अमेरिका के न्यूयॉर्क में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के टाउन हॉल में होने वाले कार्यक्रम के कुछ आयोजक पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों और इस्लामिक डीप स्टेट से जुड़े बताए जा रहे हैं। मिस इन्फॉर्मेशन दिबंकर डिस इन्फो लैब (misinformation debunker Disinfo Lab) के अनुसार, कम से कम दो व्यक्ति - तंजीम अंसारी और जवाद अहमद, जो न्यूयॉर्क शहर में भारतीय प्रवासियों के सदस्यों के साथ राहुल गांधी की 4 जून की बातचीत के लिए समर्थन जुटाने और समन्वय करने में कथित रूप से शामिल हैं, अपने भारत विरोधी रुख के लिए जाने जाते हैं और उन्होंने कई बार कश्मीर में आतंकवाद का समर्थन किया है। तंजीम अंसारी ,मुस्लिम कम्युनिटी ऑफ़ न्यू जर्सी (MCNJ) की आउटरीच कमेटी के आमीर के रूप में कार्य करते हैं, जिसका नेतृत्व पाकिस्तान में जन्मे इमाम जवाद अहमद करते हैं, जो इस्लामिक सर्कल ऑफ़ नॉर्थ अमेरिका (ICNA) के परियोजना निदेशक के रूप में भी कार्य करते हैं।
इन सभी के नाम राहुल गांधी के न्यूयॉर्क कार्यक्रम के लिए गूगल डॉक्यूमेंट पेज में आयोजन के कॉर्डिनेटर के रूप में दिए गए है।
Prominent Indian politician Shri Rahul Gandhi, during his proposed #RahulInUSA tour,would attend several public events. He may not know, but some ‘coordinators’ who are claiming to be associated with events are Pak Jamaat-e-Islami & Muslim Brotherhood-linked fronts
— DisInfo Lab (@DisinfoLab) May 30, 2023
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“ICNA एक कट्टरपंथी इस्लामी संगठन है, जो पाकिस्तान के जमात-ए-इस्लामी (JeI) से जुड़ा है और भारत के खिलाफ पाकिस्तान की कट्टरपंथी पॉलिसी पर काम करने के साथ कट्टरपंथी और आतंकी संगठनों के साथ संबंध रखता है। डिसइन्फो लैब ने दावा किया कि ICNA, हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन जैसे आतंकवादियों को "भारत से कश्मीर को अलग करने की सोच" को महिमामंडित भी करता हैं।
एक अन्य कॉर्डिनेटर, मोहम्मद असलम है जो कि मुस्लिम सेंटर ऑफ़ ग्रेटर प्रिंसटन (MCGP) के सदस्य हैं, जो ICNA के साथ करीब से जुड़ा हुआ है। गौरतलब है कि प्रतिबंधित कट्टरपंथी समूह सिमी का संस्थापक भी आईसीएनए (ICNA) का सदस्य था। जस्टिस फॉर ऑल और एचएचआरडी जैसे मोर्चे आईसीएनए और जेईआई की छत्रछाया में काम करते हैं।
मिन्हाज खान, जिन्होंने यह भी कहा कि वह इस आयोजन के लिए समन्वय कर रहे थे, इंडियन अमेरिकन मुस्लिम कॉउंसिल (IAMC) से संबंध रखते हैं, जो भारत विरोधी लॉबिंग समूह है, जिसने मानवाधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता सहित विभिन्न मुद्दों पर लगातार भारत को निशाना बनाया है और भारत के भीतर सांप्रदायिक अशांति को बढ़ावा देने वाली खबर का प्रचार भी करता है।
अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि राहुल गाँधी को आयोजकों की वास्तविक पहचान के बारे में ज्ञान है अथवा नहीं जो उनके सार्वजनिक कार्यक्रम के कॉर्डिनेटर के रूप में जुड़े हुए है ।
2013-14 में जब डॉ मनमोहन सिंह सरकार सत्ता में थी, IAMC ने एक अमेरिकी लॉबिंग फर्म को नियुक्त किया, जिसने उन्हें यूनाइटेड स्टेट्स कमिशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF) में भारत के खिलाफ लॉबिंग के लिए 55,000 अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया था।
डीस इन्फो लैब के अनुसार IAMC के कार्यकारी निदेशक रशीद अहमद एक अन्य जमात फ्रंट, इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (IMANA) से भी जुड़े हैं, जिसने भारत की सद्भावना का फायदा उठाया और भारत की मदद के नाम पर कोरोना महामारी के दौरान लाखों जुटाए और सारा पैसा निकाल लिया। आईएमएएनए कथित तौर पर पाकिस्तानी सशस्त्र बलों के सेवानिवृत्त अधिकारियों और लश्कर और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी समूहों दोनों के साथ संबंध बनाए हुए है। इन मोर्चों और संगठनों पर अक्सर पाकिस्तान के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए लंबे समय से भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप लगाया जाता रहा है।