जयपुर,12 अक्टूबर। राज्यपाल एवं कुलाधिपति हरिभाऊ बागडे ने रविवार को मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के डीन, डायरेक्टर्स और प्रशासनिक अधिकारियों के संवाद कार्यक्रम को संबोधित किया।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय अतिथिगृह सभागार में आयोजित संवाद कार्यक्रम में परीक्षाओं की कार्यप्रणाली, परीक्षा परिणामों की वस्तुस्थिति तथा प्रति वर्ष होने वाले दीक्षांत समारोह के आयोजन आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रतिवर्ष शैक्षिक सत्र समाप्त होने के साथ ही उसी वर्ष डिग्रियों का वितरण कर दिया जाए।विलंब होने से विद्यार्थियों को भी अन्य जगह पर प्रवेश लेने या रोज़गार प्राप्ति में समस्या हो सकती है।
राज्यपाल ने नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन की प्रगति संबंधित जानकारी प्राप्त की। उन्होंने विश्वविद्यालय के महाविद्यालयों में छात्रों की प्रवेश नामांकन स्थिति, छात्रवृत्तियों की मौजूदा स्थिति सहित जनजाति के विद्यार्थियों को मिलने वाली छात्रवृत्तियों की जानकारी भी प्राप्त की।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की नेक विजिट और ए ग्रेड मिलने पर संतोष जताते हुए कहा कि संबद्ध महाविद्यालयों में भी प्रतिवर्ष प्रत्येक महाविद्यालय की नेक डिजिट होना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक महाविद्यालय में नेक विज़िट की समुचित कार्रवाई विश्वविद्यालय द्वारा तय की जानी चाहिए।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की वित्तीय स्थिति, वेतन अनुदान और पेंशन से जुड़ी सभी वित्तीय जानकारियां प्राप्त करने के साथ ही ऑडिट संबंधी प्रगति के बारे में पूछा । राज्यपाल ने कहा कि रूसा और पीएम उषा के तहत शोध और नवाचार ज़रूरी है। इसके लिए शिक्षकों को निरंतर प्रोत्साहित करना चाहिए। साथ ही उन्होंने पुस्तकालयों में प्राचीन ग्रंथों को रखने एवं विद्यार्थियों को उसके पठन पाठन के लिए प्रोत्साहित करने की ज़रूरत भी बतायी।राज्यपाल ने भवन निर्माण, भू संपदा और खेलों से जुड़ी हुई उपलब्धियों की जानकारी भी प्राप्त की।
उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा लिए गए गोद लिए गए गाँवों में क्या क्या कार्य हुए हैं इसके बारे में भी जिज्ञासा व्यक्त की साथ ही उन्होंने कहा कि गोद लिए गए गांवों में स्थित स्कूलों के बच्चों को भी समुचित शिक्षण मिले इसके लिए भी विश्वविद्यालय द्वारा पहल की जा सकती है। उन्होंने कहा कि गांवों के बच्चों को जिज्ञासु और जागरूक बनाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा मज़बूत होगी तो उच्च शिक्षा को भी फ़ायदा होगा।
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