वाराणसी, 19 मई 2022 :ज्ञानवापी की एक और बड़ी खबर आयी है।उत्तर प्रदेश के वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद तथा काशी विश्वनाथ मंदिर के सर्वे के चलते कोर्ट कमिश्नर द्वारा वीडियोग्राफी करवाई गयी।सूत्रों के मुताबिक़ ज्ञानवापी के मंदिर होने के कई बड़े प्रमाण मिले है।
पढ़िए क्या लिखा है एक कमिश्नर की रिपोर्ट में:
पूर्व सूचना के आधार पर पक्ष गणों की उपस्थिति में कमीशन कार्यवाही दिनांक 6 मई 2022 दिन शुक्रवार शाम 3:30 बजे शुरू की गई। प्रथम दिन की कार्यवाही सायं 5:45 तक की गई । सूर्यास्त होने के कारण दिनांक 7 मई 2022 को पुनः 3:00 बजे शुरू की गई। विपक्षी संख्या चार दूसरे दिन दिनांक 7 मई 2022 को कार्यवाही में उपस्थित नहीं रहे। दिनांक 7 मई 2022 की कार्यवाही में प्रतिवादी संख्या एक लगायत 3 द्वारा असहयोग व अपने जिम्मेदारियों का दायित्व सही ढंग से निर्वहन न करने के कारण तथा एक दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप करने के कारण तथा विवादित स्थल पर जिस के बाबत कमीशन रिपोर्ट की मांग की गई है, उसमें लगभग 100 लोग जो मुस्लिम समुदाय के थे, तथा उन लोगों के इकट्ठा हो जाने के कारण प्रशासन व पुलिस यानी प्रतिवादी 1 लगायत 3 ने असमर्थता जाहिर की कि कमीशन कार्रवाई मुकम्मल रुप से की जा सके। जिसके कारण 4:50 पर कमीशन की कार्रवाई आगे संपन्न नहीं हो सकी। दिनांक 6 मई 2022 को कार्यवाही पक्षगण के पहचान आदि की प्रक्रिया पूर्ण कर समय लगभग शाम 4:00 बजे कमीशन की कार्रवाई प्रारंभ की गई। दौरान कमीशन कार्रवाई विभिन्न विग्रहों का निरीक्षण करते हुए विवादित स्थल के मूल स्थान बैरिकेटिंग के बाहर उत्तर से पश्चिम दीवार के कोने पर पुराने मंदिरों का मलबा जिस पर देवी-देवताओं की कलाकृति तथा अन्य शीलापट्ट कमल की कलाकृति देखी गई।पत्थरों के भीतर की तरफ कुछ कलाकृतियां आकार में स्पष्ट रूप से कमल एवं अन्य आकृतियां थी। उत्तर पश्चिम के कोने पर छड़ गिट्टी सीमेंट से चबूतरे पर नए निर्माण को देखा जा सकता है। उक्त सभी शिलापट्ट व आकृतियों की वीडियोग्राफी कराई गई। उत्तर से पश्चिम की तरफ चलते हुए मध्य शिला पट्ट पर शेषनाग की कलाकृति नागफन जैसी आकृति देखी गई। जिसकी वीडियोग्राफी कराई गई । शिलापट्ट पर सिंदूरी रंग की उभरी हुई कलाकृति देखी गई ,जिसकी वीडियोग्राफी कराई गई । शिलापट्ट पर देव विग्रह जिसमें 4 मूर्तियों की आकृति दिखती है जिस पर सिंदूरी रंग लगा हुआ है । चौथी आकृति जो मूर्ति की तरह प्रतीत हो रही है उस पर सिंदूर का मोटा लैप लगा हुआ है, जिसकी वीडियोग्राफी कराई गई । आगे क्रम में दिया जलाने के उपयोग में लाया हुआ प्रतीत होता है। त्रिकोणीय ताखा जैसा जिसमें फूल रखे हुए थे, दिखाई दिया। जिसकी वीडियोग्राफी कराई गई। अंदर की तरफ मिट्टी व एक अलग शिलापट्ट दिख रही है, जिस पर उकेरी हुई आकृति दिखाई दे रही थी, जिसकी वीडियोग्राफी करवाई गई। ताखे के नीचे गोल घुमावदार आकृति उकेरी हुई तथा शिलापट्ट पर 4 कलाकृति उकेरी हुई सिंदूरी रंग की दिखाई दी, जिसकी वीडियोग्राफी कराई गई । शिलापट्ट पर तीन लाइनदार आकृति जो सिंदूरी रंग में रंगी हुई थी,दिखाई दिया। इसकी वीडियोग्राफी कराई गई। वीडियोग्राफी कराए गए शिलापट्ट भूमि पर काफी लंबे समय से पड़े हुए है तथा प्रथम दृष्टया किसी बड़े भवन के खंडित अंश नजर आते हैं । इनके पीछे पूर्व दिशा में बैरिकेडिंग के अंदर व मस्जिद की पश्चिम दीवार के बीच मलबे का ढेर पड़ा है। यह शिला पट्ट पत्थर भी उन्हीं का हिस्सा निरंतरता में होने प्रतीत होते हैं। इन पर उभरी कुछ कलाकृतियां मस्जिद के पीछे की पश्चिम दीवार पर उभरी कलाकृतियों से मेल खाती दिखाई दे रही हैं। आगे क्रम में वादी गण के बताने पर विवादित स्थल के मूल स्थान बैरिकेटिंग के अंदर जाने व प्रशासन से तहखाना खोलने हेतु न्यायालय का आदेश दिखा कर कार्यवाही में सहयोग करने को कहा गया , जिसमें पक्षकार द्वारा सूर्यास्त का समय होने व पर्याप्त रोशनी के अभाव की असमर्थता बताते हुए कमीशन की कार्यवाही दिनांक 7 मई 2022 को अपराहन 3:00 बजे शुरू की जाएगी, इसकी सूचना के साथ दिनांक 6 मई 2022 की कार्रवाई 5:45 पर बंद कर उपस्थित पक्ष गणों का हस्ताक्षर करवाया गया। पुनः पूर्व सूचना के आधार पर दिनांक 7 मई 2022 की कार्रवाई विपक्षी संख्या 4 के काफी इंतजार के बाद अपराह्न 3:45 बजे प्रारंभ की गई । दिनांक 7 मई 2022 के दौरान कमीशन कार्यवाही वादी के अधिवक्ता गण व वादियों की उपस्थिति में विवादित स्थल की बैरिकेडिंग बाहर से ऊपरी तौर पर शिनाख्त की गई एवं उसकी वीडियोग्राफी हुई। मैंने वादीनिगण व उसके अधिवक्ता गण से प्रश्न किया कि विवादित स्थल के पश्चिमी दीवार की बैरिकेडिंग के बाहर सिंदूर लगी तीन चार कलाकृति, चौखट प्रकार का शिला पट्ट ही दावे में वर्णित श्रृंगार गौरी है या नहीं इसके उत्तर में उनके द्वारा बताया गया कि श्रृंगार गौरी मंदिर की चौखट का अवशेष है । उनकी कलाकृतियों के प्रतीक को ही फिलहाल श्रृंगार गौरी मान कर पूजते है क्योंकि बैरिकेडिंग के अंदर मुख्य मंदिर या उसके अवशेष तक जाना प्रतिबंधित है। उक्त सभी स्थल को दिखाते हुए वीडियोग्राफी कराई गई। तत्पश्चात बैरिकेडिंग में प्रवेश करने का प्रयास किया गया। परंतु प्रतिवादी गण एक से तीन स्थिति स्पष्ट न होने के कारण कमीशन की कार्रवाई दिनांक 7 मई 2022 समय 4:50 पर बंद कर दी गई। संपूर्ण कार्यवाही की वीडियोग्राफी न्यायालय के आदेशानुसार सुरक्षित स्थान के कोषागार में चिप्स के रूप में जमा की गई है,जो कि सील्ड पैक है,जमा की गई है।