बताया जा रहा है कि एक आदिवासी समूह ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद ऑन एयर की गई टिप्पणी के लिए समाचार चैनल ‘आज तक’ के एंकर सुधीर चौधरी के खिलाफ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
सुधीर ने शो के दौरान व्यंग्यात्मक लहजे में कहा था-‘अब आज की रात उनकी कहां बीतेगी. उन्हें तो बहुत शानदार लाइफस्टाइल की आदत है. वो प्राइवेट प्लेन्स में चलते हैं. बड़ी-बड़ी गाड़ियों में चलते हैं. आज उनके लिए एक तरीके से वैसा ही होगा जैसे वो 20, 30, 40 साल पहले किसी आदिवासी के तौर पर अपने जंगल में चले जाएं.. आज की रात काफी मुश्किल होने वाली है.’
एक चैनल के एंकर ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी का उनकी आदिवासी पहचान के आधार पर जिस तरह अपमान किया है, वह अत्यंत शर्मनाक और निंदनीय है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 2, 2024
भारत की राष्ट्रपति, कई पूर्व मुख्यमंत्री, जज, किसान, अनगिनत अधिकारी, फौजी, नेता, मंत्री, कारोबारी और हमारे अनगिनत मेहनती… pic.twitter.com/G9a2vANeRF
इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर मुद्दा गरमाने लगा और इसी क्रम में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर काँग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा-एक चैनल के एंकर ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी का उनकी आदिवासी पहचान के आधार पर जिस तरह अपमान किया है, वह अत्यंत शर्मनाक और निंदनीय है। भारत की राष्ट्रपति, कई पूर्व मुख्यमंत्री, जज, किसान, अनगिनत अधिकारी, फौजी, नेता, मंत्री, कारोबारी और हमारे अनगिनत मेहनती और ईमानदार भाई बहन आदिवासी समाज से हैं। इस समाज की संस्कृति वो जीवन संस्कृति है जिसके उसूलों को आज पूरा विश्व अपना रहा है। जल जंगल ज़मीन का आदर करना, उसकी रक्षा करना, अपमानजनक नहीं, बल्कि प्रकृति को समझने की एक महान और गहरी सोच है।शायद सरकार की चापलूसी में मीडिया संस्थान न्यूनतम लोकतांत्रिक नैतिकता भी खो चुके हैं, किसी एंकर द्वारा आदिवासियों, दलितों और वंचितों का खुलेआम अपमान करना हर स्तर पर गलत है। मानवीय गरिमा और आदिवासी अस्मिता का आदर करते हुए इन एंकर महोदय को आदिवासी समुदाय से माफ़ी माँगनी चाहिए।