राजस्थान के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के बयान ने हलचल मचाते हुए शुक्रवार को विधानसभा के पटल पर अपनी ही सरकार पर निशाना साधा और कहा- हमें मणिपुर के बजाय अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। हम महिलाओं की सुरक्षा के मामले में असफल हो गए हैं। गुढ़ा के इस बयान पर सदन में ही बीजेपी ने मेज थपथपाकर समर्थन किया।
गुढ़ा के बयान के बाद राज्य की सियासत का गर्माना तय माना जा रहा था। इसी बीच, सीएम गहलोत ने 6 घंटे के अंदर ही गुढ़ा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया। सीएम की सिफारिश को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। राजस्थान के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कई बार इससे पहले भी अपने बयान की वजह से पार्टी और सरकार की मुश्किलें बढ़ाई है। राजेंद्र गुढ़ा सैनिक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा, पंचायती राज और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री का दायित्व संभाल रहे थे।
बर्खास्तगी के बाद क्या बोले गुढ़ा
बर्खास्तगी के बाद गुढ़ा बोले- राजस्थान महिला अत्याचार में नंबर वन है और यह कारनामा गहलोत सरकार के कार्यकाल में हुआ है। यह सच है और मुझे सच बोलने की सजा मिली है। गहलोत का मैंने साथ दिया, लेकिन आगे इस आदमी का साथ देने से पहले सौ बार सोचूंगा।
आलाकमान से सलाह लेकर हटाया है गुढ़ा को
राजेंद्र गुढ़ा पिछले करीब कई महीनों से पार्टी लाइन से अलग जाकर कई बार बयान दे चुके थे। ऐसे में पार्टी में एक्शन लेने के लिए दवाब था जिसे शुक्रवार के बयान ने बल दे दिया। गुढ़ा ने मणिपुर मामले की जगह राजस्थान सरकार को अपने गिरेबां में झांकने की सलाह देकर विवाद बढ़ा दिया। गुढा के विधानसभा में दिए बयान को बीजेपी ने आधार बनाकर मणिपुर के काउंटर में पेश करना शुरू कर दिया। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने तत्काल दिल्ली रिपोर्ट भेजी, हाईकमान से बात की। साथ ही गहलोत ने भी हाईकमान से सलाह ली, इसके बाद ग्रीन सिग्नल मिलते ही गुढ़ा के विधानसभा में दिए बयान के कुछ ही देर बाद उन्हें बर्खास्त करने की फाइल राजभवन भिजवा दी।