पर्यटन नगरी झीलों के शहर समेत पूरे भारत में अब ऑनलाइन अश्लीलता और इससे जुड़े अपराधों में इजाफा दिखाई दे रहा है। कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खुलेआम ऑनलाइन हाई प्रोफाइल कॉल गर्ल की सेवा लेने के लिए मोबाइल नंबर तक शेयर किए जा रहे है। इसके साथ ही एस्कॉर्ट के नाम पर सर्विस देने वाले अपनी वेबसाइट के नाम तक शेयर करते हैं। वहीं इनके सोशल मीडिया पोस्ट में एस्कॉर्ट के नाम पर फुल सैटिस्फैक्शन की बात कहीं जाती है। साथ ही कई ऐसे भी एकाउंट है जो कपल सेक्स की सेवा देने की भी पेशकश करते है। इस तरह की सेवा देने वाले अधिकतर युवा लड़कियों की फेक फ़ोटो तक ऑनलाइन शेयर करते है।
धोखा, प्यार और सैटिस्फैक्शन के साथ सब कुछ
सूत्रों के अनुसार इस तरह अश्लील सेवा देने वाले अधिकांश ग्रुप एक ही शहर में न रुक कर बारी बारी अलग अलग शहरों में घूमते रहते है और साप्ताहिक या मासिक रूप से उदयपुर में आकर इस तरह की सेवाएं अपने ग्राहकों को उपलब्ध करवाते है। साथ ही लोकल शहर में लोकल ग्रुप्स द्वारा सर्विस नही दी जाती है। ये लोग कुछ हज़ारों से लेकर लाखों रुपये तक ग्राहकों से वसूल रहे है। कई बार ये लोग अपने ग्राहकों को धोखा देकर सोशल मीडिया के माध्यम से सुंदर लड़कियों की फ़ोटो दिखाते है और जब ग्राहक इनकी बताई लोकेशन पर पहुँचता है तो वहाँ कोई और ही लड़की उपलब्ध करवा दी जाती है। ग्राहकों के शिकायत करने पर उन्हें या तो फसाने की धमकी दी जाती है या उनके पैसे तक छीन लिए जाते है। लोग बदनामी के डर से इनकी शिकायत पुलिस से भी नहीं कर पाते है। ऐसे लोग बाकायदा कई होटल के कर्मचारियों से भी जुड़े होते है , जो ग्राहकों से सम्पर्क कर ऐसे एस्कॉर्ट्स ग्रुप से सम्पर्क करवाते है।
दूसरी कड़ी में नहीं होती ब्लैकमैलिंग, लेकिन चलता है पार्टनर अदला बदली का खेल
इसके साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई कपल ऐसे भी है जो कपल स्वेपिंग जैसे कामों को अंजाम देते है और बदले में मोटी रकम वसूलते है। इन लोगों के सम्पर्क इतने तगड़े होते है और ये लोग इतने शातिर होते है कि किसी अनहोनी की खबर इन तक पहले ही पहुँच जाती है। इनके शिकार ज्यादातर उच्च संभ्रांत परिवार के लोग हुआ करते है। सारा काम इतनी सफाई से किया जाता है कि होटल स्टाफ तक को भनक नहीं लग पाती।
राजस्थान में टॉप पर उदयपुर में ऑनलाइन सेक्स टूरिज्म का व्यापार
उदयपुर में भी सेक्स रैकेट ,जिस्मफरोशी और एस्कॉर्ट का धंधा सेक्स टूरिज़्म की आड़ के पीछे फल फूल रहा है। इन सेक्स रैकेट की सेवा लेने के लिए ग्राहक होटल मालिक से भी संपर्क में रहते है और सौदों के लिए कमीशन दिया करते है । होटल ग्राहकों और लड़कियों के लिए एक पिकअप पॉइंट भी होते है। मजे कि बात ये है कि जिस्मफरोशी के इस व्यापार के लिए बाकायदा वेबसाइट तक बनी हुई जिसमे खुले आम मोबाइल नंबर के साथ लड़कियों के फोटो तक दिए गए है। ऐसी 3 से ज्यादा वेबसाइट भी है जिसमे एस्कॉर्ट के नाम पर जिस्मफरोशी का धंधा चलाया जा रहा है और इन सभी वेबसाइट के डोमेन नाम में उदयपुर (Udaipur) शब्द भी प्रयोग में लिया गया है। सामाजिक जिम्मेदारी दिखाते हुए newsagencyindia.com इनके नाम प्रकाशित नहीं कर रहा है।
एस्कॉर्ट्स रैकेट रुकते नहीं ज्यादा दिन एक शहर में
इस तरह के रैकेट,जिस्मफरोशी और एस्कॉर्ट का धंधा किसी एक शहर से संचालित न होकर भारत भर के लगभग हर बड़े शहर और पर्यटक नगरी में होता है। बाकायदा इसमें कई हाई सोसाइटी की लड़कियों सहित टीवी जगत,फिल्म और धारावाहिकों की 'C' ग्रेड अभिनेत्रियाँ तक शामिल होती है। इनका अपना सिस्टम इतना गोपनीय होता है कि बिज़नेस के वक़्त ग्राहक को इलेक्ट्रिक डिकोडिंग मशीन से चेक तक करवाया जाता है कि कही कोई रिकॉडिंग कैमरा तो नहीं है। जगह और उपलब्धता लास्ट मूमेंट पर ग्राहक को बताई जाती है और काम के दौरान चेकिंग के दौरान फ़ोन और संचार उपकरण ले लिए जाते है।
वेबसाइट के अलावा सेक्स रैकेट ,जिस्मफरोशी और एस्कॉर्ट का धंधा ट्वीटर और इंस्टाग्राम पर भी धड़ल्ले से चलाया जाता है जिस पर कई प्रोफाइल ऐसी होती है जिसमे खुले आम नंबर दिए गए होते है। एक बार फ़ोन पर संपर्क होने पर ग्राहकों को व्हाट्सप्प पर फोटो भेजे जाते है और आगे के कार्यक्रम तय किये जाते है। साथ ही टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया पर कई ऐसी प्रोफाइल होती है जो उदयपुर सहित पुरे भारत में एस्कॉर्ट के नाम पर सेक्स का धंधा चला रही है।
बरहाल इन मामलों में पुलिस के पास करने को कुछ ज्यादा नहीं है क्योंकि कई बार लोग ठगी होने पर बदनामी के डर से शिकायत तक दर्ज नहीं करवाते है। तो वही कई संतुष्ट ग्राहक भी है जो अपने अनुभवों को साझा कर ऐसी सेवा देने वाले लोगों का बिजनेस बढ़ाते भी। वही पुलिस भी ऐसे मामलों में पड़ने से घबराती है।
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