राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के कोटड़ी थाना इलाके एक गांव में 14 साल की नाबालिग को कोयले की भट्टी में जलाने का मामला सामने आया है। राजस्थान के भीलवाड़ा में कोयले की भट्टी में नाबालिग बच्ची के अवशेष मिले हैं।
परिवार को शक है कि बच्ची के साथ पहले गैंगरेप किया गया, फिर जलाकर उसकी हत्या कर दी गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई। कोटडी थाना क्षेत्र में बकरियां चराने के लिए बच्ची निकली थी। जब घर पर नहीं आई तो परिजनों ने अपहरण और हत्या की आशंका जताई। इसके बाद पुलिस अलर्ट मोड पर आ गई।
आशंका जताई जा रही है कि हत्या से पहले उसके साथ गैंगरेप भी किया गया है। वारदात को लेकर भाजपा नेता और पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर की अगुवाई में बड़ी संख्या में ग्रामीण प्रदर्शन कर रहे हैं। घटना की जानकारी मिलने के बाद चार थानों की पुलिस मौके पर तैनात है। पुलिस ने मामले में 3 आरोपियों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। मौके पर एमओबी टीम और डॉग स्क्वाड को भी बुला कर साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।
नरसिंहपुरा गांव के गुर्जर परिवार की बच्ची बुधवार दोपहर को अपनी मां के साथ बकरियां चरा रही थीं। बच्ची कुछ बकरियां लेकर थोड़ी दूर अलग चराने चली गई। दोपहर बाद बच्ची घर नहीं पहुंची तो उसकी तलाश शुरू की गई। गांव से करीब 3 किलोमीटर दूर जंगल में कालबेलिया समुदाय की कोयला बनाने की भट्टी है। परिजनों को इस भट्टी में बच्ची के शरीर के जले हुए अवशेष और हाथ में पहना हुआ चांदी का कड़ा मिला। इस पर परिवार ने आधी रात में ही कोटड़ी थाना पुलिस को जानकारी दी।
सूचना मिलने पर थाना प्रभारी खिवराज गुर्जर के अलावा शाहपुरा एडिशनल एसपी किशोरी लाल, कोटडी डिप्टी श्याम सुंदर विश्नोई अपने साथ एफएसएल व डॉग स्क्वायड की टीम लेकर मौके पर पहुंचे। भट्टी के अंदर मिले शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। घटनास्थल से सबूत जुटाए गए हैं।
परिवार ने लगाया रेप के बाद हत्या का आरोप
मृत बच्ची के परिवार ने रेप के बाद हत्या करने का आरोप लगाया है। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम के बाद ही होगी। ग्रामीण बेहद नाराज हैं। मौके पर पहुंचे पूर्व मुख्य सचेतक कालू लाल गुर्जर व उप जिला प्रमुख शंकर लाल गुर्जर, भोजपुरा सरपंच शंकर लाल गुर्जर, गिरडिया जीएसएस अध्यक्ष देबीलाल गुर्जर ने किसी आला अधिकारी के नहीं पहुंचने पर हंगामा किया। उन्होंने कहा, पुलिस समय पर एक्टिव होती तो बच्ची की जान बच सकती थी।