27 जुलाई 2022 : राजस्थान के भरतपुर जिले में अवैध खनन के विरोध में शनिवार सुबह आग लगाने के कुछ दिनों बाद मथुरा के साधु की मौत हो गई।
भाजपा सांसद अरुण सिंह, सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद सत्यपाल सिंह, उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक और सांसद बृजलाल यादव की समिति ने भरतपुर जिले के पासोपा गांव के संतों और स्थानीय लोगों से मुलाकात की।
राजस्थान के भरतपुर जिले के डीग उपखण्ड के पसोपा गांव में खनन बंद कराने की मांग को लेकर बाबा विजय दास के आत्मदाह मामले की साधू-संतों ने सीबीआई जांच की मांग भी की है।
वही भाजपा के नेता अरुण सिंह ने बयान जारी कर कहा-
-"20 जुलाई को स्वामी विजयदास जी ने आत्मदाह किया, 23 जुलाई को उनके प्राण नहीं रहे।24 जुलाई को हमारी पार्टी द्वारा गठित यह उच्चस्तरीय कमेटी घटनास्थल पर गई।घटनास्थल पर जाने के बाद कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बनाई।वह रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को और माननीय गृह मंत्री जी को भी सौंपी।हमने घटनास्थल पर जाकर बहुत ही हृदय विदारक स्थिति हमनें वहां देखी। लोगों के मन में राजस्थान सरकार के प्रति बहुत गुस्सा और सरकार के रवैये के प्रति बहुत आक्रोश था। आसपास के गांवों के जो लोग हमसे मिले, उन्होंने हमसे कहा कि संत विजयदास जी का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए।विजयदास जी ने अपने प्राणों की आहूति कनकाञ्चल और आदि बद्री पर्वत दोनो ब्रज की 84 कोस परिक्रमा के अंदर आते हैं। इन पर्वतों के पास अवैध खनन हो रहा था। इससे पर्यावरण और हमारी संस्कृति एवं धार्मिक स्थल को बहुत नुकसान पहुंचाया जा रहा था। इससे क्षुब्ध होकर विजयदास जी और अन्य संत धरने पर बैठे। 551 दिन ये धरना चला, लेकिन उसके बाद भी खनन नहीं रुका।लेकिन राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री से लेकर सब मंत्री मिले हुए थे। स्थानीय मंत्री जाहिद खान के भी 2 पट्टे वहां थे। अवैध रूप से इतना पैसा कमाया जा रहा था कि राजस्थान सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी।संत विजयदास जी ने आत्मदाह करने से पहले राजस्थान सरकार को चेतावनी भी दी थी।लेकिन गहलोत सरकार कुछ नहीं समझी। अपितु राजस्थान सरकार के मंत्री वहां जा जाकर साधुओं का मजाक उड़ाते थे। राजस्थान में जब हमारी सरकार थी, तब 2005 में ब्रज कोस के आसपास के पर्वतों से खनन को प्रतिबंधित किया गया था। 2008 में 202 पट्टे रद्द भी किए गए। इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए। राजस्थान सरकार निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती, इसलिए इसमें CBI जांच होनी चाहिए।उनकी इस मांग का हम भी समर्थन करते हैं कि इस मामलें की CBI जांच अवश्य होनी चाहिए। हम लोग वहां मान मंदिर ट्रस्ट में भी गए और कईं साधु संतों से भी मिले। उन्होंने कहा है कि यह पूरा अवैध खनन राजस्थान सरकार के संरक्षण में हो रहा था, सरकार के मंत्री की इसमें सीधी संलिप्तता है, अधिकारियों की मिलीभगत है।"