जयपुर, 16 जुलाई। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के केन्द्रीय मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री जी. कमला वर्धन ने कहा कि राजस्थान में मिलावट रोकथाम एवं खाद्य सुरक्षा को लेकर सेंपलिंग कार्यवाही के साथ—साथ आमजन में खाद्य सुरक्षा के प्रति जन-जागरुकता के लिए बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में मिलावट के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान से आमजन में जागरूकता बढ़ी है तथा मिलावट पर प्रभावी रोकथाम हो रही है। उन्होंने मिलावट रोकने के लिए दर्ज किए जा रहे केसेज की जानकारी ली एवं इनके त्वरित निस्तारण के साथ सतत निगरानी के निर्देश दिए।
केन्द्रीय सीईओ बुधवार को ओटीएस के सभागार में प्रदेश में खाद्य सुरक्षा को लेकर किए जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। अतिरिक्त जिला कलक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की क्षेत्रीय समीक्षा बैठक में उन्होंने मिलावट रोकथाम के लिए खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के प्रावधानों के तहत किए जा रहे प्रयासों, लम्बित केसेज, मैनपॉवर सहित विभिन्न मामलों पर विस्तार से समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आमजन के दैनिक खाद्य पदार्थों में शामिल घी, दूध, पनीर मसाले जैसे पदार्थों के सेंपल नियमित रूप से लिए जाएं और इनसे संबंधित केसेज को त्वरित रूप से निस्तारित किया जाए। उन्होंने प्रदेश में फूड सेफ्टी ऑफिसर्स के रिक्त पदों के बारे में जानकारी लेते हुए यथाशीघ्र भरने के भी निर्देश दिए।
बैठक में रेगुलेटरी कम्प्लाइंस डिविजन के निदेशक श्री राकेश कुमार एवं कार्यकारी निदेशक श्री सत्येन कुमार पंडा ने भी खाद्य सुरक्षा एक्ट के प्रावधानों की सख्ती से पालना के साथ ही अपनाई जाने वाली रणनीति पर भी चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। श्री राकेश ने कहा कि अधिनियम के तहत सेंपलिंग के बाद अधिकतम 90 दिवस में केस पर निर्णय किया जाना आवश्यक है।
खाद्य सरक्षा आयुक्त श्री एच. गुईटे ने प्रदेश में खाद्य सुरक्षा के तहत की जा रही कार्यवाही सहित विभिन्न अभियानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बारिश के मौसम को देखते हुए सभी एफएसओ को अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खाद्य सुरक्षा के तहत किए जाने वाली कार्यवाही की रियल टाइम मॉनिटरिंग एवं आमजन को आवश्यक जानकारी प्रदान करने के लिए एआई आधारित एप विकसित की जा रही है। इसमें आमजन के लिए प्रश्नावली सहित आवश्यक जानकारी भी उपलब्ध होगी।
श्री गुईटे ने बताया कि अप्रेल 24 से मार्च 2025 की अवधि में प्रदेश में 18 हजार 213 सेम्पल लिए गए। इनमें 863 अनसेफ, 3734 सेम्पल सब स्टेंडर्ड एवं 131 मिस ब्रांडेड पाए गए। इनमें से 17 हजार 615 सेम्पल्स का विश्लेषण कर आवश्यक कार्यवाही कर दी गयी है। शेष 598 पेंडिंग मामलों में जिलावार अवधि निर्धारित कर नियमानुसार निस्तारण करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने प्रदेश में त्यौहारी सीजन एवं अन्य अवसरों पर मिलावट रोकथाम के लिए संचालित किए जाने वाले अभियानों एवं प्रगति पर प्रजेंटेशन के माध्यम से जानकारी प्रदान की।
समीक्षा बैठक में निदेशक आईईसी श्री शाहीन अली खान, अतिरिक्त खाद्य सुरक्षा आयुक्त श्री पंकज ओझा, संयुक्त आयुक्त डॉ. विजय प्रकाश शर्मा सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद रहे।