जयपुर, 12 अक्टूबर। वन मंत्री श्री संजय शर्मा रविवार को बिना किसी औपचारिक सूचना दिए रणथंभौर नेशनल पार्क पहुंचे। उन्होंने आम पर्यटक की तरह ऑनलाइन टिकट बुक कर सामान्य श्रेणी में सफारी की। पहचान छिपाने के लिए टोपी, चश्मा और मास्क लगाकर उन्होंने रणथंभौर के जोन नंबर तीन में लगभग तीन घंटे तक जंगल का भ्रमण किया और पार्क की व्यवस्थाओं का सूक्ष्म निरीक्षण किया।
वन मंत्री श्री शर्मा ने सफारी के दौरान पार्क में वन विभाग के गश्ती वाहन न मिलने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जंगल में बाघों की निगरानी और पर्यटकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। मंत्री ने मौके पर मौजूद वनकर्मियों को आवश्यक निर्देश दिए ।
निरीक्षण के दौरान श्री शर्मा ने पार्क प्रबंधन, गाइड व्यवस्था, वाहन संचालन, टिकटिंग प्रणाली और पर्यटक सुविधाओं का प्रत्यक्ष आकलन किया। उन्होंने सफारी में शामिल पर्यटकों से भी बातचीत की और उनके अनुभव व सुझाव सुने।
सफारी पूर्ण करने के बाद जब वन मंत्री ने अपनी पहचान उजागर की, तब वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को इस औचक निरीक्षण की जानकारी हुई। श्री शर्मा ने कहा कि उन्होंने यह कदम इसलिए उठाया ताकि वे सामान्य पर्यटक की दृष्टि से रणथंभौर की व्यवस्थाओं की वास्तविक स्थिति समझ सकें।
वन मंत्री ने निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने बाघों की मॉनिटरिंग, गश्ती प्रणाली, सुरक्षा व्यवस्था और पर्यटक सुविधाओं को और बेहतर बनाने पर विशेष जोर देने की बात कही।