31 जुलाई 2022 : शिवसेना नेता संजय राउत पर रविवार सुबह ED ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सुबह-सुबह उनके आवास पर टीम पहुंची है। माना जा रहा है कि ईडी की टीम राउत को हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकती है। राउत पर जांच में सहयोग न करने का आरोप है।
जांच एजेंसी 'पत्रा चॉल लैंड स्कैम केस' (Patra Chawl land scam case) में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है। इस मामले में संजय राउत को ईडी ने 20 जुलाई को समन किया था, लेकिन राष्ट्रपति चुनाव में व्यस्तता की वजह से शिवसेना सांसद एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे। अपने वकीलों के मार्फत उन्होंने 7 अगस्त तक का समय मांगा था। ED ने गुजारिश को खारिज कर दिया था और और दोबारा 27 जुलाई को समन किया था। इस बार भी संजय राउत नहीं पहुंचे और उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए दिल्ली में होने की बात कही। उसके बाद ही ED की संजय राउत के घर पहुंची है।
क्या है मामला
2007 में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को चॉल विकसित करने का ठेका दिया गया। इस योजना के तहत 47 एकड़ की जमीन पर चॉल की जगह फ्लैट बना दिया गया। समझौते के मुताबिक चॉल के निवासियों को 672 फ्लैट देना था। इसके अलावा 3,000 फ्लैट म्हाडा को देना था। समझौते के अनुसार बाकी बची जमीन पर कंस्ट्रक्शन कंपनी घर बनाकर बेच सकती थी।
हालांकि इस मामले में आरोप है कि पूरी 47 एकड़ जमीन, 1034 करोड़ रुपये में बेची गई। आरोपों के मुताबिक कंपनी ने फ्लैट नहीं बनाया। इसी मामले में ED ने प्रवीण राउत और उसके साथी सुजीत पाटकर पर केस दर्ज किया। प्रवीण राउत, गुरु आशीष, कंस्ट्रक्शन कंपनी के पूर्व निदेशक हैं। माना जाता है कि प्रवीण राउत, संजय राउत के दोस्त हैं।
आरोप है कि प्रवीण की पत्नी के खाते से संजय राउत की पत्नी के खाते में पैसे ट्रांसफर हुए। वहीं सुजीत पाटकर और संजय राउत की बेटी एक ट्रेडिंग फर्म में साझेदार हैं। इसके अलावा पाटकर की पत्नी और संजय राउत की पत्नी पर साझा जमीन खरीदने का आरोप है।