जयपुर, 22 जनवरी 2022 : दिल्ली के इंडिया गेट पर लगे अमर जवान ज्योति को अब नेशनल वॉर मेमोरियल मेंं विलीन कर दिया गया है। सरकार के इस फैसले पर रक्षा विशेषज्ञ से लेकर विपक्ष तक भड़के हुए है और इसे मुद्दा बनाया जा रहा है।सरकार के इस कदम को विपक्ष शहीदों का अपमान बता रहा है।
इसी मुद्दे पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुखर होते हुए ट्वीट कर लिखा-
इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति को बुझाकर दो ज्योतियों को एक करने का औचित्य हर किसी की समझ से बाहर है। अगर शहीदों के सम्मान में दो अलग-अलग ज्योति जलती रहतीं तो मोदी सरकार को क्या परेशानी थी? 50 वर्षों से शहीदों को नमन कर रही अमर जवान ज्योति को बन्द करना शहादत का अपमान है।
इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति को बुझाकर दो ज्योतियों को एक करने का औचित्य हर किसी की समझ से बाहर है। अगर शहीदों के सम्मान में दो अलग-अलग ज्योति जलती रहतीं तो मोदी सरकार को क्या परेशानी थी? 50 वर्षों से शहीदों को नमन कर रही अमर जवान ज्योति को बन्द करना शहादत का अपमान है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 22, 2022
ऐसे कुकृत्य करना इतिहास बदलने का प्रयास है परन्तु मोदी सरकार को ये समझ लेना चाहिए कि ऐसे प्रयासों से इतिहास नहीं बदलता बल्कि महान कार्य कर स्वर्णिम इतिहास बनाना पड़ता है।
ऐसे कुकृत्य करना इतिहास बदलने का प्रयास है परन्तु मोदी सरकार को ये समझ लेना चाहिए कि ऐसे प्रयासों से इतिहास नहीं बदलता बल्कि महान कार्य कर स्वर्णिम इतिहास बनाना पड़ता है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 22, 2022
अमर जवान ज्योति पाकिस्तान के दो टुकड़े करने वाले सैनिकों की स्मृति थी। इसको बन्द कर 'मर्जर' का नाम देना उस ज्योति की पवित्रता को कमतर करने का प्रयास है। बांग्लादेश युद्ध विजय के 50 वर्ष पूर्ण होने पर ऐसा कृत्य करना घोर निंदनीय है।
अमर जवान ज्योति पाकिस्तान के दो टुकड़े करने वाले सैनिकों की स्मृति थी। इसको बन्द कर 'मर्जर' का नाम देना उस ज्योति की पवित्रता को कमतर करने का प्रयास है। बांग्लादेश युद्ध विजय के 50 वर्ष पूर्ण होने पर ऐसा कृत्य करना घोर निंदनीय है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 22, 2022