21 जनवरी 2022: काँग्रेस नेता राहुल गाँधी ने बीती शाम ट्विटर पर ट्वीट कर कहा कि हिंदुत्ववादी अपनी नफरत cyber दुनिया में फैलाते रहते जा रहे है क्यूंकि कायर सिर्फ छुप कर वार करते है। हिम्मत होती तो सामने आते।इस नफरत का डटकर सामना करते रहना होगा-देश बचाना है!
हिंदुत्ववादी अपनी नफ़रत cyber दुनिया में फैलाते जा रहे हैं क्यूँकि कायर सिर्फ़ छुपकर वार करते हैं।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 20, 2022
हिम्मत होती तो सामने आते।
इस नफ़रत का डटकर सामना करते रहना होगा- देश बचाना है!#NoFear
जाहिर है कि ऐसे समय उनका ये ट्वीट उत्तर प्रदेश चुनाव में धर्म विशेष के वोट समाजवादी पार्टी में जाने से रोकने की दिशा में उठाया गया कदम हो सकता है। लेकिन ऐसे ट्वीट से मुस्लिम वोट तो ज्यादा शिफ्ट होते दिखते नजर नहीं आ रहे। काँग्रेस को अप्रत्यक्ष रूप से हिन्दू वोट बैंक की नाराजगी का सामना जरूर पड़ सकता है।
चुनावों के खत्म होने तक हिंदुओं के प्रति इस तरह के ट्वीट भाजपा को अपनी मंज़िल तक पहुँचने में मदद कर सकते है । नरेटिव ये भी बन सकता है कि न मोदी न योगी, भाजपा का असली स्टार प्रचारक राहुल गाँधी ही हो। ऐसे ट्वीट से कहीं न कहीं भाजपा का हिन्दू वोट बैंक मजबूत हो जाता है। अगर किसी राजनेता को भारत का प्रधानमंत्री बनना है तो ये तय है कि उसका रास्ता हिन्दू वोट बैंक को नाराज करके तय नहीं किया जा सकता।
राहुल गाँधी के इस ट्वीट से एक और बात सामने आती है कि कहीं न कहीं काँग्रेस सोशल मीडिया पर भाजपा के मुकाबले अब भी पिछड़ी हुई ही है। यहाँ वे हिंदुत्ववादी शब्द का उपयोग कर साइबर दुनिया में नफरत फैलाने की बात कर सीधे तो भाजपा के सोशल मीडिया नेटवर्क खिलाफ नहीं बोल रहे लेकिन निशाना उसी तरफ है।
हिंदुओं के प्रति सीधे तौर पर नफरत जाहिर करने वाले ट्वीट पार्टी को रसातल तक ले जा सकते है। जाहिर है राहुल गाँधी और काँग्रेस को नए सिरे से अपनी हिंदुओ के प्रति सोच को एक बार रिव्यु की जरूरत है।