सचिन पायलट ने कल राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सरकार में हुए भ्रष्टाचार के ख़िलाफ जयपुर में एक दिन का अनशन किया था। सचिन पायलट के बीते दिन के अनशन से राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर गहलोत बनाम पायलट का मुद्दा गर्म है। सवाल है कि आखिर विधानसभा चुनाव से 8 महीने पहले सचिन पायलट ने ऐसा कदम क्यों उठाया है? क्या सचिन पायलट अब खुलकर आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं? या फिर अब पायलट का धैर्य जवाब दे चुका है। वो कांग्रेस हाईकमान को क्या संदेश देना चाहते हैं? राजनीतिक हलकों में इन सवालों को लेकर चर्चा है।
इन बातों को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं कि पायलट आने वाले चुनाव में कांग्रेस के बाहर से खेलेंगे, लेकिन यह खेल किस टीम में शामिल होकर खेला जाएगा। इसको लेकर असमंजस की स्थिति है। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो अब पायलट के सामने कई विकल्प हैं। इसमें भाजपा का दामन थामना भी एक प्रमुख विकल्प माना जा रहा है, क्योंकि कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट के अनशन को बगावत के तौर पर देख रहा है।
वहीं खास बात ये है कि आज के सभी समाचार पत्रों में ये छपा है की अपनी सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठे सचिन पायलट । जबकि पायलट का अनशन वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ था। दूसरी ओर सचिन पायलट के समर्थक अब बेसब्र हो रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि अगर सचिन एक कदम आगे और फिर दो कदम पीछे लौटते रहे तो उनके लिए स्थितियां मुश्किल हो सकती हैं।खास बात ये रही कि दिन भर के धरने के दौरान पायलट का कोई समर्थक भी कांग्रेस का झंडा या निशान लिए नहीं नजर आया. सचिन पायलट के इस कदम से एक बार फिर से ये अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या सचिन पायलट कांग्रेस से निकलकर नये रास्ते पर बढ़ने वाले हैं? साथ ही ये भी कि अगर पायलट कांग्रेस छोड़ते हैं, तो उनका अगला कदम क्या होगा?
क्या क्या है विकल्प
सचिन पायलट यदि भाजपा में शामिल होकर केंद्र में मंत्री बनाएँ जायें और 2024 चुनाव के बाद राजस्थान का चेहरा बनें।
सचिन पायलट कांग्रेस में रहकर अशोक गहलोत के ख़िलाफ़ मोर्चा खोले रखें। चुनाव में कांग्रेस को नुक़सान पहुँचाएँ। अशोक गहलोत की अगुवाई में चुनाव हारने के बाद सचिन पायलट को कांग्रेस द्वारा पुनः राजस्थान कांग्रेस की कमान दी जाये एवं उनकी अगुवाई में कांग्रेस 2024 के लिए राजस्थान की अधिकांश लोकसभा सीट जीतने का प्रयास करे।
सचिन पायलट आम आदमी पार्टी में शामिल होकर आरएलपी, बीटीपी व अन्य निर्दलीय के साथ दावा प्रस्तुत करें। वहीं RLP नेता हनुमान बेनीवाल ने कहा है कि पायलट अगर नई पार्टी बनाते हैं तो जबरदस्त प्रभाव होगा,कांग्रेस छोड़ दें सचिन, हम गठबंधन करेंगे।
सचिन पायलट अपनी पार्टी बनाकर चुनाव लड़ें, अन्य पार्टियों के साथ मिलकर सत्ता का हिस्सा बनें।
सभी परिस्थितियों में सचिन पायलट 2023 चुनाव में मुख्यमंत्री तो बनने से रहे, हाँ भाजपा के साथ जाने से अन्य परिस्थितियों की अपेक्षा थोड़ा जल्दी मुख्यमंत्री पद पा सकते हैं ।