केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने एक बार फिर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता (संशोधित) अधिनियम (CAA) को लागू करने का दावा दिया है। रविवार (26 नवंबर) को वह पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में ठाकुर नगर में आए थे, जहां बांग्लादेश छोड़कर भारत में बसे हिंदू शरणार्थी समुदाय "मतुआ" की बहुलता है। वहां उन्होंने कहा, "नागरिकता (संशोधन) अधिनियम का अंतिम मसौदा अगले साल 30 मार्च तक तैयार होने की उम्मीद है। " उनके साथ स्थानीय भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर भी मौजूद थे, जो खुद मतुआ समुदाय के हैं।
उत्तर प्रदेश से बीजेपी सांसद मिश्रा ने यहां मतुआ समुदाय की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, "पिछले कुछ वर्षों में सीएए को लागू करने की प्रक्रिया में तेजी आई है। कुछ मुद्दों को सुलझाया जा रहा है। कोई भी मतुआ लोगों से नागरिकता का अधिकार नहीं छीन सकता। अगले साल मार्च तक सीएए का अंतिम मसौदा लागू होने के लिए तैयार होने की उम्मीद है।"
सीएए को लागू करने की प्रक्रिया में आई तेजीः अजय मिश्रा
मालूम हो कि विभाजन के समय बड़ी संख्या में मतुआ समुदाय के लोगों ने पश्चिम बंगाल में शरण ली थी। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सीएए को लागू करने की प्रक्रिया में तेजी आई है। मुद्दों को सुलझाया जा रहा है। स्थानीय भाजपा सांसद एवं केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने उनका समर्थन किया।
सीएए में क्या है प्रावधान
सीएए में 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में प्रवेश करने वाले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के प्रविधान हैं।