मणिपुर में हुई हिंसा की घटना और महिलाओं से बर्बरता मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार से तीखे सवाल किए। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर से सामने आए भयानक वी़डियो की जांच एक तरफ जहां सीबीआई ने तेज कर दी है तो अब वायरल वीडियो मामले में दोनों पीड़ित महिलाएं भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच मामले में सुनवाई कर रही हैं। मणिपुर की दो पीड़ित महिलाओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल का कहना है कि महिलाएं मामले की सीबीआई जांच और मामले को असम स्थानांतरित करने के खिलाफ हैं। वहीं, सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना है कि हमने कभी भी मुकदमे को असम स्थानांतरित करने का अनुरोध नहीं किया है। हमने कहा है कि इस मामले को मणिपुर से बाहर स्थानांतरित किया जाए।
सीजेआई ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा के व्यापक मुद्दे को देखने के लिए हमें एक व्यवस्था भी बनानी होगा। इस व्यवस्था को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे सभी मामलों का ध्यान रखा जाए। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि 3 मई के बाद से जब मणिपुर में हिंसा शुरू हुई थी, ऐसी कितनी एफआईआर दर्ज की गईं हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह दोनों पक्षों को संक्षेप में सुनेगा उसके बाद कार्यवाही के सही तरीके पर फैसला करेगा। कोर्ट ने कहा कि अभी हमारे पास कोई साक्ष्यात्मक रिकॉर्ड नहीं है।
मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के वायरल वीडियो मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में करीब तीन महीने पहले शुरू हुई हिंसा भड़कने के बाद यह महिलाओं के खिलाफ एकमात्र उदाहरण नहीं है। मणिपुर में जिन महिलाओं को नग्न घुमाया गया और उनके साथ यौन उत्पीड़न किया गया, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
राज्य में हुई चार मई की हिंसा के बाद जीवित बचे लोगों ने यौन उत्पीड़न की घटना से संबंधित एफआईआर के मामले में अपनी याचिका के साथ एक अलग आवेदन दायर किया है। इस मामले में सुनवाई करते हुए सीजेआई ने कहा, "यह वीडियो महिलाओं पर हमले की एकमात्र घटना नहीं है। गृह सचिव द्वारा दायर हलफनामा ऐसे कई उदाहरणों का संकेत देता है।"
सीजेआई ने अटॉर्नी जनरल से पूछा कि 3 मई को कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा भड़कने के बाद से महिलाओं पर हमले की कितनी एफआईआर दर्ज की गई हैं। सीजेआई ने कहा, "ऐसा नहीं होना चाहिए कि जब कोई दूसरा वीडियो सामने आए तभी हम मामला दर्ज करने का निर्देश दें...हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि इन तीन महिलाओं के साथ न्याय हो।"