देश पर रिसिन का खौफनाक साया — गुजरात ATS ने डॉक्टर समेत तीन आतंकियों को रंगे हाथ पकड़ा! ISKP का जैविक हमला टला !
गुजरात राज्य एटीएस (एंटी टेररिज्म स्क्वाड) ने एक खुफिया ऑपरेशन के तहत एक डॉक्टर और दो अन्य आतंकियों को गिरफ़्तार किया है। जांच में सामने आया कि मुख्य आरोपी पेशे से डॉक्टर है और उसने मेडिकल जानकारी का दुरुपयोग करते हुए रिसिन जैसे जानलेवा ज़हर को लैब में तैयार करना शुरू कर दिया था। पूछताछ में पता चला कि उनके निर्देश ISKP से जुड़े एक हैंडलर द्वारा विदेश से मिल रहे थे।
रिसिन जहर कितना घातक?
रिसिन एक शक्तिशाली जैविक विष है जो अरंडी के बीजों (कैस्टर बीन्स) के प्रोसेसिंग के बाद बचे अवशेष से बनाया जाता है। रिसिन का महज़ एक माइक्रोग्राम भी अगर सांस या खाने के ज़रिए शरीर में चला जाए, तो जानलेवा साबित हो सकता है। यह जहर सायनाइड से 6,000 गुना घातक है और इसका कोई एंटीडोट आज तक विकसित नहीं हुआ।
साजिश का खुलासा कैसे हुआ?
एटीएस को एक गोपनीय सूत्र से सूचना मिली थी कि कुछ संदिग्ध लोग बड़ी मात्रा में केमिकल्स और लैब उपकरण एकत्र कर रहे हैं। इसके बाद एटीएस ने गहन निगरानी शुरू की। आतंकियों ने लखनऊ, दिल्ली और अहमदाबाद के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों की रेकी भी की थी, जिनकी फोटोग्राफी और नक्शे उनके पास से बरामद हुए हैं।
आतंकियों का मकसद क्या था?
प्राथमिक जाँच में पता चला है कि इन आतंकियों का इरादा ज्यादा से ज्यादा जनहानि करने के लिए किसी सार्वजनिक स्थान या कार्यक्रम में रिसिन फैलाने का था। वे धीरे-धीरे अपने नेटवर्क का विस्तार कर और ज्यादा लोगों को इसमें शामिल करने की योजना बना रहे थे। इसके पीछे का मास्टरमाइंड देश के बाहर एक नेट्वर्क को चला रहा है, जो ISKP से सीधा जुड़ा है।
अब आगे क्या?
गुजरात एटीएस ने सभी आतंकियों के खिलाफ UAPA और IPC की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां अब इनसे जुड़े अन्य संदिग्धों, सप्लाई चैन व संभावित हमलों की जांच में जुड़ गई हैं। देशभर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और सुरक्षा एजेंसियां श्रमशील हैं कि ऐसी जैविक आतंक साजिश दोबारा न हो पाए।