जा रही है। इसी प्रकार से राजस्थान में सभी प्रमुख विभागों के साथ यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
कार्यशाला में आयोजना शासन सचिव, श्री नवीन जैन द्वारा राज्य की प्रगति के बारे में एक प्रस्तुतीकरण दिया गया। विभिन्न सतत् विकास लक्ष्यों में राज्य की प्रगति के संबंध में विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया। उन्होंने नीति आयोग द्वारा आने वाले एसडीजी इन्डेक्स में चयनित किये गये विभिन्न संकेतकों पर राज्य के परिपे्रक्ष्य में आवश्यक परिवर्तन करने व उसे अन्य राज्यों से तुलनात्मक बनाये जाने पर जोर दिया। श्री जैन राज्य विशेष द्वारा किये जा रहे प्रयासों की प्रगति के आंकलन में हाल ही के वर्षो में राज्यों द्वारा किये गये प्रयासों के परिणामों को भी इन्डेक्स गणना में सम्मिलित किये जाने का अनुरोध किया।
उल्लेखनीय है कि एक खुशहाल, स्वच्छ संसार तथा हर व्यक्ति के स्वस्थ व समृद्धशील जीवन को सुनिश्चित करने के लिये संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सभी सुदृढ देशों की सहमति से सतत् विकास लक्ष्यों को अपनाया गया है। राष्ट्रीय स्तर पर सतत् विकास लक्ष्यों को अर्जित करने के लिये अनेक कदम उठाये गये है। इसी क्रम में राज्यों में सतत् विकास लक्ष्यों की प्रगति को मापने तथा इन्हें अर्जित करने के लिये नीति आयोग द्वारा प्रतिवर्ष एसडीजी इण्डिया इन्डेक्स जारी किये जाते हैं।