21 दिसंबर 2022 :चीन समेत समूचे यूरोप में कोरोना का महाविस्फोट हुआ है। चीन में हालात बेकाबू हो चुके है। चीन में कोविड के बढ़ते मामलों के कारण लोगों में भय बना हुआ है। यहां पर दवाई की दुकानों में लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। दवा की कमी के कारण उनकी कीमतें कई गुना ज्यादा बढ़ गई हैं। चीन में कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार एक बार फिर सख्ती पर विचार कर सकती है। यही वजह है कि संक्रमण वाले इलाकों में कई जगह जबरन दुकानें बंद कराई गईं है।हर दिन रिकॉर्ड मौतों के बाद श्मशान घाट तक में वेटिंग लिस्ट चल रही है।
इन सबको देखते हुए भारत अलर्ट हो गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया आज कोरोना की तैयारियों पर बैठक करने जा रहे हैं। बैठक में इंटरनेशनल और डोमेस्टिक एयरपोर्ट्स पर बचाव के लिए किस तरह कदम उठाया जाए, विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए नियमों का निर्धारण जैसे कई बिंदुओं पर विचार किया जाएगा।
इससे पहले स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एनसीडीसी और आईसीएमआर को पत्र लिखकर कहा है कि सभी राज्यों को जीनोम सीक्वेंसिंग पर जोर देना होगा। हालांकि, इस समय भारत में कोरोना के मामले ज्यादा नहीं हैं और इससे मौतें भी ना के बराबर हो रही हैं, लेकिन एक बार फिर इस वायरस के पूरी दुनिया में पैर पसारने की रफ्तार को देखते हुए सरकार कोई लापरवाही नहीं बरतना चाहती है। इसी वजह से स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की तरफ से एनसीडीसी और आईसीएमआर को पत्र लिखकर कहा गया है कि अगर कोरोना के नए वैरिएंट्स की समय रहते पहचान करनी है, तो इसके लिए जीनोम सीक्वेंसिंग जरूरी है। उन्होंने राज्यों को भी जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैंपल भेजने के निर्देश दिए हैं।