उदयपुर , 12 नवम्बर 2022 : अगर आप स्मार्ट फ़ोन के साथ इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो आपको अब ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। उदयपुर सहित पूरे देश मे एक नए तरह का हनीट्रैप के सेक्सटॉर्शन का धंधा चल रहा है, जिसमें लोग ब्लैकमेलिंग के शिकार हो रहे हैं। इस काले धंधे का जाल ऐसा खतरनाक है कि यदि कोई इसका शिकार होता है तो बदनामी के डर से किसी को भी बताने में झिझक महसूस करता है और यदि नहीं बताता है तो डर और आत्मग्लानि में डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। ज़्यादातर मामलों में पीड़ित पैसे देकर लाखों की ठगी का शिकार बार बार होता रहता है और शिकारी बार बार उससे उगाही करते रहते है। पीड़ित सोचता है कि पैसे देकर मामला रफा दफा हो जाएगा और ठग उसका वीडियो डिलीट कर देंगे लेकिन ऐसा होता नहीं है।
क्या है उदयपुर का न्यूड वीडियो कॉल का मामला
ऐसा ही एक ताजा मामला राजस्थान के उदयपुर शहर के रामपुरा इलाके से आया है जिसमें न्यूड कॉल के जरिये 25 लाख रुपये की वसूली की गई है और उसके बाद भी साइबर ठगों ने उसका पीछा नहीं छोड़ा और बार बार उसे रिकार्डेड न्यूड कॉल को सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर पैसे की मांग की गई। सबसे पहले पीड़ित को ऐसे समय कॉल आया जब वो नहा रहा था और कॉल रिसीव करते ही सामने एक महिला निर्वस्त्र थी और इससे पहले कि पीड़ित माज़रा समझ पाता ,उसकी कॉल स्क्रीन वीडियो रिकॉर्डर की मार्फ़त रिकॉर्ड कर ली गयी।
इसके तकरीबन 2 दिन बाद ही पीड़ित को अन्य नंबर से कॉल कर ठगों ने धमकाया कि पीड़ित ने न्यूड कॉल कर महिला के साथ आपत्तिजनक काम किया है और अगर वो बदनामी से बचना चाहता है तो एवज में उसे 5 लाख रुपये देने होंगें। इज्जत बचाने के फेर में पीड़ित ने शुरुआत में ठगों द्वारा बताए गए UPI नंबर पर 5 लाख रुपये जमा करवा दिए।
लेकिन ठगी का क्रम अब भी नहीं रुका और फिर कुछ दिनों बाद एक अन्य नंबर से कॉल आया जिसमें न्यूड कॉल का हवाला देकर वायरल करने और केस करने की धमकी देकर 20 लाख रुपये बताये गए बैंक एकाउंट नम्बर पर जमा करवाने की हिदायत दी गयी।
मरता क्या न करता? पीड़ित अब अवसाद के जाल में उलझ चुका था और उसने रुपयों का इंतज़ाम कर बताये गए नंबर पर 20 लाख रुपये भी जमा करवा दिए।
ठगी का खेल फिर भी नहीं रुका और न ही ठगों ने उसका वीडियो डिलीट किया। इसके कुछ दिन बाद फिर से पीड़ित के पास अनजान नंबरों से ब्लैकमेलिंग के पैसे लेने के लिए फ़ोन आने लगे। अंत मे थक हार कर पीड़ित ने स्थानीय अम्बामाता थाने में मामला दर्ज करवाया और पुलिस अब मामले को लेकर तहकीकात में जुट गई है ।
पुलिस क्यों नहीं पहुँच पाती सेक्सटॉर्शन के किंग पिन तक?
अमूमन पुलिस के हाथ ऐसे मामलों में ज्यादा सफतला मिलती नहीं है क्योंकि ठग ऐसे नंबरों का इस्तेमाल करते है जो या तो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हासिल किए होते है या ऐसे व्यक्ति के नाम पर एक्टिवेटेड होते है जिन्हें ये पता तक नहीं होता कि उनके नाम और दस्तावेज की मोबाइल सिम किसी दूर राज्य में जारी की गयी है। अमूमन ऐसे नंबर दूर के राज्यों के गरीब और मजदूर तबकों के दस्तावेजों के आधार पर फर्जी तरीके से लिये जाते है। इन ठगों के पास फर्जी बैंक एकाउंट तक होते है और इन्हें भी कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर ही बैंक में मिलीभगत या बिना मिलीभगत के आधार पर खुलवाया जाता है। ऐसे में सामान्य पुलिस के लिए सेक्सटॉर्शन करने वाले ठगों को पकड़ना मुश्किल ही नहीं बल्कि दूर की कौड़ी हो जाता है। पुलिस कुछ दिनों बाद ऐसे मामलों को ठंडे बस्ते में डाल देती है। इसके साथ ही साइबर पुलिस के पास अत्याधुनिक तकनीक और जानकारी की कमी भी ऐसे मामलों में तह तक पहुँचने में बाधा बन जाती है।
कैसे फंसाते है ठग अपने जाल में ?
सबसे पहले ठग अपनी गैंग की लड़की के मार्फ़त लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से दोस्ती के झाल में फंसाते है। ज्यादातर सेक्सटॉर्शन करने वाली ठगी की गैंग सोशल मीडिया की पोस्ट के मार्फत शिकार के पैसे देने की क्षमता का आंकलन कर लेती है और ऐसे लोगों को शिकार बनाने के लिए लड़की विश्वास कायम कर वीडियो कॉल कर देखने की रिक्वेस्ट करती है। कई मामलों में सीधे भी अंजान नंबर से वीडियो कॉल किये जाते है और कॉल स्वीकार करते ही पहले से निर्वस्त्र ठगी करने वाली लड़की आपका रिएक्शन वीडियो स्क्रीन रिकॉर्डर के मार्फ़त रिकॉर्ड कर लेती है। उसके बाद पैसे वसूलने के लिए ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू किया जाता है। स्कैमस्टर वीडियो का इस्तेमाल जबरन वसूली के लिए करता है, इसे साझा करने से बचाने के एवज में मोटी रकम की मांग करता है।
इंटरनेट पर रिपोर्ट की गई कई घटनाओं ने हाल ही में इसे उजागर किया है. ज्यादातर समय, स्कैमस्टर पुरुष यूजर्स को टारगेट करते हैं और स्ट्रिपिंग दिखाने के लिए दूसरी तरफ एक महिला का उपयोग करते हैं। चूंकि वीडियो कॉल रिसीव करते ही फ्रंट कैमरे स्वतः ही चालू हो जाता हैं, इस कारण स्कैमस्टर पूरी बात को तुरंत रिकॉर्ड कर लेते हैं और पीड़ित को इसे सार्वजनिक करने की धमकी देते हैं।
कैसे बचें ऐसे मामलों से ?
ऐसे मामलों से बचने का सबसे प्रभावी उपाय ये है कि आपको किसी भी अंजान कॉलर का सोशल मीडिया वीडियो कॉल रिसीव ही नहीं करना चाहिए। जैसे ही आप अनजान नंबर का वीडियो कॉल उठाएँगे तो ठगी का शिकार होने का खतरा बना रहेगा।
कभी भी किसी अनजान व्यक्ति से सोशल मीडिया पर दोस्ती स्वीकार न करे और न ही अपने नंबर सोशल मीडिया पर पोस्ट करें।
अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल को लॉक कर ऐसे मोड़ (प्राइवेट मोड) पर रखें, जहां आपके एप्रूव्ड यूजर ही आपकीं पोस्ट देख सके।
अपना फ़ोन बच्चों के हाथों में देने से बचे या परिवार जनों को हिदायत दे कि कभी किसी अनजान नंबर से वीडियो कॉल रिसीव न की ज़ाय।
ज्यादातर मामलों में आपकीं सावधानी ही सेक्सटॉर्शन के मामलों में ब्लैकमेलिंग का शिकार होने से आपकों बचा सकती है।