राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों की ओर से मतदाताओं को लुभाने का सिलसिले में गहलोत बाजी मारते दिखाई दे रहे है। राजस्थान सरकार के मुफ्त बिजली (Free Electricity) और फुड पैकेट (Food Packet) के जरिए मतदाताओं का ध्यान अपनी ओर खींचती नजर आ रही है। ऐसा माना जा रहा है कि सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने 'महंगाई राहत कैम्प' (Inflation Relief Camp) के जरिए पात्र लोगों को सरकार की 10 योजनाओं से जोड़कर विपक्षी पार्टी भाजपा को चारों खाने चित कर दिया है। इस कैम्प के जरिए चुनाव से पहले कांग्रेस (Congress) के नेतृत्व वाली सरकार तीन करोड़ वोटरों तक अपनी पैठ बनाने जा रही है।
गहलोत सरकार ने 1799 कैम्प के साथ शुरुआत करते हुए 2700 कैम्प के लक्ष्य के लिए 30 जून तक का समय निर्धारित किया है। हालांकि सीएम गहलोत ने कहा है कि जब तक एक-एक पात्र लोगों को योजनाओं से नहीं जोड़ लिया जाता,तब तक कैम्प जारी रहेंगें। सीएम गहलोत सरकार के महंगाई के दौर में निश्चित राहत की गारंटी देने वाले महंगाई राहत कैम्प में लाभान्वित परिवारों का आंकड़ा हर दिन तेजी से बढ़ता जा रहा है। राज्य सरकार की दस लोककल्याणकारी योजनाओं में रजिस्ट्रेशन से लोगों का जीवन खुशहाल हो रहा है। आज शाम तक इन कैम्पों के माध्यम से 1.55 करोड़ परिवारों को लाभान्वित किया जा चुका है, जबकि 6.85 करोड़ से अधिक गारंटी कार्ड वितरित किए जा चुके हैं।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार शनिवार शाम तक इंदिरा गांधी गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना में 51.19 लाख, मुख्यमंत्री नि:शुल्क घरेलू बिजली योजना में 85.23 लाख, मुख्यमंत्री नि:शुल्क कृषि बिजली योजना में 10.16 लाख, मुख्यमंत्री नि:शुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना में 95.95 लाख, मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में 61.07 लाख एवं इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में 4.19 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। इसी प्रकार सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में 47.59 लाख, मुख्यमंत्री कामधेनु बीमा योजना में 92.33 लाख, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में 1.18 करोड़ एवं मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना में 1.18 करोड़ से अधिक रजिस्ट्रेशन हुए हैं।
उधर दूसरी तरफ महँगाई राहत शिविर के जवाब में मुख्य विपक्षी राजनीतिक दल के हाथों कोई मुद्दा ऐसा अब तक हाथ नहीं लग पाया है जिससे चुनावी समर में काँग्रेस नीत राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को टक्कर दी जा सके।
दूसरी ओर जहाँ एक तरफ राजस्थान कांग्रेस का मुख्यमंत्री चेहरा अशोक गहलोत स्पष्ट रूप से सामने है,चूंकि भाजपा का ट्रेडिशन रहा है कि कभी चुनावों से पहले भाजपा मुख्यमंत्री चेहरा सामने नहीं लाती है और इसलिए राजस्थान भाजपा ने अपना मुख्यमंत्री प्रत्याशी घोषित नहीं किया हैं,ऐसे में जनता के सामने भाजपा के लिए कई प्रश्न खड़े हो जा रहे है और भाजपा के सम्भावित मुख्यमंत्री पप्रत्याशियों के खेमेबाजी भी भाजपा का रास्ता दुरूह बना रही है। वहीं भाजपा जमीनी लड़ाई में भी पीछे होती दिखाई दे रही है और उसके नेताओं के आयोजनों में कम होती भीड़ की संख्या इंगित कर रही है कि अशोक गहलोत के खिलाफ राजस्थान भाजपा बौनी साबित होती जा रही है।