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arth-skin-and-fitness कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने सभी मुसलमानों को दिया OBC आरक्षण ! पिछड़ा आयोग ने उठाएं सवाल
दिनेश भट्ट April 24, 2024 04:44 PM IST

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने सभी मुसलमानों को दिया OBC आरक्षण ! पिछड़ा आयोग ने उठाएं सवाल 

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर आरोप है कि उसने मुस्लिम समाज को पिछड़ों के लिए आरक्षित कोटे में धर्म के आधार पर जगह दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को छत्तीसगढ़ में एक चुनावी रैली में इस मुद्दे को भी उठाया। पीएम ने कहा कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने एक और पाप किया है। मुस्लिम समुदाय में जितनी भी जातियां हैं, सबको उन्होंने ओबीसी कोटे में डालकर ओबीसी बना दिया। यानी जो हमारे ओबीसी समाज को लाभ मिलता था,उसका बड़ा हिस्सा कट गया.इस मुद्दे पर सियासी पारा बढ़ गया है। कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने हैं।

 

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने आरक्षण का लाभ देने के लिए मुसलमानों को पिछड़ा वर्ग (OBC) की लिस्ट में शामिल कर लिया है।सरकार ने मुसलमानों को कैटेगरी II-बी के तहत ओबीसी लिस्ट में जगह दी है. हालांकि, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) ने सरकार के इस फैसले की आलोचना की है। NCBC ने कहा कि इस फैसले ने सामाजिक न्याय के सिद्धांत को कमजोर कर दिया है।

 

 

दरअसल, राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग को कर्नाटक में ओबीसी आरक्षण कोटे में अनियमितता की जानकारी मिली थी. उसके बाद आयोग ने पिछले 6 महीने में इसकी जांच शुरू की। आयोग ने अपने जांच के दरमियान सरकारी नौकरी, मेडिकल, इंजीनियरिंग एडमिशन और तमाम सरकारी पदों पर सीमा से अधिक मुस्लिम आरक्षण दिए जाने की बात सामने आई। 

 

गत वर्ष राज्य के सरकारी पीजी मेडिकल के 930 सीटों में दिए गए आरक्षण की जब जांच की तो उसमें चौकाने वाले तथ्य सामने आए। आयोग ने पाया कि 930 में से 150 सीट मुस्लिम वर्ग को आरक्षित किया गया है जो करीब कुल सीट का 16 प्रतिशत है। खास बात ये है कि इनमें मुस्लिम वर्ग के उन जातियों को भी लाभ दिया गया है जो आरक्षण के दायरे में नहीं आते। अब राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग इस मुद्दे को उठाकर राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. आयोग राज्य के मुख्य सचिव को तलब कर मामले पर स्पष्टीकरण चाहता है।

 

कर्नाटक पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, मुस्लिम धर्म के भीतर सभी जातियों और समुदायों को पिछड़े वर्गों की राज्य सूची में श्रेणी IIB के तहत सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) ने पिछले साल शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में ओबीसी के लिए राज्य की आरक्षण नीति की जांच की थी।

आयोग ने एक बयान में कहा कि पिछड़ी जाति के रूप में मुसलमानों का व्यापक वर्गीकरण सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को कमजोर करता है। खासकर सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े के रूप में पहचानी जाने वाली हाशिए पर पड़ी मुस्लिम जातियां। बता दें कि कर्नाटक स्थानीय निकाय चुनावों में मुसलमानों सहित पिछड़े वर्गों को 32 प्रतिशत आरक्षण मिलता है। 2011 की जनगणना के अनुसार, कर्नाटक में मुसलमानों की आबादी 12.92 प्रतिशत है।

 

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