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Current News / भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार समझौता वर्तमान 26-27 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2030 तक 100 बिलियन डॉलर का हो जाएगा, यह गति 5 वर्षों में 50 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की प्रारंभिक उम्मीद से अधिक तेज है : श्री पीयूष गोयल

clean-udaipur भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार समझौता वर्तमान 26-27 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2030 तक 100 बिलियन डॉलर का हो जाएगा, यह गति 5 वर्षों में 50 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की प्रारंभिक उम्मीद से अधिक तेज है :  श्री पीयूष गोयल
DINESH BHATT April 07, 2022 09:19 AM IST

वाणिज्य तथा उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार समझौता से द्विपक्षीय व्यापार वर्तमान 26-27 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2030 तक 100 बिलियन डॉलर का हो जाएगा। यह गति पांच वर्षों में 50 बिलियन डॉलर बढ़ने की प्रारंभिक आशा से अधिक तेज है। ऑस्ट्रेलिया के व्यापार, पर्यटन तथा निवेश मंत्री श्री डैन तेहान के साथ आज मेलबर्न में मेलबर्न विश्वविद्यालय को संबोधित करते हुए श्री गोयल ने कहा कि समझौते से उत्पन्न जोश ने दोनों पक्षों की व्यावसायिक आशा को बढ़ा दिया है।

उन्होंने कहा कि इस समझौता का दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। शेष विश्व पर भी इसका असर होगा, जहां हम मिलकर काम कर सकते है और विश्व के अन्य भागों में पहुंच सकते हैं।

श्री गोयल ने ऑस्ट्रेलिया के व्यापारियों को भारत में निवेश करने का आमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि हम आपको पारदर्शिता, विश्वास और कानून के शासन की पेशकश करते हैं। हम दोनों लोकतांत्रिक देश हैं, दोनों देशों की जनता खेल को प्यार करती हैं और दोनों देश राष्ट्रमंडल के सदस्य हैं।

वाणिज्य मंत्री ने मेलबर्न क्रिकेट मैदान में दोनों देशों के व्यापारिक समुदाय के सदस्यों को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया की पूरकता से दोनों देश लाभ उठा सकते है- भारत का बाजार विशाल है और ऑस्ट्रेलिया के पास निवेश योग्य अधिशेष है। उन्होंने कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग तथा व्यापार समझौता (ईसीटीए) ऑस्ट्रेलियाई उद्योगों के लिए भारत के 1.4 बिलियन उपभोक्ताओं का बाजार खोलेगा।

श्री गोयल ने कहा कि अब हम एक हैं, एकता समझौते का अर्थ भी यही है। यह हमारे संबंधों में ऐतिहासिक घटना है। उन्होंने कहा कि यही एक उचित मार्ग है जो दोनों देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं, लोगों, टेक्नोलॉजी, शिक्षा, विज्ञान, चिकित्सा ज्ञान की बाधा को तोड़ सकता है। इन बाधाओं को तोड़कर हम देखेंगे कि दोनों सच्चे भाई की तरह कार्य कर सकते हैं।

श्री गोयल ने कहा कि कपड़ा, फॉर्मा, आतिथ्य-सत्कार, रत्न और आभूषण, आईटी, स्टार्ट-अप, सेवाओं में लेखा कार्य की आपार संभावनाएं है और इससे दोनों देशों में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे। श्री गोयल ने कहा कि संभवतः नई दिल्ली में हम और अधिक तस्मानिया के झींगे देखेंगे और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की शराब भारत के स्टोर में अधिक दिखेंगी। बैंगलुरु से अधिक लोग आईटी क्षेत्र में काम करने आएंगे और ऑस्ट्रेलिया के स्टोरों में प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात के सूरत से और अधिक आभूषण बिक्री के पहुंचेंगे। विभिन्न क्षेत्रों में काफी संभावनाएं है। मुझे आशा है कि हमारी साझेदारी बढ़ेगी और साझेदारी के साथ हम भी आगे बढ़ेंगे।

श्री गोयल ने कहा कि सेवा क्षेत्र में व्यापार के लिए बहुत संभावनाएं हैं। ऑस्ट्रेलिया भारतीयों के लिए उच्च शिक्षा का पसंदीदा स्थान है। उन्होंने कहा कि ईसीटीए ने ऑस्ट्रेलिया में भारत के आईटी सेक्टर की बड़ी बाधाओं को दूर करने का मार्ग प्रशस्त किया है।

वाणिज्य मंत्री ने कहा कि मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि हम आईटी उद्योग पर कर लगाने के पुराने विषय का समाधान करने में सक्षम हुए हैं। इससे ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापार की जो बाधाएं थीं वह अब यह पीछे रह गई हैं और आगे अपार संभावनाएं हैं।

श्री गोयल ने कहा कि अनेक हजार वर्ष पहले ऑस्ट्रेलिया और भारत सुपर महाद्वीप का हिस्सा थे और दोनों भाई महादेशीय अलगाव के कारण अलग हो गए थे। आज हमारी सरकारें राजनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा और खेल के मोर्चों पर बढ़ती साझेदारी के साथ एकसाथ आने का प्रयास कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि यद्यपि हम देर से एकसाथ आए हैं, लेकिन दुरुस्त आए हैं। व्यापारिक नेताओं के साथ भोज पर मुख्य भाषण देते हुए श्री गोयल ने ईसीटीए को महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। भोज का आयोजन ऑस्ट्रेलिया-इंडिया चेंबर्स ऑफ कॉमर्स ने किया था। उन्होंने कहा कि ईसीटीए से बहुक्षेत्रीय आर्थिक वैल्यू चैन का व्यापक विकास होगा। उन्होंने कहा कि दोनों देशों में इस समझौते का कई गुणा अधिक सकारात्मक-आर्थिक प्रभाव होगा।

श्री गोयल ने कहा कि मैं मानता हूं कि दोनों देशों की यह साझेदारी ऐसी है जिसमें किसी भी तरह दोनों देश एक-दूसरे के स्पर्धी नहीं है। दोनों देश वास्तव में एक-दूसरे के पूरक है। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया पर जो ध्यान हम दे रहे हैं वह ऑस्ट्रेलिया की शक्ति से मेल खाता है।

श्री गोयल ने कहा कि भारत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2014 से जीवन की सुगम्यता और व्यापार की सुगम्यता की दिशा में अनेक साहासिक कदम उठाए हैं ताकि सभी के लिए गुणवत्ता संपन्न जीवन सुनिश्चित हो सके।

श्री गोयल ने कहा कि हम मानते है कि जब भारत की जनता के पास बुनियादी आवश्यकताओं की बेहतर गुणवत्ता होगी तो जनता भारत की अर्थव्यवस्था और समाज में और अधिक योगदान करने में सक्षम होगी। लोग बेहतर नागरिक बनेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे लोगों की आपेक्षाएं बढ़ने पर हमारी आवश्यकता होगी आर्थिक विकास करने की, रोजगार प्रदान करने की। लाखों-करोड़ों लोग वैसे होंगे जो अपनी पहली ऑटोमोबाइल के स्वामी होंगे, ऐसे करोड़ों लोग होंगे जो डिश-वाशर, वासिंग मशीन खरीदना चाहेंगे, करोड़ों लोग बेहतर पोषाहार चाहेंगे, बेहतर स्वास्थ्य सुविधा और गुणवत्ता संपन्न शिक्षा चाहेंगे।

उन्होंने कहा कि इन सब बातों में भारत और ऑस्ट्रेलिया का आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता भारत के लोगों की जीदंगी पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है और इसी तरह ऑस्ट्रेलिया के लोगों के लिए अपार अवसर प्रदान कर सकता है। यह समझौता एक बिलियन से अधिक लोगों की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक साथ काम करने का है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और श्री स्कॉट मॉरिसन के नेतृत्व की सराहना करते हुए श्री गोयल ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री तथा व्यापार पर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के विशेष दूत श्री टोनी अबोट और ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री श्री डैन तेहान ने दोनों देशों के बीच लंबित व्यापार समझौता को पूरा करने में प्रमुख भूमिका निभाई।

श्री गोयल ने कहा कि विश्व उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है। हम कोविड तथा अन्य समस्याओं से ग्रस्त हैं और हम सभी के लिए यह चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि समस्याओं के बीच भारत और ऑस्ट्रेलिया ने मस्तिष्क की एकता और एक साथ आने के साझे संकल्प को दिखाया है।

इससे पहले प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी शेन वॉर्न को श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए श्री गोयल ने कहा कि उनके प्रशंसक भारत मे भी थे और ‘किंग ऑफ स्पिन’ के अचानक निधन से पूरी दुनिया के क्रिकेट फैन शोकग्रस्त हुए।

उन्होंने महान क्रिकेट खिलाड़ी के परिजन और मित्रों को अपनी संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि वह अनेक अर्थों में अनूठे थे।

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