Breaking News

Dr Arvinder Singh Udaipur, Dr Arvinder Singh Jaipur, Dr Arvinder Singh Rajasthan, Governor Rajasthan, Arth Diagnostics, Arth Skin and Fitness, Arth Group, World Record Holder, World Record, Cosmetic Dermatologist, Clinical Cosmetology, Gold Medalist

Current News / राजस्थान के उदयपुर में शाम को मिल सकी गणपति विजर्सन में गाजे-बाजों की स्वीकृति, हिन्दू समाज में रोष

clean-udaipur राजस्थान के उदयपुर में शाम को मिल सकी गणपति विजर्सन में गाजे-बाजों की स्वीकृति, हिन्दू समाज में रोष
कौशल मुंदड़ा September 10, 2022 09:20 AM IST

उदयपुर, 10 सितम्बर 2022 : अनंत चतुर्दशी पर शुक्रवार को उदयपुर में गणपति प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए निकाली जाने वाली शोभायात्राओं में गाजे-बाजे बजाने की अनुमति को लेकर श्रद्धालुओं में उस वक्त रोष व्याप्त हो गया जब पुलिस-प्रशासन की ओर से गाजे-बाजे की मनाही हो गई। गणपति आयोजक इसके लिए जिला प्रशासन के पास भी पहुंचे, लेकिन वहां से भी उन्हें स्वीकृति से इनकार कर दिया गया। इसके चलते शाम को शहर के सूरजपोल थानाक्षेत्र के बाहर हंगामे की स्थिति हो गई। वहां पर विभिन्न गणपति आयोजनों के प्रतिनिधि पहुंचे और गाजे-बाजों की अनुमति नहीं देने पर आक्रोश प्रकट किया। हंगामा बढ़ने के बाद पुलिस-प्रशासन की ओर से मौखिक अनुमति प्रदान कर दी गई। 

दोपहर में ज्ञापन देने गए प्रतिनिधिमण्डल में शामिल बजरंग सेना के कमलेन्द्र सिंह पंवार ने बताया कि एडीएम से जब इस सम्बंध में चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि ऊपर से आदेश है कि डीजे व अन्य साउण्ड सिस्टम को अनुमति नहीं दी जा सकती। इस पर उन्होंने रोष जाहिर किया। प्रतिनिधिमण्डल ने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से लगातार सम्पर्क करने की कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। पंवार ने सरकार से मांग की है कि हिंदू समाज के कार्यक्रमों में होने वाली पाबंदियों को तुरंत हटाया जाए। इस बात की शिकायत नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से भी फोन पर की गई और रोष प्रकट करते हुए कहा गया कि हिंदू संगठनों को आंदोलन करना पड़ेगा। 

इस बीच, शाम के समय सूरजपोल थाना पुलिस ने गणपति विसर्जन के लिए जारी शोभायात्रा के साउंड सिस्टम को रोक दिया तब थाने के बाहर ही सभी श्रद्धालु एकत्र हो गए। इस सूचना पर अन्य शोभायात्राओं के प्रतिनिधि भी वहां पहुंच गए। आक्रोश बढ़ता देख साउंड सिस्टम को अनुमति प्रदान कर दी गई। 

इधर, गणपति आयोजनों के प्रतिनिधियों का कहना था कि यह किस तरह के आदेश हैं जिसमें मनाही का भी लिखित आदेश नहीं दिखाया जाता और स्वीकृति का आदेश भी मौखिक दिया जाता है। स्वीकृति के लिए गिड़गिड़ाने जैसी स्थिति पैदा की जाती है। उन्होंने कहा कि गणपति प्रतिमाओं के विसर्जन में ऐसा कोई नया काम नहीं हुआ था, जो बरसों से चल रहा है उसी अनुरूप गाजे-बाजे से विसर्जन की परम्परा का निर्वहन किया जा रहा था, फिर भी उसमें रोक-टोक की गई, इससे हिन्दू समाज में रोष है।

  • fb-share
  • twitter-share
  • whatsapp-share
clean-udaipur

Disclaimer : All the information on this website is published in good faith and for general information purpose only. www.newsagencyindia.com does not make any warranties about the completeness, reliability and accuracy of this information. Any action you take upon the information you find on this website www.newsagencyindia.com , is strictly at your own risk
#

RELATED NEWS