03 फरवरी 2022 : 2020 गलवान घाटी की झड़प में चीन के 42 सैनिक मारे जाने का खुलासा हुआ है। यह संख्या चीन की तरफ से बताई गई संख्या से दस गुणा अधिक है। इससे पहले चीन अब तक गलवान घाटी की झड़प में 4 सैनिकों के मारे जाने की बात कहता आया है।
ऑस्ट्रेलियाई न्यूज़पेपर "द क्लाक्ज़ॉन" (The Klaxon) में प्रकाशित हुई रिपोर्ट सोशल मीडिया के शोधकर्ताओं द्वारा तैयार की गई है।
गलवान घाटी झड़प के बाद भारत ने आधिकारिक तौर से घोषणा की थी कि गलवान में उसके 20 सैनिक मारे गए थे।
ऑस्ट्रेलियाई न्यूज़पेपर "द क्लाक्ज़ॉन" (The Klaxon) अखबार में "एक साल लंबी खोज-बीन के बाद तैयार की गई रिपोर्ट- गलवान डीकोडेड (Galwan Decoded) के नाम से प्रकाशित की गई है।ऑस्ट्रेलियाई अखबार द क्लैक्सन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में जून 2020 में चीन और भारत की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें चीन को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था। उसके 42 सैनिक इस हिंसक भिड़ंत के दौरान बर्फीली नदी में बह गए थे।
लेकिन चीन ने इसे छुपाते हुए अपने मृत सैनिकों की संख्या बेहद कम बताई थी। भारत और चीन के बीच गलवान में हुई इस हिंसक भिड़ंत के करीब डेढ़ साल बाद एक खोजी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 'बहुत बड़ा' नुकसान हुआ था।
एंथनी क्लान की एक विशेष रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि घाटी में गलवान नदी पार करते समय कई चीनी सैनिक बर्फीली नदी में बह गए थे और डूब गए थे। इनकी संख्या चीन की ओर से जारी किए गए आंकड़े की तुलना में बहुत अधिक थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि तथ्यों को प्रभावित करने के लिए गलवान में हुई दो अलग-अलग झड़पों के तथ्यों और तस्वीरों को आपस में जोड़ दिया गया।रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि चीन ने गलवान में हुई लड़ाई में मारे गए सैनिकों का खुलासा नहीं किया लेकिन उसने युद्ध में मारे गए अपने सैनिकों के लिए मरणोपरांत पदक की घोषणा की थी। इस जांच के लिए द क्लैक्सन ने स्वतंत्र रूप से सोशल मीडिया शोधकर्ताओं की एक टीम गठित की थी।