आई. सी. यू. ऑन व्हील के नाम पर रोगियों के साथ धोखा !
![](https://megaportal.in/media/3246/icu.jpg)
रोजाना उदयपुर शहर के निवासी उच्च स्तरीय इलाज के लिये अपने रोगग्रस्त परिजन को लेकर अहमदाबाद, मुंबई जैसे महानगरों की और रूख करते है। जिसके लिये निजी वाहनों और एम्बुलेंस का उपयोग किया जाता है। गंभीर अवस्था अथवा अत्यंत नाजुक स्थिति होने पर उदयपुर से अधिक अहमदाबाद के विशेषज्ञ डॉक्टर्स और क्रिटिकल केअर सुविधाओं का महत्व बढ़ जाता है। इसलिए शहरवासी चाहते है कि सकुशल, बिना तकलीफ के अहमदाबाद पहुँचने की व्यवस्था मिल जाए।
इसी मजबूरी और आवश्यकता का फायदा उठा कर कई नर्सिंग और मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध करवाने वाली मेडिकेयर कंपनिया और अस्पताल आम जनता के साथ धोखा कर बड़ा माल कमा रही है।
इस सम्बंध में जब उदयपुर CMHO डॉ दिनेश खराड़ी से बात की गई तो उन्होंने ऐसी किसी भी आई.सी.यू. ऑन व्हील एम्बुलेंस को विभाग द्वारा स्वीकृत किये जाने से इनकार किया। उन्होंने बताया कि एम्बुलेंस साधारण और कुछ विशेष उपकरणों से लैस एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस हो सकती है, लेकिन आई सी यू ऑन व्हील्स एम्बुलेंस नही कहलाई जा सकती क्योंकि अस्पताल के ICU में कई तरह के उच्च तकनीकी युक्त उपकरण, वेंटिलेटर, इंफ्यूजन पंप, कार्डियक मशीनें आदि होती है। साथ ही ICU के विशेषज्ञ डॉक्टर और ICU विशेषज्ञ नर्सिंग स्टॉफ भी रहता है जो किसी भी गंभीर अवस्था के रोगी को बचाने/ सामान्य अवस्था मे लाने के लिये पर्याप्त क्षमता रखते है।
आपकी जानकारी के लिये हॉस्पिटल के ICU के अंदर एडमिट रोगी की मूल बीमारी के अलावा कई अन्य पैरामीटर भी होते है जिन्हें ICU के अंदर नियंत्रित किया जाता है जैसे टेम्परेचर, ब्लड प्रेशर, पल्स, रेस्पिरेशन, ऑक्सीजन लेवल, शुगर ( यदि हो तो ), इलेक्टरॉलाईट्स आदि।
नेशनल एम्बुलेंस कोड के अनुसार एम्बुलेंस 4 तरह की होती है
(A) Medical First Responder
(B) Patient Transport Vehicle
(C) Basic Life Support Ambulance
(D) Advance Life Support Ambulance
प्रथम A टाइप की एम्बुलेंस में चलने में असमर्थ रोगियों को ले जाने की सुविधा नही होती, यह साधारण रोगी को प्राथमिक इलाज उपलब्ध कराने के लिये होती है।
द्वितीय B टाइप :- साधारण रोगियों को लाने ने जाने के लिये
तृतीय C टाइप :- आधारभूत जीवन रक्षा उपकरणों एवं स्टॉफ युक्त
चतुर्थ D टाइप :- कुछ उच्च स्तरीय जीवन रक्षा उपकरणों युक्त, जिनमे श्वसन प्रणाली प्रबन्धन और अन्य मोनिटरिंग उपकरण के साथ ही सहायक स्टॉफ होता है।
टाइप D एम्बुलेंस को भी ICU एम्बुलेंस का दर्जा तकनीकी रूप से और मेडिकल काउंसिल ऑफ इण्डिया द्वारा नहीं दिया गया है क्योंकि ICU मे विभिन्न तरह के उच्च स्तरीय जीवन रक्षा उपकरण और सुविधाएं होती है, साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टर जो ICU के विशेषज्ञ होते है 24 घंटे मौजूद रहते है। ICU का नर्सिंग स्टॉफ भी ICU के कार्यों की अतिरिक्त विशेषज्ञता रखता है।
इसी प्रकार जब उदयपुर आर टी ओ से फ़ोन पर बात की गई तो उन्होंने भी किसी भी एम्बुलेंस का पंजीकरण आई. सी. यु. ऑन व्हील्स के नाम से नही किया जाना बताया।
किसी भी विभाग से ICU ऑन व्हील्स की स्वीकृति नही होने के बावजूद उदयपुर की कई मेडिकेयर कंपनियां इस तरह के नाम का उपयोग कर 15 से 30 हज़ार तक की लूट अहमदाबाद जाने के लिए कर रही है। उदयपुर के कई ICU ऑन व्हील्स संचालक ऐसी खटारा एम्बुलेंस भी चला रहे है जिसकी बॉडी के प्रत्येक पुर्जे तक बजते है, स्ट्रेचर तक खराब होता है, गर्मी में AC तक नही चलता। ऐसी एम्बुलेंस में जाने पर जो अनुभव होता है, वो अत्यंत बुरा हादसा सा प्रतीत होता है।
ICU ऑन व्हील्स एम्बुलेंस के नाम पर की जाने वाली इस लूट के साथ ही धोखा कहा जाना भी उचित होगा।
पत्रकार : जयवन्त भैरविया
Disclaimer : All the information on this website is published in good faith and for general information purpose only. www.newsagencyindia.com does not make any warranties about the completeness, reliability and accuracy of this information. Any action you take upon the information you find on this website www.newsagencyindia.com , is strictly at your own risk. www.newsagencyindia.com will not be liable for any losses and/or damages in connection with the use of our website