उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से धर्मांतरण का एक अजीबोगरीब मामलें में जैन परिवार के एक 17 साल के लड़के का ऑन लाइन गेमिंग ऐप के जरिए ब्रेनवॉश किया गया। इसके बाद जब बच्चा 5 वक्त की नमाज पढ़ने मस्जिद जाने लगा,तो परिवार को खटका लगा।
शक होने पर जब उन्होंने पीछा किया तो पता चला कि वह हर बार मस्जिद जाकर नमाज पढ़ता है। इस पर जब उन्होंने बेटे से बात की तो उसने इस्लाम अपनाने की बात करते हुए उसे बाकी धर्मों से बेहतर बताया। परिवार ने जब पूछताछ की तो उसने भगोड़े कट्टरपंथी जाकिर नाईक से प्रभावित होकर मुस्लिम बन जाने की बात कबूली। जब उन्होंने अपने बेटे के मोबाइल और लैपटॉप की जाँच की तो उसमें इस्लाम से जुड़ी कई सामग्रियाँ मिलीं। इसमें से कुछ गैर-कानूनी भी हैं। इसी दौरान उन्हें पता चला कि ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए उनके बेटे की दोस्ती मुंबई निवासी बद्दो नामक व्यक्ति से हुई थी। बद्दो से उनके बेटे ने कम्प्यूटर पार्ट्स भी खरीदे थे। इसके बाद से उन दोनों की दोस्ती बढ़ गई। पीड़ित व्यक्ति ने कहा है कि उनका बेटा कई घंटों तक बद्दो से बात करता था। इसके अलावा उसके फोन में कई अन्य संदिग्ध नंबर भी मिले हैं।
पीड़ित व्यक्ति ने कहा है कि उनका बेटा अभी समझदार नहीं है। उसका ब्रेनवॉश कर उसे इस्लामिक गतिविधियों में शामिल किया गया है। अब वह घर छोड़कर मस्जिद के इमाम के साथ रहने की बात कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा है कि संजय नगर के सेक्टर-23 स्थित मस्जिद में उनका बेटा नमाज पढ़ने जाता है, वहाँ के लोग भी धर्मांतरण के इस रैकेट में शामिल हो सकते हैं। यही नहीं उन्होंने अपने बेटे के देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होने की भी आशंका जताई है।
पीड़ित पिता ने बेटे की धर्मांतरण की कोशिश और ब्रेनवॉश करने के आरोप में गाजियाबाद के कवि नगर थाने में केस दर्ज करवाया है। इस पूरे रैकेट के पीछे पूरा गैंग एक्टिव है, जो ऑनलाइन गेमिंग ऐप पर एक्टिव है और धर्मांतरण के 3 स्टेप के आधार पर काम कर रहा हैं।
सूत्रों के अनुसार जिम जाने के बहाने लड़का मस्जिद में 5 बार नमाज पढ़ने के लिए जाता था, अब उस मस्जिद कमेटी के पूर्व सदस्य अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया गया है। खुलासा हुआ है कि एक ऐसा गैंग एक्टिव था, जो ऑनलाइन गेम जिताने के लिए कुरान की आयतें पढ़वाता था। फिर ब्रेनवॉश करके उनका धर्मांतरण कराता था। पुलिस को आरोपी के मोबाइल से धर्मांतरण से जुड़े सबूत भी मिले हैं।
30 मई को राजनगर निवासी एक व्यक्ति ने थाना कविनगर में संजयनगर सेक्टर-23 की मस्जिद के मौलवी और मुंबई निवासी बद्दो नामक शख्स पर उप्र विधि-विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-2021 के तहत FIR दर्ज कराई थी। पीड़ित पिता के अनुसार, 'मेरा नाबालिग बेटा पिछले कुछ वक्त से परिवार के साथ अजीब-अजीब तरह का व्यवहार कर रहा है। वह घर से पांच बार जिम करने की बात कहकर निकल जाता था और कई-कई घंटे बाद वापस आता था। मुझे जब शक हुआ तो मैंने उसका पीछा किया। फिर पता चला कि वह संजय नगर सेक्टर-23 की मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए जाता है। ये देखकर मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई। मैंने इस बारे में फिर अपने बेटे से बात की। उसने इस्लाम को अन्य धर्म से बेहतर बताया और कहा कि वह मन से इस्लाम धर्म को स्वीकार कर चुका है। मैंने जब बेटे के मोबाइल-लैपटॉप की जांच की, तो उसमें इस्लाम धर्म से जुड़ी ढेरों सामग्रियां मिली।'
कौन है अब्दुल रहमान ?
पुलिस ने इस केस में अब्दुल रहमान नामक आरोपी को गिरफ्तार किया है। ये पूर्व में संजयनगर सेक्टर-23 की मस्जिद कमेटी का सदस्य था। दो महीने पहले ही इसे कमेटी से बाहर निकाल दिया गया था। पूछताछ में अब्दुल रहमान ने बताया, 'मैं गैर मुस्लिम लड़कों को इस्लाम के बारे में बताता था। इसी क्रम में मेरी पहचान एक साल पहले दो नाबालिग लड़कों से हुई। इसमें एक जैन और दूसरा हिन्दू था। मैंने इस्लाम को सर्वोपरि बताकर इन दोनों को उकसाया। ये मेरी बातों से प्रभावित हो चुके थे और नमाज पढ़नी भी शुरू कर दी थी। लेकिन जैन फैमिली को इसका पता चल गया। पकड़े जाने के डर से मैंने अपने मोबाइल की सारी हिस्ट्री और चैट डिलीट कर दी।'
क्या हैं धर्मांतरण के 3 स्टेप !
पुलिस ने इस केस में तीन पीड़ित बच्चों से पूछताछ की है। इसमें पता चला है कि धर्मांतरण के तीन स्टेप थे। पहले स्टेप में एक ऐसा गैंग एक्टिव था जो मुस्लिम या अन्य धर्मों के नाम से ID बनाकर मोबाइल-कम्प्यूटर पर फोर्ट नाइट (Fort Nit) ऐप पर गेम्स खेलता था। अगर कुछ लड़के गेम हार जाते थे तो उन्हें कुरान की आयत पढ़वाई जाती थी और फिर उन्हें गेम जिताकर कुरान का भरोसा कायम किया जाता था।
सेकेंड स्टेप में डिस्कोर्ड एप्प (Discord App) के द्वारा मुस्लिम लड़के हिन्दू नाम की यूजर आईडी बनाकर हिन्दू लड़कों से चैटिंग करते थे। उन्हें इस्लामिक रीति-रिवाज अपनाने के लिए बहला-फुसलाते थे। तीसरे स्टेज में वे प्रतिबंधित इस्लामिक प्रवक्ता जाकिर नाईक के कुछ वीडियो स्पीच सुनाकर इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित करते थे। साथ ही वे इस्लामिक कल्चर और रीति-रिवाज के संबंध में सारी जानकारी उपलब्ध कराते थे।
जिस जैन फैमिली के नाबालिग लड़के ने मुंबई के बद्दो नामक व्यक्ति से ऑनलाइन संपर्क किया था, उसकी मूल पहचान खान शहनवाज मकसूद के रूप में हुई है। वो महाराष्ट्र में ठाणे का रहने वाला है। गाजियाबाद पुलिस की एक टीम शहनवाज को पकड़ने के लिए महाराष्ट्र रवाना हो गई है।