जयपुर, 27 मार्च। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की जोधपुर में शनिवार को सर्किट हाउस में हुई जनसुनवाई महिला जिम्नास्टिक खिलाड़ियों के लिए उस समय वरदान साबित हुई जब मुख्यमंत्री के आदेश पर उन्हें विश्वविद्यालय की ओर से खेल प्रतियोगिता में सम्मिलित होने की अनुमति मिली।
दरअसल जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय की 7 छात्राएं अमृतसर में 28 मार्च से होने वाली अखिल भारतीय अंतर-विश्वविद्यालयी प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए सालभर से तैयारियों में जुटी थी। इन छात्राओं का चयन भी किया जा चुका था, लेकिन ऎनवक्त पर उन्हें कहा गया कि 28 मई से होने वाली प्रायोगिक परीक्षाओं के चलते वे इस प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सकतीं।
इससे हताश छात्राएं बड़ी उम्मीद लेकर मुख्यमंत्री की जनसुनवाई में आई तथा अपनी व्यथा से उन्हें अवगत कराया। इन खिलाड़ियों ने श्री गहलोत को बताया कि प्रायोगिक परीक्षा होने में अभी 2 माह शेष हैं, लेकिन विश्वविद्यालय ने परीक्षाओं के कारण उन्हें अभी से ही इस प्रतियोगिता में भाग लेने से वंचित कर दिया है। छात्राओं ने बताया कि पढ़ाई-लिखाई के साथ ही जिम्नास्टिक का नियमित अभ्यास करती रही हैं और उनकी कोशिश है कि जोधपुर और राजस्थान का नाम रोशन करें। पिछले दो वर्ष से कोरोना महामारी के कारण खेल प्रतियोगिताएं नहीं हो पाईं और इस बार विश्वविद्यालय प्रशासन के आदेश के कारण भाग नहीं ले पा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने तसल्ली से उनकी पूरी बात सुनी और छात्राओं से कहा कि वे चिंता न करें और अपने लक्ष्य में जुटी रहें। उन्हें प्रतियोगिता में भाग लेने मंई कोई रुकावट नहीं आएगी। इससे इन खिलाड़ियों के चेहरे खिल उठे। उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि एक संरक्षक के रूप में उनका यह तोहफा जिंदगी भर याद रखेंगी।
मुख्यमंत्री ने तत्काल इस बारे में जिला प्रशासन को निर्देश दिए। जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता के माध्यम से प्राप्त निर्देश की अनुपालना में जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय की जिम्नास्टिक महिला टीम को अमृतसर जाने की अनुमति दी और रविवार सवेरे ही वे अमृतसर के लिए रवाना भी हो गईं।