जयपुर, 22 जून। जयपुर शहर में ट्रांसपोर्ट नगर से गलता गेट क्षेत्र की करीब 1.6 किलोमीटर (1600 मीटर) पुरानी पाइप लाईन के स्थान पर नई पाइप लाईन डाली जाएगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इससे क्षेत्र की आधा दर्जन से अधिक कालोनियों के निवासियों को अधिक प्रेशर से पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने बताया कि इस पर 2 करोड़ 89 लाख रुपए से अधिक की राशि व्यय होगी। यह निर्णय एसीएस माइंस की अध्यक्षता में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया।
एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर से गलता गेट तक करीब 1600 मीटर क्षेत्र में अब 18 इंच की डीआई पाइप लाईन डाली जाएगी। इससे पहले यहां काफी गहरी और पुरानी 14 इंच की पाइप लाईन होने से क्षेत्र के कॉलोनीवासियों को पूरे प्रेशर से पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है और नागरिकों की पानी के प्रेशर, गुणवत्ता सहित अन्य शिकायतें प्राप्त हो रही है। उन्होंने बताया कि खासबात यह भी है कि एक तो वर्तमान में पुरानी पाइपलाईन होने के कारण लीकेज आदि की शिकायतों के निवारण में भी परेशानी आती है। इसके साथ ही इस 1600 मीटर के इस क्षेत्र के आगे भी 18 इंच की पाइप लाईन से पेयजल का वितरण किया जा रहा है। ऎसे में अब इस क्षेत्र की पूरी लाइन 18 इंच की होने से संपूर्ण क्षेत्र में पेयजल वितरण व्यवस्था में सुधार होगा।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि जलदाय विभाग द्वारा ट्रांसपोर्ट नगर से गलता गेट तक पुरानी 14 इंच की पाइप लाईन के स्थान पर 18 इंच की पाइप लाईन डालने से क्षेत्र के करीब 25 से 30 हजार परिवार लाभांवित होंगे। उन्होंने बताया कि इससे पहाड़गंंज, अनाज मण्डी, मालियों का मौहल्ला, लक्ष्मीनारायणपुरी, ऋषी गालव नगर सहित आसपास की कॉलोनीवासी लाभान्वित होंगे और क्षेत्र में नागरिकों को प्रेशर से पानी उपलब्ध हो सकेगा।
बैठक में मिशन निदेशक श्री प्रताप सिंह, आरडब्लूएसएसएमबी के तकनीकी सदस्य श्री डीके गौड़, वित्तीय सलाहकार श्री केसी कुमावत, मुख्य अभियंता ग्रामीण श्री सीएम चौहान, मुख्य अभियंता स्पेशल प्रोजेक्ट श्री दिनेश गोयल, मुख्य अभियंता श्री मनीष बेनीवाल, सचिव आरडब्लूएसएसएमबी श्री केडी गुप्ता के साथ ही संयुक्त सिंचव श्री राम प्रकाश, उप सचिव श्री गोपाल सिंह, मुख्य अभियंता जेजेएम श्री आरके मीणा, मुख्य अभियंता प्रोजेक्ट श्री नीरज माथुर, टीए श्री सुधांशु दीक्षित आदि ने हिस्सा लेते हुए पेयजल व्यवस्था सुधार के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए।